मोदी सऊदी अरब से लौट आये, निर्मला सीतारमण अमेरिका से तुरंत लौट रही हैं, अमित शाह भी दिल्ली वापस आ रहे हैं…आतंक पर बड़ा और कड़ा प्रहार होने वाला है
पाकिस्तान को तगड़ा सबक सिखाने के संकेत मिलने लगे हैं क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना सऊदी अरब दौरा छोटा कर देश लौट चुके हैं। अमेरिका की जरूरी यात्रा पर गईं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी देश लौट रही हैं क्योंकि प्रधानमंत्री ने सीसीएस यानि कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी की बैठक बुलाई है जिसमें कोई बड़ा फैसला लिये जाने की उम्मीद है। हम आपको बता दें कि सीसीएस में प्रधानमंत्री के अलावा गृह मंत्री, रक्षा मंत्री, वित्त मंत्री, विदेश मंत्री, तीनों सेनाओं के प्रमुख और एनएसए शामिल होते हैं। बताया जा रहा है कि कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा के बाद गृह मंत्री भी दिल्ली लौट रहे हैं। सीसीएस की बैठक आज शाम को होने की उम्मीद है। इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने आज सुबह सऊदी अरब से लौटने पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ हवाई अड्डे पर बैठक की और हालात का जायजा लिया। अधिकारियों ने बताया कि इस बैठक में विदेश सचिव विक्रम मिसरी भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री के आते ही अधिकारियों ने उन्हें आतंकवादी हमले और सुरक्षा हालात के संबंध में जानकारी दी। हम आपको बता दें कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि हमले में जिनका भी हाथ है उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।दूसरी ओर, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में मारे गए 26 लोगों के शवों पर आज पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और हमले में बचे लोगों को आश्वासन दिया कि इस नृशंस कृत्य के दोषियों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा। शाह ने पुलिस नियंत्रण कक्ष में आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों के ताबूतों पर पुष्पचक्र अर्पित की। अधिकारियों ने बताया कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी मृतकों को श्रद्धांजलि दी। गृह मंत्री ने मारे गए लोगों के परिवारों और हमले में जीवित बचे अन्य लोगों से बाद में बात की। अधिकारियों ने बताया कि शाह ने उन्हें आश्वासन दिया कि सुरक्षा बल इस घातक हमले के दोषियों को सजा दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। हम आपको बता दें कि शाह हमले के कुछ ही घंटों के भीतर मंगलवार रात को श्रीनगर पहुंचे थे और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नलिन प्रभात ने उन्हें स्थिति के बारे में जानकारी दी थी। गृह मंत्री ने एक सुरक्षा समीक्षा बैठक की भी अध्यक्षता की, जिसमें उपराज्यपाल भी शामिल हुए।
पहलगाम आतंकी हमले का अब इंतेकाम, दिल्ली में रक्षा मंत्री की हाई लेवल मीटिंग, अजीत डोभाल भी रहे मौजूद
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के नतीजों पर चर्चा करने और केंद्र शासित प्रदेश में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ और तीनों सैन्य प्रमुखों के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की। इससे पहले आज रक्षा मंत्री को पहलगाम और पूरे जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति के बारे में सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और उनके नौसेना समकक्ष एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने जानकारी दी। बैठक में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति से जुड़े सभी मुद्दों पर चर्चा की गई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एनएसए अजीत डोभाल और तीनों सशस्त्र बलों के प्रमुखों के साथ जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति से जुड़े सभी मुद्दों पर बैठक ढाई घंटे तक चली। बाद में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में हिस्सा लेंगे। सीसीएस राष्ट्रीय सुरक्षा पर निर्णय लेने वाली सर्वाेच्च संस्था है। दोपहर में तीन आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले में एक नवविवाहित नौसेना अधिकारी, पर्यटकों और नागरिकों सहित 28 लोग मारे गए। माना जाता है कि तीन में से दो विदेशी हैं और सभी का संबंध पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा के प्रतिनिधि द रेजिस्टेंस फ्रंट से है।आतंकवादियों के शुरुआती स्केच जारी कर दिए गए हैं और उन्हें पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है – जिसमें पुलिस, सेना और अर्धसैनिक बल के जवान शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो सऊदी अरब की राजकीय यात्रा बीच में छोड़कर आज सुबह दिल्ली लौटे हैं, ने हमले की निंदा की है और दोषियों को सजा दिलाने की कसम खाई है। कल रात एक्स पर एक भावुक पोस्ट में मोदी ने कहा, ष्इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा… उनका नापाक एजेंडा कभी सफल नहीं होगा। आतंकवाद से लड़ने का हमारा संकल्प अडिग है।
पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात के बाद अमित शाह घटनास्थल पर पहुंचे, श्रद्धांजलि अर्पित की, क्या होगा अब अगला कदम?
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज सुबह श्रीनगर पहुंचे और पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए लोगों के परिवारों से व्यक्तिगत रूप से मिले। पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई और कई घायल हो गए। शाह ने पहले पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित की और शोक संतप्त परिवारों के साथ देश की गहरी संवेदना को स्वीकार किया।अमित शाह श्रीनगर पहुंचे, पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों के परिवारों से मिलेकेंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों के शवों पर पुष्पांजलि अर्पित की और बचे लोगों को आश्वासन दिया कि इस नृशंस कृत्य के अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार, शाह ने श्रीनगर में पुलिस नियंत्रण कक्ष में आतंकी हमले के पीड़ितों के ताबूतों पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस घटना ने कश्मीर के सबसे खूबसूरत स्थलों में से एक की शांति को भंग कर दिया गया, जिसे अक्सर भारत का ष्मिनी-स्विट्जरलैंडष् कहा जाता है। यह भयानक हमला अनंतनाग जिले के सुदूर उच्च-ऊंचाई वाले क्षेत्र में हुआ – एक ऐसा स्थान जहाँ केवल ट्रेकिंग या घोड़े की पीठ पर ही पहुँचा जा सकता है। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घातक घटना के मद्देनजर सऊदी अरब की अपनी दो दिवसीय यात्रा को बीच में ही छोड़कर मंगलवार रात को भारत के लिए रवाना हो गए। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हमलों की निंदा कीएआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ष्पहलगाम में आतंकवादियों ने निर्दाेष लोगों का धर्म पूछकर उनकी हत्या कर दी। हम इस घटना की कड़ी निंदा करते हैं। हमें उम्मीद है कि सरकार इन आतंकवादियों को सबक सिखाएगी। हम पीड़ित परिवारों के साथ एकजुटता से खड़े हैं और प्रार्थना करते हैं कि घायल लोग जल्द से जल्द ठीक हो जाएं। दूसरी बात, यह खुफिया विफलता भी है और नरेंद्र मोदी सरकार को अपनी निवारक नीति की फिर से जांच करनी चाहिए। यह घटना उरी और पुलवामा से भी ज्यादा निंदनीय है क्योंकि पड़ोसी देश से आए इन आतंकवादियों ने नागरिकों और पर्यटकों को निशाना बनाया है। हम मोदी सरकार से जवाबदेही तय करने की मांग करते हैं।ष्शीर्ष सूत्र ने कहा, दो पाकिस्तानी और दो स्थानीय आतंकवादी शामिल थे
एक शीर्ष सूत्र के अनुसार, पहलगाम हमले के दौरान तीन से चार आतंकवादियों ने एके-47 राइफलों से लगातार गोलीबारी की। उनमें से दो पश्तून भाषा में बात कर रहे थे, जिससे संकेत मिलता है कि वे पाकिस्तानी नागरिक थे, जबकि अन्य दो- जिनकी पहचान आदिल और आसिफ के रूप में हुई है- बिजभेरा और त्राल के स्थानीय निवासी हैं। बताया जा रहा है कि हमलावरों में से एक या दो ने बॉडी कैमरा पहना हुआ था और उन्होंने पूरी घटना को रिकॉर्ड किया। एनआईए ने बयान दर्ज किए हैं और फोरेंसिक टीम घटनास्थल से गोलियों के खोल और अन्य नमूने एकत्र कर रही है।जम्मू-कश्मीर सरकार ने पहलगाम आतंकी हमले में मृतकों के परिवारों को 10-10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 2 लाख रुपये और मामूली रूप से घायलों को 1 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।
