राष्ट्रीय जजमेंट
भाजपा ने निशिकांत दुबे की उच्चतम न्यायालय पर की गई टिप्पणियों से खुद को अलग किया
भाजपा ने शनिवार को अपने सांसदों निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा द्वारा उच्चतम न्यायालय और भारत के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना पर की गई तीखी टिप्पणियों से खुद को अलग कर लिया।पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने इन टिप्पणियों को सांसदों के निजी विचार बताकर खारिज कर दिया। नड्डा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भाजपा का उसके सांसदों निशिकांत दुबे और दिनेश शर्मा की न्यायपालिका और प्रधान न्यायाधीश पर की गई टिप्पणियों से कोई लेना-देना नहीं है। ये उनकी निजी टिप्पणियां हैं, लेकिन भाजपा न तो उनसे सहमत है और न ही ऐसी टिप्पणियों का कभी समर्थन करती है। भाजपा इन्हें पूरी तरह से खारिज करती है।’’नड्डा ने यह भी कहा कि उन्होंने दोनों नेताओं और अन्य लोगों को ऐसी टिप्पणियां न करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने हमेशा न्यायपालिका का सम्मान किया है और उसके सुझावों एवं आदेशों को सहर्ष स्वीकार किया है क्योंकि एक दल के तौर पर उसका मानना है कि शीर्ष अदालत समेत सभी अदालतें लोकतंत्र का अभिन्न अंग हैं।भाजपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘वे संविधान की रक्षा के एक मजबूत स्तंभ हैं।’’ लोकसभा में चौथी बार अपने संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे दुबे निचले सदन में पार्टी के सबसे मुखर सदस्यों में से एक हैं।दुबे ने उच्चतम न्यायालय पर निशाना साधते हुए पहले कहा था कि अगर शीर्ष अदालत को कानून बनाना है तो संसद और राज्य विधानसभाओं को बंद कर देना चाहिए। उन्होंने प्रधान न्यायाधीश खन्ना पर भी कटाक्ष किया था। उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री शर्मा ने भी उच्चतम न्यायालय की आलोचना करते हुए कहा कि कोई भी संसद या राष्ट्रपति को निर्देश नहीं दे सकता।
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मुर्शिदाबाद : स्थानीय लोगों ने सड़क जाम की, बंगाल के राज्यपाल शिकायतें सुनने वापस आये
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बेतबोना के ग्रामीणों ने शनिवार को इस बात से नाराज होकर सड़क जाम कर दी कि राज्यपाल सी वी आनंद बोस का काफिला उनकी शिकायतें सुने बिना उनके इलाके से गुजर गया। प्रदर्शनकारियों ने तब तक अपना विरोध जारी रखा जब तक राज्यपाल उनसे मिलने के लिए वापस नहीं आ गए। मुर्शिदाबाद में बोस की टीम का हिस्सा रहे एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मुर्शिदाबाद के विभिन्न अशांत क्षेत्रों का दौरा करने के बाद राज्यपाल का काफिला शमशेरगंज के जाफराबाद के तहत बेतबोना गांव के लोगों से मिले बिना अन्य स्थानों की ओर बढ़ गया। इससे भीड़ उत्तेजित हो गई। जब यह बात राज्यपाल के संज्ञान में लाई गई तो उन्होंने काफिले को लौटने का आदेश दिया। भीड़ ने तालियां बजाकर उनका स्वागत किया।’’बोस ने ग्रामीणों की बात धैर्यपूर्वक सुनी और उन्हें आश्वासन दिया कि वह उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इलाके में एक स्थायी बीएसएफ शिविर स्थापित करने की उनकी मांग पर विचार करेंगे।
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अगर राज और उद्धव फिर से एक साथ हो जाते हैं, तो इसका स्वागत किया जाना चाहिए: सुले
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की सांसद सुप्रिया सुले ने शनिवार को कहा कि अगर अलग हुए चचेरे भाई राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के हित में फिर से एक साथ हो जाते हैं तो इसका ‘‘पूरे दिल से स्वागत’’ किया जाना चाहिए।
सुले ने दोनों चचेरे भाइयों के बीच सुलह की संभावना के बारे में लगाई जा रही अटकलों पर प्रतिक्रिया देते हुए यह बात कही। मनसे नेता राज ठाकरे और उनके चचेरे भाई एवं शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे के बीच संभावित राजनीतिक सुलह की अटकलों को उस समय बल मिला, जब दोनों के बयानों से संकेत मिला कि वे ‘‘मामूली मुद्दों’’ को नजरअंदाज कर सकते हैं और लगभग दो दशक के अलगाव के बाद हाथ मिला सकते हैं।महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने कहा कि उनके पिछले मतभेद ‘‘मामूली’’ हैं और ‘मराठी मानुष’ के व्यापक हित के लिए एकजुट होना कोई मुश्किल काम नहीं है। शिवसेना (उबाठा) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह छोटी-मोटी बातों और मतभेदों को नजरअंदाज करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते कि महाराष्ट्र के हितों के खिलाफ काम करने वालों को कोई महत्व नहीं दिया जाए।सुले ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राज ठाकरे ने कहा है कि महाराष्ट्र में हो रहा विवाद उनके विवाद से बड़ा है। यह मेरे लिए खुशी की खबर है…. अगर (दिवंगत शिवसेना संस्थापक) बाल ठाकरे हमारे बीच होते तो वह आज बहुत खुश होते।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर दोनों भाई महाराष्ट्र के हित के लिए फिर से एकजुट हो रहे हैं तो हमें इसका तहे दिल से स्वागत करना चाहिए।
