कुछ लोगों के लिए धार्मिक पहचान नफरत वाली राजनीति को…’, निशिकांत दुबे पर एसवाई कुरैशी का पलटवार

राष्ट्रीय जजमेंट

पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एसवाई कुरैशी ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे पर पलटवार किया। कुरैशी ने कहा कि वह भारत के विचार को मानते हैं जहां लोगों की पहचान उनकी प्रतिभा और योगदान से होती है। कुरैशी ने भाजपा सांसद दुबे पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोगों के लिए धार्मिक पहचान नफरत वाली राजनीति को आगे बढ़ाने का जरिया होती है। उन्होंने कहा कि भारत अपनी संवैधानिक संस्थाओं और सिद्धांतों के लिए खड़ा रहा है, खड़ा है और खड़ा रहेगा। कुरैशी ने कहा कि मैंने चुनाव आयुक्त के संवैधानिक पद पर अपनी पूरी क्षमता से काम किया है और आईएएस में मेरा लंबा और संतुष्टिदायक करियर रहा है। मैं भारत के ऐसे विचार में विश्वास करता हूं, जहां किसी व्यक्ति को उसकी धार्मिक पहचान से नहीं, बल्कि उसकी प्रतिभा और योगदान से पहचाना जाता है। उन्होंने कहा, “लेकिन मुझे लगता है कि कुछ लोगों के लिए धार्मिक पहचान उनकी नफरत भरी राजनीति को आगे बढ़ाने का एक मुख्य साधन है। भारत हमेशा अपने संवैधानिक संस्थानों और सिद्धांतों के लिए खड़ा रहा है और लड़ता रहेगा।” कुरैशी जुलाई 2010 से जून 2012 तक भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त रहे।भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने रविवार को कुरैशी की आलोचना करते हुए उन्हें चुनाव आयुक्त की बजाय “मुस्लिम आयुक्त” कहा था। भाजपा सांसद का यह बयान ऐसे समय में आया है जब एक दिन पहले ही उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय पर निशाना साधते हुए टिप्पणी की थी, साथ ही वक्फ (संशोधन) अधिनियम की आलोचना की थी – एक ऐसा कानून जिसकी कुरैशी ने पहले निंदा की थी और कहा था कि यह “मुस्लिम भूमि हड़पने के लिए सरकार की एक भयावह और बुरी योजना है।” जवाब में दुबे ने कुरैशी पर मुख्य चुनाव आयुक्त के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान सांप्रदायिक पक्षपात करने का आरोप लगाया। भाजपा सांसद ने कहा: “आप चुनाव आयुक्त नहीं थे, आप मुस्लिम आयुक्त थे। आपके कार्यकाल के दौरान झारखंड के संथाल परगना में सबसे ज़्यादा बांग्लादेशी घुसपैठियों को मतदाता बनाया गया।” उन्होंने कहा, “पैगंबर मोहम्मद का इस्लाम भारत में 712 में आया। उससे पहले यह भूमि (वक्फ) उस धर्म से जुड़े हिंदुओं या आदिवासियों, जैनियों या बौद्धों की थी।”

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More