कौन हैं बिहार के आईबी अफसर मनीष रंजन, पत्नी-बच्चों के सामने आतंकियों ने मारी गोली, छुट्टियां मनाने पहुंचे थे पहलगाम
हैदराबाद में तैनात इंटेलिजेंस ब्यूरो के सेक्शन ऑफिसर मनीष रंजन मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में मारे गए 28 लोगों में शामिल थे। मूल रूप से बिहार के रहने वाले मनीष रंजन हमले के समय हैदराबाद में आईबी में कार्यरत थे। जब हमला हुआ, तब परिवार कई अन्य पर्यटकों के साथ पहलगाम में बैसरन घाटी का दौरा कर रहा था, जिसे ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से जाना जाता है। आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया गया कि वह अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ एलटीसी (जम्मू-कश्मीर) पर गए थे। वे रोहतास के करगहर थाना क्षेत्र के अरुही गांव निवासी थे।दावा किया जा रहा है कि जैसे ही मनीष ने गोलियों की आवाज सुनी तो उन्होंने पत्नी और बच्चों को दूसरी तरफ जाने को कहा। इसी दौरान वो अपने परिवार से दूर हो गए और इस दौरान आतंकियों ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी। मनीष रंजन अपने परिवार के साथ उन कई पर्यटकों में शामिल थे जो मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक लोकप्रिय मैदान में मौजूद थे, जब आतंकवादियों ने उन पर गोलियां चला दीं। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने इस घटना पर गहरा दुख और दुख व्यक्त किया। इस क्रूर कृत्य की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह के कायरतापूर्ण हमले कभी भी भारतीय लोगों के लचीलेपन और भावना को नहीं तोड़ पाएंगे। उन्होंने केंद्र सरकार से अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आह्वान किया और पीड़ितों के परिवारों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त की। यह हमला, जिसमें कम से कम 28 लोग मारे गए, हाल के वर्षों में घाटी में निहत्थे नागरिकों पर सबसे घातक आतंकवादी हमलों में से एक था। मारे गए ज़्यादातर लोग पर्यटक थे जो कश्मीर घूमने आए थे। कुछ लोग अपने परिवार के साथ घूमने आए थे, तो कुछ नवविवाहित जोड़े अपने हनीमून पर थे।कुछ रिपोर्टों के अनुसार, आतंकवादियों ने लोगों को चुना और उनसे कहा कि अगर वे इस्लामी आयतें नहीं पढ़ पाए तो उन्हें मार दिया जाएगा। हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब की अपनी दो दिवसीय यात्रा बीच में ही छोड़ दी और बुधवार सुबह भारत लौट आए। उन्होंने उतरते ही सबसे पहले जमीनी हालात की जानकारी ली। गृह मंत्री अमित शाह भी मंगलवार को जमीनी हालात की निगरानी के लिए जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना हुए और उनके आगमन पर जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक नलिन प्रभात ने उन्हें जानकारी दी।
मोरारी बापू के राम कथा कार्यक्रम में शामिल होने कश्मीर आए भावनगर के पिता-पुत्र की हत्या, चुन-चुन कर आतंकियों ने हिंदुओं को मारा!!
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुआ आतंकी हमला 2019 में पुलवामा के बाद घाटी में नागरिकों पर अब तक का सबसे घातक हमला है। प्रत्यक्षदर्शियों और जीवित बचे लोगों ने खुलासा किया है कि हमलावरों ने पर्यटकों को उनके धर्म और पहचान के आधार पर निशाना बनाया। कुछ मामलों में, पुरुष पीड़ितों को कथित तौर पर अपनी पतलून उतारने के लिए कहा गया, और उनके निजी अंगों की जाँच की गई ताकि उनकी आस्था का पता लगाया जा सके। कई जीवित बचे लोगों ने कहा कि हमलावरों ने लोगों से गोलीबारी करने से पहले कलमा, एक इस्लामी आस्था की घोषणा, पढ़ने के लिए कहा। नहीं पढ़ सके तो गोली मार दी।गुजरात के भावनगर से पिता-पुत्र की हत्या मोरारी बापू के कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों में गुजरात के भावनगर जिले के पिता-पुत्र भी शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक, भावनगर से करीब 20 लोग आध्यात्मिक गुरु मोरारी बापू के राम कथा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कश्मीर गए थे। हमले के दिन, समूह पहलगाम में घूमने गया था, तभी आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। मारे गए लोगों में कलियाबिड के नंदनवन सोसायटी की गली नंबर 7 के निवासी यतीश परमार और उनके किशोर बेटे स्मित परमार भी शामिल हैं। पिता-पुत्र की जोड़ी 16 अप्रैल को मोरारी बापू के आध्यात्मिक प्रवचन में शामिल होने के लिए यतीश की पत्नी काजल के साथ सुरेंद्रनगर से जम्मू तवी जाने वाली ट्रेन में सवार हुए थे। दुखद बात यह है कि इस हमले में केवल काजल ही बच पाई, जबकि यतीश और स्मित दोनों ने घात लगाकर अपनी जान गंवा दी, जिससे परिवार और स्थानीय समुदाय शोक में डूब गया।मंगलवार को, आतंकवादियों ने पहलगाम में बैसरन घाटी के घास के मैदानों के पास पर्यटकों के एक समूह पर गोलीबारी की, जिसमें दो विदेशी और दो स्थानीय लोगों सहित 26 लोग मारे गए। प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों और रिपोर्टों से पता चलता है कि हमलावरों ने पीड़ितों को उनके नाम, धार्मिक प्रतीकों और कपड़ों के आधार पर निशाना बनाया और फिर उन्हें बिल्कुल नजदीक से गोली मार दी।पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के एक प्रतिनिधि द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने घात लगाकर किए गए हमले की जिम्मेदारी ली है। सेना के विक्टर फोर्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह, सीआरपीएफ और विशेष बलों सहित सुरक्षा बलों ने क्षेत्र में बड़े पैमाने पर आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया है। हमले के तुरंत बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह श्रीनगर पहुंचे और सेना, सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस के शीर्ष अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की।सऊदी अरब की अपनी यात्रा को बीच में ही छोड़कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ष्जघन्यष् कृत्य की निंदा की और वादा किया कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को ष्बख्शा नहीं जाएगा।ष् इस लक्षित हमले ने भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक सदमे और निंदा को जन्म दिया है, और दिल्ली, मुंबई, जयपुर और अमृतसर सहित कई प्रमुख भारतीय शहरों में सुरक्षा अलर्ट बढ़ा दिया गया है।
श्पूरे देश के सामने हम शर्मिंदा हैंश्, पहलगाम हमले पर बोलीं महबूबा मुफ्ती, कश्मीरियत तो है, लेकिन…
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को पहलगाम आतंकवादी हमले के विरोध में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के एक मार्च का नेतृत्व किया जिसमें 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हम कश्मीरी इस घटना से शर्मिंदा हैं। यह पूरे जम्मू-कश्मीर पर हमला है। गृह मंत्री को घटना के दोषियों का पता लगाना चाहिए और उन्हें सजा देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कश्मीरियत तो है, लेकिन हम पूरे देश के सामने शर्मिंदा हैं।
मुफ्ती ने कहा कि जो कल पहलगाम में हमला हुआ वह केवल मासूम पर्यटकों पर हमला भर नहीं था बल्कि जम्मू कश्मीर के लोगों पर हमला था। हम इसकी निंदा करते हैं। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री यहां आए हुए हैं, मेरी उनसे अपील है कि वे पता लगाएं कि इसमें कौन लोग शामिल थे ताकि उन्हें जल्द से जल्द सजा दी जाए… मैं आपसे शर्मिंदा हूं, कश्मीरी आपसे शर्मिंदा हैं कि आप यहां आए और आपके साथ इतना बड़ा हादसा हुआ। इस समय हमें सियासत करने की जरूरत नहीं है। मैं एक बार फिर अपने देश के लोगों से माफी मांगना चाहती हूं और शर्मिंदगी जाहिर करना चाहती हूं।
