झारखंड में मुठभेड़ के दौरान आठ नक्सली ढेर, गृह मंत्रालय का ट्वीट, नक्सलवाद को खत्म करने की हमारी मुहिम निरंतर जारी

राष्ट्रीय जजमेंट

झारखंड के बोकारो में केंद्रीय बलों ने सोमवार को नक्सलियों के खिलाफ अपने व्यापक अभियान में बड़ी सफलता हासिल की, जिसमें एक करोड़ रुपये के इनाम वाले माओवादी नेता सहित आठमारे गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की जंगल युद्ध इकाई – कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन (कोबरा) के कमांडो – और झारखंड पुलिस ने सोमवार सुबह संयुक्त अभियान चलाया। बोकारो मुठभेड़ पर झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि आज हमारे सुरक्षा बलों ने 8 माओवादियों को मार गिराया है। हमने चार इंसास और एक एसएलआर समेत हथियार बरामद किए हैं। तीन शीर्ष नक्सली विवेक उर्फ ​​प्रयाग माझी, अरविंद यादव और साहेबराम माझी मारे गए हैं। अनुराग गुप्ता ने बताया कि इस ऑपरेशन को जेजे (झारखंड जगुआर), पुलिस और सीआरपीएफ ने अंजाम दिया। सुबह 5.30 बजे पहली गोलीबारी हुई। मुठभेड़ डेढ़ से दो घंटे तक चली…आज हमारे पास राज्य के हर नक्सली की हर जानकारी और लोकेशन है। उन्होंने कहा कि यह उन लोगों के लिए चेतावनी है जो अभी भी हथियार लेकर घूम रहे हैं। उन्हें सरेंडर कर देना चाहिए क्योंकि हम हर जानकारी और उनके ठिकानों के बारे में जानते हैं। अगर वे शांति चाहते हैं और झारखंड की सरेंडर नीति का लाभ उठाना चाहते हैं तो उन्हें सरेंडर कर देना चाहिए।इसके बाद गृह मंत्रालय ने ट्वीट किया कि नक्सलवाद को खत्म करने की हमारी मुहिम निरंतर जारी है। आज सुरक्षा बलों को नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए चल रहे अभियान में एक और बड़ी सफलता मिली। झारखंड के बोकारो में लुगु हिल्स में मुठभेड़ में 8 माओवादी मारे गए, जिनमें एक शीर्ष स्तर का नक्सली नेता विवेक, जिस पर 1 करोड़ रुपये का इनाम था, और दो अन्य कुख्यात नक्सली शामिल हैं। अभियान जारी है। हमारे सुरक्षा बलों की सराहना करें।इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सभी छिपे हुए नक्सलियों से यथाशीघ्र आत्मसमर्पण करने और मुख्यधारा में शामिल होने का आह्वान करते हुए कहा कि सरकार 31 मार्च 2026 से पहले देश को नक्सलवाद के अभिशाप से मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। शाह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जारी एक पोस्ट में कहा, ‘‘छिपे हुए नक्सलियों से मेरी अपील है कि मोदी सरकार की आत्मसमर्पण नीति को अपनाकर यथाशीघ्र हथियार डालें और मुख्यधारा में शामिल हों। इकत्तीस मार्च 2026 से पहले हम देश को नक्सलवाद के दंश से मुक्त करने के लिए संकल्पित हैं।’’

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