दिल्ली के शक्ति विहार में चार मंजिला इमारत ढही, चार की मौत, बचाव कार्य जारी

नई दिल्ली: उत्तर-पूर्वी दिल्ली के शक्ति विहार, गली नंबर 1, नेहरू विहार में शनिवार तड़के 3:02 बजे एक चार मंजिला इमारत के ढहने से बड़ा हादसा हुआ। इस घटना में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कुछ लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका जताई गई। पुलिस और बचाव दलों ने तत्काल कार्रवाई शुरू की, और अब तक 14 लोगों को मलबे से निकालकर जीटीबी अस्पताल पहुंचाया गया है, जहां चार को मृत घोषित किया गया।

दयालपुर पुलिस स्टेशन को सुबह 3:02 बजे इमारत ढहने की सूचना मिली। पुलिस के अनुसार, संपत्ति संख्या डी-26, शक्ति विहार में स्थित यह इमारत, जिसका मालिक तहसीन पुत्र यासीन बताया जा रहा है, लगभग 20 साल पुरानी थी और अनधिकृत कॉलोनी में बनी थी। इसका प्लॉट क्षेत्र करीब 60 वर्ग गज था, जिसमें ग्राउंड फ्लोर सहित तीन अतिरिक्त मंजिलें थीं। प्रारंभिक जांच में पता चला कि ग्राउंड फ्लोर पर दो-तीन दुकानों में निर्माण कार्य चल रहा था, जो ढहने का संभावित कारण हो सकता है। संकरी गलियों और घनी आबादी के कारण भारी मशीनरी का उपयोग सीमित है, जिससे बचाव कार्य में चुनौतियां आ रही हैं।

सीसीटीवी फुटेज में इमारत के ढहने का क्षण कैद हुआ है, जिसमें धूल और तेज हवा के बीच इमारत जमींदोज होती दिख रही है। यह फुटेज जांच के लिए सुरक्षित कर लिया गया है। घटना से कुछ घंटे पहले शुक्रवार रात दिल्ली में धूल भरी आंधी और बारिश हुई थी, जिसे भी ढहने का एक कारक माना जा रहा है।

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, दिल्ली अग्निशमन सेवा और पुलिस ने तुरंत बचाव अभियान शुरू किया। दिल्ली अग्निशमन सेवा को 2:50 बजे आपातकालीन कॉल मिली, जिसके बाद 10 फायर टेंडर मौके पर भेजे गए। भवन, रखरखाव, और स्वच्छता विभागों के कर्मचारी जेसीबी मशीनों और श्रमिकों के साथ मलबा हटाने में जुटे हैं। एनडीआरएफ के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल मोहसिन शाहिदी ने इसे “पैनकेक कॉलैप्स” बताया, जिसमें जीवित बचे लोगों की संभावना कम होती है, फिर भी बचाव दल पूरी सावधानी से मलबा हटा रहे हैं।

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, “मुस्तफाबाद में इमारत ढहने की घटना से गहरा दुख हुआ। घायलों के इलाज की व्यवस्था की गई है, और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।” पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी शोक व्यक्त करते हुए अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से बचाव कार्य में सहयोग करने की अपील की।

पुलिस के अनुसार, इमारत में करीब 22 लोग मौजूद थे, जिनमें मालिक तहसीन और उनका परिवार भी शामिल था। इमारत में कई किरायेदार परिवार रहते थे, जिनमें दो पुरुष, उनकी पत्नियां, और बच्चे शामिल थे। एक स्थानीय निवासी शहजाद अहमद ने बताया, “मेरे दो भतीजों की मौत हो गई, जबकि मेरी बहन, जीजा, और भतीजी घायल हैं और जीटीबी अस्पताल में भर्ती हैं।” प्रारंभिक जांच में खराब निर्माण गुणवत्ता, पुरानी संरचना, और सुरक्षा मानकों का उल्लंघन ढहने के संभावित कारण माने जा रहे हैं।

जीटीबी अस्पताल में भर्ती 14 लोगों में से चार की मौत हो चुकी है। शेष घायलों का इलाज चल रहा है, और कुछ की हालत गंभीर है। अस्पताल प्रशासन ने आपातकालीन चिकित्सा व्यवस्था लागू की है।

पुलिस ने इमारत मालिक तहसीन के खिलाफ मामला दर्ज किया है, और संरचनात्मक लापरवाही की जांच शुरू की गई है। दिल्ली में हाल के महीनों में बुराड़ी और मधु विहार में हुई इसी तरह की घटनाओं ने अनधिकृत कॉलोनियों में अवैध निर्माण और पुरानी इमारतों की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने इस घटना को चिंताजनक बताया और मुस्तफाबाद, करावल नगर, सीलमपुर, ओखला, मटिया महल, बल्लीमारन, और सदर बाजार जैसे क्षेत्रों में चौथी मंजिल से ऊपर की इमारतों और खस्ताहाल मकानों का सर्वेक्षण कर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने आम आदमी पार्टी के विधायकों और पार्षदों पर वोट बैंक और आय बढ़ाने के लिए अवैध निर्माण को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। सचदेवा ने दिल्ली नगर निगम आयुक्त से ऐसी इमारतों को सील करने और तोड़ने के आदेश देने का आग्रह किया।

यह घटना दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों में भवन सुरक्षा मानकों की अनदेखी को उजागर करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि पुरानी इमारतों का रखरखाव न होना और अवैध मंजिलों का निर्माण इस तरह की घटनाओं का प्रमुख कारण है। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से सुरक्षा मानकों को सख्ती से लागू करने की मांग की है। खबर लिखे जाने तक बचाव कार्य अभी जारी है, और पुलिस ने आसपास की इमारतों को खाली कराकर सुरक्षा जांच शुरू कर दी है।

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