च्क्च् नेता इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि मेरा गृह मंत्री से यही आग्रह है कि एक इंक्वायरी बैठे और इसकी जांच हो कि इस घटना के पीछे कौन लोग हैं। उनका क्या मकसद था? हमारी सुरक्षा एजेंसियों को भी जिम्मेदारी लेनी चाहिए… हम 6 साल से बोलते आ रहे हैं कि कश्मीर में हालात सामान्य नहीं हैं। अफसोस की बात है कि दिल्ली में बैठे लोगों को अभी भी समझ नहीं आ रहा है यहां ज़मीनी हक़ीक़त क्या है। यह सिर्फ इन पर्यटकों पर हमला नहीं है ये जम्मू-कश्मीर के हर नागरिक पर हमला है, ये कश्मीरियत पर हमला है।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में मारे गए 26 लोगों के शवों पर पुष्पांजलि अर्पित की और बचे लोगों को आश्वासन दिया कि इस नृशंस कृत्य के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर लिखा कि भारी मन से पहलगाम आतंकी हमले के मृतकों को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके साथ ही दुश्मनों को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि भारत आतंक के आगे नहीं झुकेगा। इस नृशंस आतंकी हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
क्रिया की प्रतिक्रिया होगी, नया भारत पाकिस्तान को सबक सिखाएगारू शिंदे
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कश्मीर के पहलगाम शहर के निकट हुए आतंकवादी हमले को लेकर मंगलवार को पाकिस्तान की आलोचना की और कहा कि क्रिया की प्रतिक्रिया होगी।कश्मीर के पहलगाम शहर के निकट ‘मिनी स्विटरलैंड’ नाम से मशहूर पर्यटन स्थल बैसरन पर हुए आतंकवादी हमले में दो विदेशी और दो स्थानीय नागरिकों समेत 26 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में ज्यादातर पर्यटक थे। यह 2019 में पुलवामा में हुए हमले के बाद घाटी में हुआ सबसे बड़ा हमला है।
पाकिस्तान में स्थित प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी)के छद्म संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। मंगलवार देर रात पार्टी के एक कार्यक्रम में शिंदे ने कहा कि महाराष्ट्र के कुछ पर्यटकों पर भी आतंकवादियों ने हमला किया।उपमुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रगति जगताप नाम की एक लड़की से बात की, जिसने बताया कि उसके पिता और चाचा को आतंकवादियों ने गोली मार दी थी। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार राज्य के पर्यटकों को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने की कोशिश कर रही है।उन्होंने कहा, ‘‘लड़की ने बताया कि वे (आतंकवादी) पुलिस की वर्दी में आए और उसके पिता और चाचा का नाम और धर्म पूछा…यह कायरों द्वारा किया गया हमला है।’’शिंदे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह आतंकवादियों और उन्हें समर्थन देने वाले पाकिस्तान को सबक सिखाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘यह खेल पाकिस्तान ने शुरू किया है, लेकिन हमें पूरा भरोसा है कि इसे भारतीय जवान खत्म करेंगे।
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उप्र रू दलित किशोरी से घर में घुसकर बलात्कार करने का आरोपी हिरासत में
सुलतानपुर जिले के दोस्तपुर इलाके में घर में घुसकर एक दलित किशोरी से बलात्कार करने के आरोप में एक व्यक्ति को पुलिस ने हिरासत में लिया है। पुलिस सूत्रों ने बुधवार को यहां बताया कि दोस्तपुर थाना क्षेत्र के एक गांव के रहने वाले दलित समुदाय के व्यक्ति ने थाने में शिकायत दर्ज करायी है।शिकायत में उसने बताया है कि लगभग एक माह से गांव का ही एक युवक उसकी बेटी से फोन पर बातचीत करता था और वह बेटी के साथ अवैध संबध बनाने की कोशिश कर रहा था।
शिकायत में कहा गया है कि इस बात की जानकारी होने पर युवक समझाया गया लेकिन वह नहीं माना। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि मंगलवार को दोपहर में जब उसकी बेटी घर पर अकेली थी तभी आरोपी युवक चुपके से घर में घुसा और उसकी बेटी से बलात्कार किया।शिकायत के अनुसार, उसी समय लड़की की मां वहां पहुंची जिसने युवक को पकड़ने का प्रयास किया लेकिन आरोपी ने उसे जाति सूचक अपशब्द कहे, जान से मारने की धमकी दी और भागने की कोशिश की।
शिकायत में कहा गया है कि तब तक लड़की का पिता भी मौके पर पहुंच गया और उसने पुलिस को बुलाया जिसने आरोपी को हिरासत में ले लिया। पुलिस क्षेत्राधिकारी विनय गौतम ने बताया कि लड़की के पिता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। पीड़िता का मेडिकल परीक्षण कराया जा रहा है।
हत्या के दोषी व्यक्ति को आजीवन कारावास रू पत्नी को भी हुई तीन साल की जेल
महराजगंज की एक अदालत नेएक युवक की हत्या के मामले में आरोपी व्यक्ति को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता अजीत कुमार सिंह ने बुधवार को बताया कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश नीरज कुमार ने मंगलवार को यह आदेश पारित किया।अदालत ने राजकिशोर (45) को आजीवन कारावास और उसे बचाने की कोशिश करने वाली उसकी पत्नी विभा (40) को तीन साल कैद की सजा सुनाई है। उन्होंने बताया कि राजकिशोर और उसकी पत्नी पर सात सितंबर 2016 को पुरानी रंजिश के चलते निचलौल इलाके में सोनू नामक युवक की गला दबाकर हत्या करने का आरोप था।सिंह ने बताया कि इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या के लिए सजा) और 201 (अपराध के सुबूतों को गायब करना) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
एनआईए की टीम आईजी के नेतृत्व में पहलगाम रवाना हुई
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की एक टीम को एक महानिरीक्षक (आईजी) के नेतृत्व में जम्मू कश्मीर के आतंकवाद प्रभावित पहलगाम के लिए रवाना किया गया है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।सूत्रों ने बताया कि टीम पहलगाम के लिए रवाना हो गई है, जहां वह मंगलवार को हुए नृशंस आतंकवादी हमले की जांच कर रही स्थानीय पुलिस को सहायता प्रदान करेगी। इस हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें से अधिकतर देश के विभिन्न भाग से आए पर्यटक थे।आतंकवादियों ने उन पर्यटकों पर गोलियां चलाईं जो पहलगाम के बैसरन में भोजनालयों के आसपास घूम रहे थे, खच्चरों पर सवारी कर रहे थे या पिकनिक मना रहे थे। अपनी मनोरम सुंदरता के कारण इस जगह को ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ कहा जाता है।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद सीतारमण ने अमेरिका दौरा छोटा किया
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए नृशंस आतंकी हमले के मद्देनजर अमेरिका की अपनी आधिकारिक यात्रा को छोटा कर दिया है। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे।सीतारमण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय ‘सुरक्षा पर मंत्रिमंडलीय समिति’ का हिस्सा हैं। मोदी ने अपनी दो दिवसीय सऊदी अरब यात्रा को छोटा कर दिया और बुधवार सुबह नयी दिल्ली पहुंच गए।वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, “केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण अमेरिका-पेरू की अपनी आधिकारिक यात्रा को बीच में ही रोक रही हैं। इस कठिन और दुखद समय में अपने लोगों के साथ रहने के लिए वह जल्द से जल्द उपलब्ध विमान से भारत वापस आ रही हैं।”सीतारमण अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की ‘वसंतकालीन बैठक’ और जी-20 सदस्य देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों (एफएमसीबीजी) की बैठक में भाग लेने के लिए 20 अप्रैल से अमेरिका और पेरू की 11 दिवसीय यात्रा पर थीं।अधिकारियों के अनुसार, मंगलवार को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में एक प्रमुख पर्यटक स्थल पर आतंकवादियों ने हमला किया, जिसमें कम से कम 26 लोग मारे गए, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। हमले में कई अन्य घायल हो गए हैं।उन्होंने बताया कि मृतकों में दो विदेशी (संयुक्त अरब अमीरात और नेपाल से) और दो स्थानीय लोग शामिल हैं। हमले की निंदा करते हुए सीतारमण ने कहा कि ‘दुख व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं हैं’। उन्होंने कहा, “मैं आतंकवादी हमले की निंदा करता हूं। सभी पीड़ित परिवारों और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदनाएं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करती हूं।
खूफिया एजेंसियों ने पहलगाम आतंकी हमले के संदिग्ध मास्टरमाइंड को खोजा!! लश्कर कमांडर सैफुल्लाह कसूरी कौन है?
