चुनाव से पहले पुलवामा हमला भाजपा के लिए तोहफाः पूर्व रॉ प्रमुख

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हैदराबाद। भारतीय खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के पूर्व प्रमुख एएस दुलत ने शनिवार को कहा कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों पर हुआ आतंकी हमला चुनावों से पहले भाजपा के लिए एक उपहार है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, हैदराबाद में इंडियन इकोनॉमिक ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन द्वारा आयोजित एशियन अरब अवॉर्ड्स 2019 से इतर दुलत ने कहा, ‘आम चुनाव से पहले यह भाजपा के लिए एक तोहफे की तरह है। भारत के पास पाकिस्तान में आतंकी शिविरों पर सर्जिकल स्ट्राइक करने का अधिकार है।’
उन्होंने कहा, ‘मैंने यह पहले भी कहा है कि और अब भी कह रहा हूं कि पुलवामा आतंकी हमला जैश-ए-मोहम्मद का प्रधानमंत्री मोदी को दिया गया उपहार है। जैसा कि चुनाव होने वाले हैं, ऐसी उम्मीद थी कि प्रतिशोध लिया जाएगा. ऐसा लगना अनिवार्य था कि कुछ होगा. पाकिस्तान में की गई सर्जिकल स्ट्राइक ठीक थी।’
दुलत ने कहा कि राष्ट्रवाद को व्यापक परिदृश्य में देखा जाना चाहिए और जहां देशभक्ति पर्याप्त है, वहां राष्ट्रवाद पर जोर नहीं देना चाहिए। दुलत ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पाकिस्तान के साथ शांति संधि करने के बहुत नजदीक पहुंच गए थे लेकिन बात नहीं बनी।
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘दुलत ने फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति का उल्लेख करते हुए कहा कि हमें हमारे पूर्वाग्रहों को दूर रखना चाहिए, अन्यथा यह राष्ट्रवाद की ओर ले जाएगा और राष्ट्रवाद का मतलब होता है युद्ध।’
उन्होंने कहा, ‘मैं यह बात कहना चाहता हूं कि अगर आप राष्ट्रवाद को व्यापक तौर पर देखें तो यह ठीक है. अगर आपने इसे संकीर्ण रूप से देखना शुरू कर दिया तो यह लोगों को प्रभावित करना शुरू कर देता है।’
दुलत ने न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न की मुस्लिमों को लेकर की गई टिप्पणी को लेकर अर्डर्न की सराहना की जिसमें न्यूजीलैंड की मस्जिदों पर हुए हमलों के बाद उन्होंने कहा था कि  ‘वे हम सबमें से ही एक हैं।’ दुलत ने कहा कि
उनका यह बयान कि ‘वे हम सबमें से ही एक हैं’ को विश्व के लिए एक उदाहरण के तौर पर पेश करना चाहिए लेकिन यह राष्ट्रवाद का पूरा सिद्धांत दुनिया को कहीं लेकर नहीं जा रहा।
दुलत ने कश्मीरियों और पाकिस्तान के साथ बातचीत पर जोर देते हुए कहा, ‘हमें बात करने की जरूरत है। हमें कश्मीरियों से बात करने की जरूरत है. हमें पाकिस्तान से भी बात करने की जरूरत है। इसके अलावा कोई रास्ता नहीं है।’

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