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पुडुचेरी के मुख्यमंत्री आवास में बम रखे होने की धमकी निकली अफवाह
केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन. रंगासामी के आवास और पड़ोसी डेलार्शपेट के दो होटलों के परिसर में बम रखे होने संबंधी धमकी गहन तलाशी के बाद मात्र एक अफवाह निकली। पुलिस ने यह जानकारी दी।पुलिस ने बताया कि एक अज्ञात व्यक्ति ने शनिवार कोई-मेल के माध्यम से संदेश भेजकर यह धमकी दी थी। पुलिस के अनुसार होटल प्रबंधन ने पुलिस को यह सूचना दी थी। साइबर अपराध के जासूस और बम निरोधक दस्ते खोजी कुत्तों के साथ दो टीम में होटल और मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे। तीन घंटे तक व्यापक तलाशी ली गई।पुलिस ने बताया कि जब मुख्यमंत्री आवास की तलाशी ली गई तो वह मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए गए हुए थे। पुलिस ने बताया कि मामले दर्ज कर लिए गए हैं और संदेश के स्रोत का पता लगाने के लिए जांच तेज कर दी गई है।
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निशिकांत दुबे के बयान से राजनीतिक गलियारों में मची हलचल, कई बड़े नेताओं ने भाजपा सांसद की कड़ी आलोचना की
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की सुप्रीम कोर्ट पर विवादित टिप्पणी ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। एक तरफ जहां भाजपा ने अपने सांसद के बयान को निजी बताकर इससे किनारा कर लिया है, वहीं दूसरी पार्टियों के नेता दुबे के बयान की कड़ी आलोचना कर रहे हैं।महुआ मोइत्रा का बयानतृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने निशिकांत दुबे की कड़ी आलोचना करते हुए एक्स पर एक पोस्ट किया। इसमें उन्होंने लिखा, ‘याद रखें – पिटबुल अपने मालिक की आज्ञा के बिना कुछ नहीं करता। खुशी है कि पूरा देश न्यायपालिका पर भाजपा के छद्म हमलों को देख रहा है। बेंच को डराने-धमकाने की बेशर्म कोशिश। अज्ञानी गुंडों द्वारा शासित होने का भारत का सबसे बुरा समय।’सौरभ भारद्वाज का बयाननिशिकांत दुबे की सुप्रीम कोर्ट पर टिप्पणी पर आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, ‘अयोध्या मामले पर सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया और सभी ने इसे स्वीकार किया; यहां तक कि मुसलमानों ने भी इसे स्वीकार किया। निशिकांत दुबे जो कह रहे हैं, उससे पता चलता है कि मुसलमान सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करने के लिए तैयार हैं, भले ही फैसला उनके खिलाफ हो, लेकिन निशिकांत दुबे जैसे लोग भाजपा की विचारधारा को सही ठहराते हैं कि वे सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ जाने के लिए तैयार हैं।’केसी वेणुगोपाल का बयानइस मुद्दे पर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा, ‘यह अदालत की अवमानना, संविधान के उल्लंघन का स्पष्ट मामला है, इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। भारत के मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ संसद के एक सदस्य द्वारा गंभीर आरोप लगाया गया है, यह न्यायपालिका पर सीधा गंभीर हमला है, स्पीकर और कोर्ट को कार्रवाई करनी चाहिए, वे न्यायपालिका को धमकाने की कोशिश कर रहे हैं, यह लोकतंत्र के खिलाफ सबसे खतरनाक कार्रवाई है।
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भारी बारिश के बाद अचानक आई बाढ़ में तीन लोगों की मौत, करीब 40 घर क्षतिग्रस्त
जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में रातभर हुई भारी बारिश के कारण अलग-अलग जगहों पर अचानक बाढ़ आ गई, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई। इस आपदा ने इलाकों में भूस्खलन और ओलावृष्टि भी की, जिससे बुनियादी ढांचे और संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा है। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीम ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है और नागरिकों से सावधानी बरतने की अपील की है।कई इमारतें और वाहन क्षतिग्रस्तरामबन जिले में भारी बारिश और ओलावृष्टि के बाद भूस्खलन के कारण कई इमारतें और वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं। सामने आई जानकारी के अनुसार, आपदा में दस घर पूरी तरह से नष्ट हो गए, जबकि 40 मकान क्षतिग्रस्त हो गए। पुलिस और जिला प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्र में फंसे करीब 90 से 100 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है।जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवाजाही प्रभावितलगातार बारिश के कारण हुए भूस्खलन के बाद रामबन जिले में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग 44 का एक हिस्सा बुरी तरह प्रभावित हुआ है। प्रशासन ने लोगों को इस राजमार्ग से गुजरने से बचने की सलाह दी है। उप यातायात निरीक्षक जावेद कटारिया ने कहा, ‘राष्ट्रीय राजमार्ग (रामबन जिले में जम्मू-श्रीनगर एनएच) पूरी तरह से अवरुद्ध है (भूस्खलन के कारण)। मौसम में सुधार होने तक इस राजमार्ग से गुजरने से बचें। निकासी का काम चल रहा है, लेकिन ऐसा नहीं लगता कि राजमार्ग शाम या कल से पहले खुलेगा क्योंकि लगातार बारिश हो रही है।’
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