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुआ आतंकी हमला 2019 में पुलवामा के बाद घाटी में नागरिकों पर अब तक का सबसे घातक हमला है। प्रत्यक्षदर्शियों और जीवित बचे लोगों ने खुलासा किया है कि हमलावरों ने पर्यटकों को उनके धर्म और पहचान के आधार पर निशाना बनाया। कुछ मामलों में, पुरुष पीड़ितों को कथित तौर पर अपनी पतलून उतारने के लिए कहा गया, और उनके निजी अंगों की जाँच की गई ताकि उनकी आस्था का पता लगाया जा सके। कई जीवित बचे लोगों ने कहा कि हमलावरों ने लोगों से गोलीबारी करने से पहले कलमा, एक इस्लामी आस्था की घोषणा, पढ़ने के लिए कहा और फिर गोली मारी। कथित तौर पर कहा जा रहा है कि पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के एक प्रतिनिधि द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने घात लगाकर किए गए हमले की जिम्मेदारी ली है। सेना के विक्टर फोर्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह, सीआरपीएफ और विशेष बलों सहित सुरक्षा बलों ने क्षेत्र में बड़े पैमाने पर आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया है।रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार, 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकी हमले में 28 लोगों की जान चली गई थी। इस हमले की साजिश लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक वरिष्ठ आतंकवादी सैफुल्लाह कसूरी ने रची थी। सैफुल्लाह कसूरी को खालिद के नाम से भी जाना जाता है। खुफिया अधिकारियों ने उसे लोकप्रिय बैसरन मैदान में अनजान पर्यटकों को निशाना बनाकर किए गए हमले के पीछे मुख्य योजनाकार के रूप में पहचाना है। इस हमले के बाद राष्ट्रीय शोक की स्थिति है और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग की जा रही है।सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि सैफुल्लाह कसूरी लश्कर का एक उच्च पदस्थ कमांडर है, जो समूह के संस्थापक हाफिज सईद के सीधे संरक्षण में काम करता था। रिपोर्ट के अनुसार, यह हमला एक सुनियोजित योजना के संकेत देता है, जिसे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में बैठे आकाओं के समर्थन से अंजाम दिया गया।
सैफुल्लाह कसूरी कौन है? सैफुल्लाह कसूरी, एक पाकिस्तानी नागरिक, कथित तौर पर लश्कर-ए-तैयबा के पदानुक्रम में एक अनुभवी व्यक्ति है और कहा जाता है कि वह कई सीमा पार आतंकी अभियानों की साजिश रचकर रैंक में ऊपर चढ़ा है। खालिद के नाम से भारतीय खुफिया हलकों में जाने जाने वाले कसूरी को लश्कर के सबसे भरोसेमंद फील्ड कमांडरों में से एक माना जाता है। खुफिया एजेंसियों का दावा है कि वह नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार घुसपैठ के अभियानों को निर्देशित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है, जिससे जम्मू और कश्मीर के संवेदनशील क्षेत्रों में आतंकवादियों को तैनात करने में मदद मिली है। माना जाता है कि वह पीओके के भीतर से काम करता है और उस पर घाटी में सक्रिय लश्कर के प्रॉक्सी द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के स्थानीय मॉड्यूल की देखरेख करने का संदेह है। अंतरराष्ट्रीय खुफिया निकायों के साथ साझा किए गए कई पिछले डोजियर में उसका नाम सामने आया है और माना जाता है कि वह समूह की वैचारिक और रसद कमान, खासकर हाफिज सईद के साथ घनिष्ठ संबंध रखता है। नागरिकों पर एक सुनियोजित हमला मंगलवार को दोपहर करीब 2रू30 बजे पहलगाम में, कथित तौर पर सैन्य वर्दी पहने बंदूकधारियों ने पर्यटकों पर उनकी पहचान करने के बाद उन पर गोलीबारी की। मृतकों में दो विदेशी नागरिक भी शामिल हैं, जबकि माना जाता है कि यह एक शांत छुट्टी मनाने की जगह थी, लेकिन वहां अफरा-तफरी मच गई। रिपोर्ट्स के अनुसार, हमले में पांच से छह आतंकवादी शामिल थे, जिनमें से कई हाल के हफ्तों में पीओके से आए थे। अधिकारियों का मानना है कि कसूरी ने पाकिस्तान स्थित अन्य गुर्गों के साथ मिलकर दूर से ही हमले का समन्वय किया। सुरक्षा बलों ने तब से क्षेत्र में व्यापक तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
दर्द तो रुकने का…हाथों की मेहंदी छूटने से पहले मिट गया मांग का सिंदूर, लेफ्टिनेंट नरवाल की पत्नी का रो-रो कर बुरा हाल,
भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी ने अपने पति को भावभीनी विदाई दी, जो पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हो गए थे। नरवाल की पत्नी इस दौरान बेबस दिखीं। वह फूट-फूट कर हो रही थीं। दोनों की शादी 16 अप्रैल को हुई थी। आज ही करनाल में नेवी अफसर विनय नरवाल का अंतिम संस्कार होगा। नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लेफ्टिनेंट विनय नरवाल के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने भी शहीद हुए भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल को अंतिम श्रद्धांजलि दी। नरवाल दो साल पहले ही नौसेना में शामिल हुए थे और कोच्चि में तैनात थे। उनकी मौत से उनके परिवार, समुदाय और रक्षा प्रतिष्ठान में शोक की लहर दौड़ गई है। पड़ोसियों और स्थानीय लोगों ने अपनी संवेदना व्यक्त की है, जिनमें से कई ने नरवाल को एक उज्ज्वल भविष्य वाला युवा अधिकारी बताया है। उत्साह और विवाहित जीवन के नए-नए सपनों से भरा दिल मंगलवार को बुरी तरह टूट गया, जब शादी के छह दिन बाद ही 24 वर्षीय हिमांशी स्वामी विधवा हो गई।जो उनके जीवन का सबसे खूबसूरत अध्याय था, वह खून और आंसुओं से लथपथ एक पन्ने पर खत्म हुआ। अपने करीबी दोस्तों और परिवार के साथ डेस्टिनेशन वेडिंग में शपथ लेने के बाद, विनय और हिमांशी ने स्विट्जरलैंड में हनीमून मनाने का सपना देखा था। नवविवाहित जोड़े को नरसंहार की छाया में नहीं, बल्कि अल्पाइन आसमान के नीचे सैर करनी थी। वीजा में देरी के कारण उन्हें अपनी योजना बदलनी पड़ी। उन्होंने पहलगाम को चुना, जो करीब था और शांत माना जाता था।विनय की मां आशा नरवाल अभी भी करनाल के सेक्टर 7 में पड़ोसियों से बधाई संदेश प्राप्त कर रही थीं, लेकिन किस्मत ने पहले ही परिवार से मुंह मोड़ लिया था। मंगलवार की दोपहर को गोलियों और खून ने अनंतनाग जिले के पहलगाम शहर से 5 किलोमीटर दूर बैसरन घास के मैदान की सुंदर खामोशी को तोड़ दिया, जिसे विडंबना यह है कि स्थानीय भाषा में ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के रूप में जाना जाता है। अपने जीवन के प्यार के साथ हनीमून पर गए विनय, इस क्षेत्र में पर्यटकों को निशाना बनाकर किए गए आतंकवादी हमले के 26 पीड़ितों में से एक बन गए।
कांग्रेस ने की सर्वदलीय बैठक की मांग, खड़गे बोले- ये समय राजनीति करने का नहीं
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले की निंदा की और केंद्र से आतंकवाद से लड़ने के सामूहिक संकल्प को आकार देने के लिए एक सर्वदलीय बैठक बुलाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सरकार से हम अपेक्षा करते हैं कि जब जरूरी कार्रवाई हो जाए और पूरी मालूमात हासिल हो गई हो तो, वह सभी राजनीतिक दलों को विश्वास में लेकर आतंकवाद की चुनौती से निपटने के बारे में चर्चा करेगी। उन्हें सर्वदलीय बैठक बुलाकर कुछ सलाह लेनी चाहिए। यह राजनीति नहीं है और हम इस स्थिति में राजनीति नहीं चाहते।खड़गे ने एक्स पर लिखा कि कल दोपहर करीब 2रू30 बजे, जम्मू- कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा निर्दाेष पर्यटकों की हत्या से हमें गहरा दुःख और सदमा पहुँचा है। काँग्रेस पार्टी कड़े से कड़े शब्दों में इस कायरतापूर्ण कृत्य की निंदा करती है। यह हमला हमारे देश की एकता और अखंडता पर कायराना हमला है। साल 2000 के छत्तीसिंह पुरा आतंकी हमले के बाद अब 25 साल बाद यह सबसे बड़ा हमला है। जो निर्दाेष और निहत्थे नागरिकों को मारते हैं, वो इंसान नहीं हो सकते।उन्होंने कहा कि मैंने कल देर रात गृहमंत्री अमित शाह, जम्मू और कश्मीर केमुख्यमंत्री उमर अब्दुलाह और जम्मू-कश्मीर कांग्रेस के अध्यक्ष व अन्य वरिष्ठ नेताओ से बात की। उन्होंने कहा कि ये समय कोई राजनीति करने का नहीं है, हमारे पर्यटक जो इस नरसंहार में मरे हैं, उनको न्याय दिलाने का है। अलग -अलग राज्यों के पर्यटक वहाँ थे। कर्नाटक से भी मंजूनाथ राव अपनी पत्नी बच्चे के साथ वहाँ गए थे। उनकी इस घटना में मौत हो गई। और भारत भूषण की भी इस दुःखद घटना में जान चली गई। मैंने पीड़ितों की शोकग्रस्त पत्नियों से बात की और उन्हें अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।उन्होंने कहा कि मैं मृतक परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूँ। गर्मी अभी शुरू हो रही है। अभी ही वहाँ पर्यटक जाना शुरू होते हैं। और वो ही जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था और वहाँ के लोगों की आय-आमदनी का सबसे बड़ा जरिया भी है। तो, इस साल की वहाँ की स्थानीय अर्थव्यवस्था में भारी नुक्सान होगा। भारत सरकार को अब उनकी मदद करनी चाहिए। इस समय, हम सब एक हैं। हम आतंकवादियों के खिलाफ़ एक होंगे। यह भारतीय राज्य के ऊपर प्रत्यक्ष हमला है। सारा देश स्तब्ध है। पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन ने इसकी ज़िम्मेवारी भी ली है। हमें इसका मुंहतोड़ जवाब देना होगा।
श्ये देश की एकता और अखंडता पर हमला हैश्, आरएसएस की मांग, दोषियों को सबक सिखाए सरकार
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने मंगलवार को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की निंदा की, जिसमें 28 लोगों की जान चली गई। संघ ने इसे देश की एकता और अखंडता पर हमला करार दिया और सरकार से दोषियों को दंडित करने के लिए उचित कदम उठाने को कहा। आरएसएस के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने एक्स पर हिंदी में एक पोस्ट में कहा, ष्जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुआ क्रूर आतंकवादी हमला अत्यंत निंदनीय और दर्दनाक है। हम उन लोगों को श्रद्धांजलि देते हैं जिन्होंने अपनी जान गंवाई और आतंकवादी हमले में घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।ष् उन्होंने आगे लिखा कि सभी राजनीतिक दलों और संगठनों को सभी मतभेदों से ऊपर उठकर इसकी निंदा करनी चाहिए। सरकार को सभी पीड़ितों और उनके परिवारों की मदद के लिए आवश्यक व्यवस्था करनी चाहिए। साथ ही, इस हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा दिलाने के लिए सरकार को जल्द ही उचित कदम उठाने चाहिए। आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि कल जम्मू-कश्मीर में जो हमला हुआ वह अत्यंत निंदनीय है। सभी मतभेदों को भुलाकर सभी को एक साथ आना चाहिए क्योंकि यह देश की एकता और अखंडता का मुद्दा है। हमले के दोषियों के खिलाफ उचित और ठोस कार्रवाई की जानी चाहिए और उन्हें निश्चित रूप से दंडित किया जाना चाहिए। मुझे लगता है कि सरकार उस दिशा में कुछ कदम उठा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि देश आतंकवाद के आगे घुटने नहीं टेकेगा और जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों की हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित करने के बाद उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा ‘‘भारी मन से, पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वालों को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। भारत आतंकवाद के आगे नहीं झुकेगा। इस नृशंस आतंकी हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।’’ शाह ने यहां पुलिस नियंत्रण कक्ष में आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों के ताबूतों पर पुष्पांजलि अर्पित की।
कटरा से नई दिल्ली के बीच आज वन वे स्पेशल ट्रेन, जानें सभी डिटेल्स
पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर, उत्तर रेलवे ने 23 अप्रैल, 2025 के लिए श्री माता वैष्णो देवी कटरा से नई दिल्ली के लिए एक विशेष वन-वे आरक्षित ट्रेन की घोषणा की है। 04612 नंबर की विशेष ट्रेन श्री माता वैष्णो देवी कटरा (एसवीडीके) से रात 9रू20 बजे शुरू होगी और अगली सुबह 9रू30 बजे नई दिल्ली (एनडीएलएस) पहुंचेगी। ट्रेन में कुल 18 कोच होंगे, जिनमें 7 सामान्य कोच, 8 स्लीपर क्लास कोच और 3 वातानुकूलित कोच शामिल हैं।यह ट्रेन शहीद कैप्टन तुषार महाजन (एमसीटीएम), जम्मू तवी (जेएटी), पठानकोट कैंट (पीटीकेसी), जालंधर कैंट (जेआरसी), ढंडारी कलां (डीडीएल) अंबाला कैंट (यूएमबी), कुरुक्षेत्र जंक्शन (केकेडीई), पानीपत (पीएनपी) रूकते हुए दिल्ली पहुंचेगी। उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि इस क्षेत्र से बढ़ती यात्रा मांग को पूरा करने के लिए ट्रेन का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर रेलवे व्यस्ततम दिनों में यात्रियों को परेशानी मुक्त यात्रा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। जनसंपर्क अधिकारी एनआर उपाध्याय ने कहा, ष्हम यात्रियों से आग्रह करते हैं कि वे तदनुसार योजना बनाएं और इस विशेष सेवा का लाभ उठाएं।ष्
टिकट बुकिंग शुरू हो गई है और स्लीपर क्लास में यात्रा का किराया 470 रुपये, एसी 3 इकोनॉमी का 1175 रुपये और एसी 3 टियर का 1275 रुपये है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले के बाद राष्ट्रीय राजधानी में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। कश्मीर में पहलगाम के निकट ‘मिनी स्विटरलैंड’ नाम से मशहूर पर्यटन स्थल पर मंगलवार को आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
देश में मुस्लिमों के प्रति बढ़ रहा भेदभाव, पहलगाम आतंकी हमले पर और क्या बोले रॉबर्ट वाड्रा
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों की मौत पर कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा ने गहरा दुख जताया है। वाड्रा ने कहा कि पहचान देखकर किसी की हत्या कर देना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए संदेश है, क्योंकि मुसलमान खुद को कमजोर महसूस कर रहे हैं। अल्पसंख्यक खुद को कमजोर महसूस कर रहे हैं। वाड्रा ने बुधवार (23 अप्रैल) को मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुझे बहुत बुरा लग रहा है और मेरी गहरी संवेदना उन लोगों के प्रति है जो इस आतंकवादी कृत्य में मारे गए हैं…हमारे देश में, हम देखते हैं कि यह सरकार हिंदुत्व की बात करती है, और अल्पसंख्यक असहज और परेशान महसूस करते हैं। रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि यदि आप इस आतंकवादी कृत्य का विश्लेषण करते हैं, यदि वे (आतंकवादी) लोगों की पहचान को देख रहे हैं, तो वे ऐसा क्यों कर रहे हैं? क्योंकि हमारे देश में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच एक विभाजन पैदा हो गया है…इससे इस तरह के संगठनों को लगेगा कि हिंदू सभी मुसलमानों के लिए समस्या पैदा कर रहे हैं। पहचानों को देखना और फिर किसी की हत्या करना, यह प्रधानमंत्री के लिए संदेश है, क्योंकि मुसलमान कमज़ोर महसूस कर रहे हैं। अल्पसंख्यक कमज़ोर महसूस कर रहे हैं…यह बात ऊपर से आनी चाहिए कि हम अपने देश में सुरक्षित और धर्मनिरपेक्ष महसूस करें, और हम इस तरह की हरकतें होते नहीं देखेंगे।इस बीच, मंगलवार को हुए दुखद आतंकी हमले के बाद, जिसमें कई मासूम लोगों की जान चली गई, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को पहलगाम के बैसरन मैदान में आतंकी हमले के स्थल पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। केंद्रीय मंत्री ने पहले हेलीकॉप्टर से घटनास्थल पर पहुंचकर इलाके का हवाई जायजा लिया, जो अब हिंसा के निशानों को झेल रहा है। अमित शाह ने कड़ी सुरक्षा के बीच इलाके का दौरा किया और शीर्ष अधिकारियों ने उन्हें मौजूदा स्थिति और इलाके में चल रहे ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी।
अनुच्छेद 370 हटने से जम्मू-कश्मीर को फायदा हुआ या नुकसान, इस रिपोर्ट को देखकर आपको सब समझ आ जायेगा
पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले से पूरे देश में जितना गुस्सा दिखाई दे रहा है उतना ही गुस्सा जम्मू-कश्मीर के लोगों के मन में भी उबाल ले रहा है। जो लोग मोदी सरकार पर हमला करते हुए कह रहे हैं कि 370 हटने के बावजूद कुछ नहीं बदला है और आतंकवाद जारी है उन्हें यह देखना चाहिए कि इतिहास में यह पहली बार हो रहा है कि किसी आतंकवादी घटना के विरोध में पूरे जम्मू-कश्मीर में लोग आतंकवाद के खिलाफ सड़कों पर उतर रहे हैं। व्यापारियों ने खुद से बंद आयोजित कर सड़कों पर आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी की है। श्रीनगर के जिस लाल चौक पर आतंक का साया हुआ करता था वहां लोग आतंक के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के शहरों से लेकर गांवों और दूरदराज के इलाकों तक में आतंकवाद की निंदा की जा रही है और शांत होते माहौल को बिगाड़ने वालों को करारा सबक सिखाने की सरकार से मांग की जा रही है। यह पहली बार है कि लोग आतंकवाद के खिलाफ इतना खुल कर बोल रहे हैं। पहले लोग ऐसी घटनाओं की निंदा कम ही करते थे। क्योंकि उन्हें डर था कि अगर वे आतंकवादियों के खिलाफ बोलेंगे तो उनकी जान को खतरा हो सकता है लेकिन आज पूरा जम्मू-कश्मीर सड़कों पर उतरा हुआ है।देखा जाये तो पूरा जम्मू-कश्मीर शोक में है। ये पहली बार है कि आतंकवादी घटना के जवाब में जम्मू-कश्मीर का हर गांव, जिला और शहर बंद है। यह पहली बार है जब मस्जिदों में सभी इमाम आतंकवादियों के खिलाफ बोल रहे हैं। यही नहीं, आतंकवादियों द्वारा निर्दाेष नागरिकों की दुखद हत्या के मद्देनजर जम्मू और कश्मीर भर के सरकारी कर्मचारियों ने दो मिनट का मौन भी रखा है। आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का जो संदेश जम्मू-कश्मीर ने दिया है वह आतंकवादियों को स्पष्ट करता है कि भले एक वारदात करने में वह सफल हो गये हों लेकिन भारतीयों को बांटने या शांति भंग करने के प्रयासों का सब लोग मिलकर सामना करेंगे।देखा जाये तो इसमें कोई दो राय नहीं कि अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों का काफी हद तक सफाया हो चुका है, टैरर फंडिंग पर रोक लग चुकी है और लोगों के मन से आतंकवाद के प्रति समर्थन और उससे भय की भावना निकल चुकी है इसलिए लोग खुलकर आतंकवाद के खिलाफ बोल पा रहे हैं। कहा जा सकता है कि अनुच्छेद 370 हटाने के बाद मोदी सरकार अपने उद्देश्य में काफी हद तक कामयाब हो चुकी है। उम्मीद है कि जो बाधाएं आ रही हैं उन्हें भी दूर कर दिया जायेगा।
रावलपिंडी को तबाह कर दिया जाना चाहिए, पहलगाम हमले के बाद कांग्रेस नेता शमा मोहम्मद का तीखा बयान
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. शमा मोहम्मद ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए एक तीखा बयान जारी किया और पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाने का आह्वान किया। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए विनाशकारी आतंकी हमले में कम से कम 26 लोगों की जान चली गई। रावलपिंडी को तहस-नहस कर दिया जाना चाहिए! उन्होंने हमले में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों की संदिग्ध संलिप्तता का हवाला देते हुए एक्स पर लिखा कि अब कोई बातचीत नहीं, कोई व्यापार नहीं, कोई क्रिकेट नहीं, कोई सांस्कृतिक गतिविधि नहीं। पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाने का समय आ गया है जिसे वे कभी न भूलें। जय हिंद। इससे पहले एक पोस्ट में उन्होंने हमले की निंदा की और पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति से निपटने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा।
जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों पर आतंकी हमले की खबर बेहद परेशान करने वाली है। शोक संतप्त परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। नरेंद्र मोदी सरकार को आतंकवाद को खत्म करने के खोखले दावे करने के बजाय जम्मू-कश्मीर में जमीनी हालात के बारे में स्पष्ट रूप से बताना चाहिए। पहलगाम हमला, जो जम्मू-कश्मीर में हाल के वर्षों में सबसे घातक हमलों में से एक है, पहलगाम के सुंदर बैसरन घास के मैदान में हुआ, जब सैन्य वर्दी पहने आतंकवादियों ने पर्यटकों के एक समूह पर गोलीबारी की। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि शांत पर्यटन स्थल पर कुछ ही मिनटों में अराजकता और दहशत का माहौल बन गया। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में ले जाया गया है और सुरक्षा बलों ने हमलावरों को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया है।
पाकिस्तान ने बुधवार को कहा कि वह जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में पर्यटकों के मारे जाने पर शोक व्यक्त करता है। मंगलवार को हुए इस हमले में 26 लोग मारे गए जिनमें से ज्यादातर पर्यटक हैं। विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने हमले के बारे में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा, ‘हम अनंतनाग जिले में हुए हमले में पर्यटकों की जान जाने से चिंतित हैं। हम मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।
पहलगाम अटैक पर बोले कपिल सिब्बल, पाकिस्तान को घोषित किया जाए आतंकी देश
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा करते हुए मांग की कि हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों पर अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (प्ब्ब्) में मुकदमा चलाया जाना चाहिए, जो मानवता के खिलाफ सबसे गंभीर अपराधों की जांच करता है। उन्होंने यह भी मांग की कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित करने के लिए दबाव डालना चाहिए।नीदरलैंड में श्द हेगश् के नाम से मशहूर अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय, अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय बने सबसे गंभीर अपराधों के लिए आरोपित व्यक्तियों की जांच करता है और जहां आवश्यक हो, उन पर मुकदमा चलाता हैरू नरसंहार, युद्ध अपराध, मानवता के खिलाफ अपराध और आक्रामकता का अपराध। सिब्बल ने आज कहा, ष्इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में मुकदमा चलाया जाना चाहिए। मैं गृह मंत्री से आग्रह करता हूं कि वे पाकिस्तान को आतंकवादी राष्ट्र घोषित करें और अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय में जाएं।ष्
हालांकि, भारत ने रोम संविधि की पुष्टि नहीं की है, जो न्यायालय को नियंत्रित करने वाली अंतरराष्ट्रीय संधि है। भारत श्राज्य दलों की सभाश् का हिस्सा नहीं है, जो न्यायालय का प्रबंधन करता है। सिब्बल ने आगे विश्वास व्यक्त किया कि विपक्ष (कांग्रेस) प्रतिबंध की मांग का समर्थन करेगा। सिब्बल ने इस हमले को पागलपन की कार्रवाईष् बताते हुए कहा, ष्यह पागलपन की कार्रवाई है, पागलपन की कार्रवाई है, लेकिन इसमें और भी बहुत कुछ है। जाहिर है, यह बहुत सावधानी से योजनाबद्ध है। बैसरन घाटी पहलगाम से थोड़ी ऊपर की ओर है, कोई भी वहां कार से नहीं जा सकता है, इसलिए किसी भी सुरक्षा बल को वहां पहुंचने में समय लगेगा।ष्
अमरावती में भारत का पहले क्वांटम कंप्यूटिंग गांव, आंध्र प्रदेश सरकार ने की हाई लेवल मीटिंग
आईबीएम, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) के प्रतिनिधियों सहित प्रमुख खिलाड़ियों ने आगामी परिसर पर गहन चर्चा की। एलएंडटी एक प्रतिष्ठित इमारत का निर्माण करने के लिए तैयार है, जिसमें आईबीएम द्वारा प्रदान की जाने वाली उन्नत क्वांटम प्रणालियाँ होंगी। आने वाले दशकों में विकसित हो रही तकनीकी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इस सुविधा का विस्तार किया जाना है।आंध्र प्रदेश सरकार ने अमरावती में भारत का पहला ‘क्वांटम कंप्यूटिंग विलेज’ स्थापित करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसके लिए मंगलवार को रियल-टाइम गवर्नेंस सोसाइटी (त्ज्ळै) की देखरेख में राज्य सचिवालय में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। अमरावती में प्रस्तावित 50 एकड़ की सुविधा, जिसकी घोषणा राज्य सरकार पहले ही कर चुकी है, को क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में अनुसंधान, विकास और सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए एक अग्रणी पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में डिजाइन किया जाएगा। हाल ही में हुई बैठक में परियोजना के रोलआउट के लिए बुनियादी ढांचे, पारिस्थितिकी तंत्र के डिजाइन और तकनीकी आवश्यकताओं को अंतिम रूप देने पर ध्यान केंद्रित किया गया।आईबीएम, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) के प्रतिनिधियों सहित प्रमुख खिलाड़ियों ने आगामी परिसर पर गहन चर्चा की। एलएंडटी एक प्रतिष्ठित इमारत का निर्माण करने के लिए तैयार है, जिसमें आईबीएम द्वारा प्रदान की जाने वाली उन्नत क्वांटम प्रणालियाँ होंगी। आने वाले दशकों में विकसित हो रही तकनीकी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इस सुविधा का विस्तार किया जाना है। आरटीजीएस के सचिव भास्कर कटमनेनी ने परियोजना के पैमाने और महत्वाकांक्षा पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह क्वांटम विलेज एक विश्व स्तरीय सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि परिसर में उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग के लिए एक समर्पित ऑन-साइट डेटा सेंटर और एक सहयोगी पारिस्थितिकी तंत्र होगा जहां संस्थान और कंपनियां अत्याधुनिक क्वांटम कंप्यूटिंग संसाधनों तक पहुंच और साझा कर सकेंगी।
दिल्ली पहुंचे गृह मंत्री अमित शाह, थोड़ी देर में पीएम मोदी करेंगे सीसीएस की बैठक
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार दोपहर को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के बाद अब दिल्ली पहुंच चुके हैं। सूत्र ये दावा कर रहे हैं कि सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) की आज बैठक होने की संभावना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो सऊदी अरब की अपनी दो दिवसीय यात्रा को बीच में छोड़कर बुधवार को दिल्ली वापस आ गए हैं, मंगलवार को कश्मीर के पहलगाम में बैसान मैदान में पर्यटकों पर हुए दुस्साहसिक हमले के बाद की कार्रवाई का आकलन करने और उस पर विचार-विमर्श करने के लिए सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई और 17 लोग घायल हो गए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसको लेकर बड़ा बयान भी दिया। उन्होंने सबसे पहले इस घटना पर दुख जताया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि भारत को डराया नहीं जा सकता है। राजनाथ सिंह ने कहा कि पहलगाम में हुई कायराना हरकत में कई मासूम लोगों की जान चली गई। हम बहुत दुखी हैं। मैं उन परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। उन्होंने कहा कि मैं आतंकवाद के खिलाफ भारत के संकल्प को दोहराना चाहता हूं। आतंकवाद के प्रति हमारी जीरो टॉलरेंस की नीति है… मैं देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार हर जरूरी कदम उठाएगी। हम न केवल इस कृत्य के दोषियों तक पहुंचेंगे बल्कि पर्दे के पीछे के किरदारों तक भी पहुंचेंगे। आरोपियों को जल्द ही जोरदार और स्पष्ट जवाब मिलेगा, यह मैं देश को आश्वस्त करना चाहता हूं।अमित शाह ने बुधवार को कहा कि देश आतंकवाद के आगे घुटने नहीं टेकेगा और जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों की हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित करने के बाद उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा ‘‘भारी मन से, पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वालों को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। भारत आतंकवाद के आगे नहीं झुकेगा। इस नृशंस आतंकी हमले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।’’ अमित शाह बुधवार को अनंतनाग के एक अस्पताल गए और उन्होंने पहलगाम में आतंकवादी हमले में घायल हुए लोगों का हालचाल जाना।
श्इस्लाम में ऐसे कृत्यों के लिए कोई जगह नहींश्, पहलगाम हमले पर बोले अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख
अजमेर शरीफ दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने बुधवार को पहलगाम हमले को श्दर्दनाकश् घटना करार दिया और कहा कि इस्लाम में इस तरह के कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं है। एएनआई से बात करते हुए, सैयद खान ने जोर देकर कहा कि कोई भी धर्म किसी को उसका धर्म पूछकर किसी को गोली मारने का अधिकार नहीं देता है। उन्होंने कहा कि यह एक बहुत ही दर्दनाक घटना है, और इस्लाम में इस तरह के कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं है।
सैयद जैनुल खान ने कहा कि पैगंबर मुहम्मद की शिक्षाओं के अनुसार, यदि एक भी निर्दाेष व्यक्ति मारा जाता है, तो यह माना जाता है कि पूरी मानवता को मार दिया गया है। निर्दाेष लोगों को क्यों मारा जा रहा है? इस्लामी दृष्टिकोण से, ऐसे लोग मुसलमान कहलाने के लायक नहीं हैं। उन्होंने कहा, ष्कोई भी धर्म किसी को यह अधिकार नहीं देता कि वह किसी का धर्म पूछकर गोली मार दे। आप इस्लाम को क्यों बदनाम कर रहे हैं? उन्हें शर्म आनी चाहिए।ष् इसके अलावा, अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख ने प्रधानमंत्री मोदी से आतंकवाद की जड़ों को नष्ट करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ष्मैं देश के प्रधानमंत्री से अपील करता हूं कि अब समय आ गया है कि हम आतंकवाद को जड़ से खत्म करें, चाहे वह कहीं भी मौजूद हो, ताकि हमारे जवानों का खून सीमाओं पर न बहे।ष् इस बीच, मंगलवार को हुए दुखद आतंकी हमले के बाद, जिसमें कई निर्दाेष लोगों की जान चली गई, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को पहलगाम के बैसरन मैदान में आतंकी हमले के स्थल पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। केंद्रीय मंत्री ने पहले हेलीकॉप्टर से घटनास्थल पर पहुंचकर क्षेत्र का हवाई जायजा लिया, जो अब हिंसा के निशानों को झेल रहा है।
श्कुत्ता पागल हो जाए तो गोली मारी जाती है…श् पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर भड़का कुमार विश्वास गुस्सा, कहा- श्बदला लिया जाएगाश्
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार दोपहर आतंकी हमले में 27 लोगों की मौत हो गई। पहलगाम की बैसरन घाटी में मंगलवार दोपहर 2.45 बजे हुए इस हमले को अंजाम दिया गया। लश्कर-ए-तैयबा की विंग द रेजिस्टेंस फ्रंट (ज्त्थ्) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। गोलीबारी के बाद आतंकी भाग गए। अब देश के लोग जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों द्वारा किए गए कायराना हमले में मारे गए निर्दाेष पर्यटकों की मौत पर शोक मना रहे हैं। पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियों की इस कायराना हरकत से भारतीयों में आक्रोश है, जो आतंकियों के खिलाफ सशस्त्र बलों द्वारा उचित जवाबी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
पहलगाम आतंकी हमले से गुस्साए कुमार विश्वास आप के पूर्व नेता और कवि कुमार विश्वास ने बुधवार को हुए आतंकी हमले पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसमें कथित तौर पर 28 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए, उन्होंने आतंकियों के सफाए की मांग की। अपने कविता पाठ की एक पुरानी क्लिप साझा करते हुए कुमार ने एक एक्स पोस्ट में कहारू ष्एक दशक पहले कहा था, फिर दोहरा रहा हूं। इसे आज या कल समझो – यही एकमात्र इलाज है। क्लिप में कुमार द्वारा सुनाई गई कविता कहती है,जिसका मोटे तौर पर अनुवाद हैरू ष्देश बनाएँ या अपने बेटों की लाशें ढोएँ? इस दुविधा में हर पक्की जीत खो जाती है। दिल्ली में बैठे लोग आखिर कब यह समझेंगे? जब कुत्ता पागल हो जाता है, तो उसे गोली मार दी जाती है…!ष्
इस घटना पर राजनीतिक नेताओं की प्रतिक्रियाएँ सामने आई हैं। शिवसेना (यूबीटी) के नेता और सांसद संजय राउत ने गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की माँग करते हुए कहा है कि उन्हें देश पर एहसान करते हुए पद छोड़ देना चाहिए।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुआ आतंकी हमला 2019 में पुलवामा के बाद घाटी में नागरिकों पर अब तक का सबसे घातक हमला है। प्रत्यक्षदर्शियों और जीवित बचे लोगों ने खुलासा किया है कि हमलावरों ने पर्यटकों को उनके धर्म और पहचान के आधार पर निशाना बनाया। कुछ मामलों में, पुरुष पीड़ितों को कथित तौर पर अपनी पतलून उतारने के लिए कहा गया, और उनके निजी अंगों की जाँच की गई ताकि उनकी आस्था का पता लगाया जा सके। कई जीवित बचे लोगों ने कहा कि हमलावरों ने लोगों से गोलीबारी करने से पहले कलमा, एक इस्लामी आस्था की घोषणा, पढ़ने के लिए कहा।
नरसंहार में बची एक महिला पर्यटक ने पुलिस को एक संकट कॉल में बताया कि बंदूकधारियों ने उसकी कलाई पर शादी की चूड़ियाँ (चूड़ा) देखने के बाद उसके पति से संपर्क किया, उन्हें संदेह था कि वे हिंदू हैं। महिला ने रोते हुए कहा “उसने मेरे पति का नाम और धर्म पूछा। फिर उसने उसे गोली मार दी। एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि आतंकवादियों ने 50 से अधिक राउंड अंधाधुंध फायरिंग की, जिसमें 3 से 5 मिनट तक फायरिंग हुई। अधिकांश पीड़ितों को नजदीक से गोली मारी गई।
यह हमला पहलगाम के पास सुरम्य बैसरन घाटी में हुआ – एक ऐसा क्षेत्र जिसे अक्सर ष्भारत का मिनी-स्विट्जरलैंडष् कहा जाता है और जहां केवल पैदल या घोड़े की पीठ पर बैठकर पहुंचा जा सकता है। ऊबड़-खाबड़ इलाके के कारण बचाव अभियान जटिल हो गया था, लेकिन घायलों को निकालने के लिए हेलीकॉप्टर और स्थानीय टट्टू संचालकों को तुरंत तैनात किया गया।
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बवचल
सीएम उमर अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद आगा सैयद रुहुल्लाह ने पर्यटकों को हाल ही में कहा था आक्रमणकारी
पर्यटन पर आधारित अर्थव्यवस्था वाले राज्य जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जिस तरह पर्यटकों में अपने घर पहुँचने की होड़ है और जिस तरह देशभर के पर्यटकों के बीच कश्मीर का अपना आगामी दौरा रद्द करवाने की होड़ है वह दर्शा रहा है कि इस केंद्र शासित प्रदेश का बड़ा आर्थिक नुकसान होने वाला है। जम्मू-कश्मीर में सत्तारुढ़ नेशनल कांफ्रेंस ने भी इस आतंकी हमले की निंदा की है लेकिन हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि नेशनल कांफ्रेंस के सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह ने ही कुछ समय पहले विवादित बयान देते हुए कहा था कि कश्मीर में पर्यटकों का आना मेरी नजर में टूरिज्म नहीं बल्कि हमारी संस्कृति पर आक्रमण है। ऐसे में सवाल उठता है कि पर्यटकों को जब सत्तारुढ़ पार्टी के ही नेता आक्रमणकारी बता रहे हों तो आतंकवादियों का हौसला बढ़ेगा या नहीं?हम आपको बता दें कि अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद जिस तरह देशभर के पर्यटक कश्मीर की हसीन वादियों का दीदार करने पहुँच रहे थे उससे राज्य की अर्थव्यवस्था को बड़ा लाभ हुआ है। अब सिर्फ पर्यटन सीजन में ही नहीं बल्कि साल भर होटल फुल रहते हैं, शिकारा और हाउसबोट वाले खाली नहीं बैठते, टैक्सी ऑपरेटर भी व्यस्त रहते हैं। फ्लाइटें भी यात्रियों से भरी रहती हैं। जाहिर है कश्मीरियों को इससे खूब रोजगार मिल रहा है। लेकिन अब जब पर्यटक लौट कर जा रहे हैं तो हर कोई निराश है। पर्यटन व्यापार से जुड़े लोगों ने बताया है कि अधिकतर पर्यटक भय के कारण घाटी छोड़ रहे हैं। श्रीनगर के एक ‘ट्रैवल ऑपरेटर’ ऐजाज अली ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि कश्मीर में पर्यटक सुरक्षित हैं, लेकिन यहां ऐसी घटना होने के बाद, उनसे यहीं रहने की उम्मीद नहीं की जा सकती। लगातार बुकिंग रद्द की जा रही है, करीब 80 प्रतिशत बुकिंग रद्द हो चुकी है।’’ उन्होंने कहा कि अगले एक महीने तक के पैकेज रद्द किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बरसों की मेहनत पर पानी फिर गया। पर्यटकों को कश्मीर फिर से लाने के लिए बहुत कुछ करना होगा। वहीं मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि पर्यटकों को इस तरह वापस जाते देख उनका ‘‘दिल टूट रहा है।’’ अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘पहलगाम में कल हुए दुखद आतंकी हमले के बाद हमारे मेहमानों को इस तरह घाटी से वापस जाते देखना दुखद है, लेकिन साथ ही हम यह भी अच्छी तरह समझते हैं कि लोग क्यों जाना चाहते हैं। डीजीसीए और नागरिक उड्डयन मंत्रालय अतिरिक्त उड़ानों की व्यवस्था करने के लिए काम कर रहे हैं। श्रीनगर और जम्मू के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग-44 को एक दिशा में यातायात के लिए बहाल कर दिया गया है।’’ हम आपको यह भी बता दें कि केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि उनका मंत्रालय पूरी कोशिश करेगा कि पहलगाम हमले के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को होने वाला नुकसान ‘‘कम से कम’’ हो। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि वह और उनका कार्यालय केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य सचिव और पर्यटन सचिव के साथ ‘‘लगातार संपर्क’’ में हैं और स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
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