वॉशिंगटन। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा है कि भारतीय सैटेलाइट के नष्ट होने से 400 टुकड़े हुए। ये अंतरिक्ष की कक्षा में चक्कर लगा रहे हैं। इसके चलते इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) और उसमें रह रहे एस्ट्रोनॉट्स को खतरा पैदा हो गया है।
भारतीय रक्षा अनुसंधान संस्थान (डीआरडीओ) ने 27 मार्च को एंटी-सैटेलाइट (ए-सैट) मिसाइल का टेस्ट किया था। इस दौरान 300 किलोमीटर दूर पृथ्वी की निचली कक्षा में लाइव सैटेलाइट को नष्ट करने में कामयाबी मिली।
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नासा प्रमुख जिम ब्राइडनस्टाइन अपने कर्मचारियों को संबोधित कर कर रहे थे। उन्होंने कहा, “हम भारतीय सैटेलाइट के टुकड़ों को ट्रैक करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन अब तक हमने 10 सेमी या उससे बड़े 60 टुकड़ों को ट्रैक किया है।” यह सैटेलाइट आईएसएस से नीचे स्थित था।
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ब्राइडनस्टाइन के मुताबिक, “24 टुकड़े आईएसएस के पास चक्कर लगा रहे हैं, यह खतरनाक साबित हो सकते हैं। चिंता की बात यह है कि सैटेलाइट नष्ट किए जाने के बाद मलबा आईएसएस के ऊपर पहुंच गया है। इस तरह की गतिविधियां भविष्य में मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए अच्छी साबित नहीं होंगी। यह हमें स्वीकार्य नहीं है। नासा का रुख इस मामले में काफी स्पष्ट है।”
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वहीं, अमेरिकी सेना के मुताबिक- अब तक 10 सेमी से बड़े करीब 23 हजार टुकड़े ट्रैक किए गए हैं। ये टुकड़े मलबे के रूप में फैले हैं। इनमें 3 हजार टुकड़े 2007 में चीनी एंटी-सैटेलाइट टेस्ट में निकले थे।
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नासा चीफ ने यह भी कहा कि आईएसएस से टुकड़ों के टकराने का खतरा 44% तक बढ़ चुका है। हालांकि यह खतरा समय के साथ कम हो जाएगा क्योंकि वायुमंडल में प्रवेश के साथ ही मलबा जल जाएगा।
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भारत के परीक्षण के बाद अमेरिका के बयान
अमेरिकी रक्षा विभाग (पेंटागन) ने भारत के मिशन शक्ति की जासूसी को सिरे से खारिज किया था। रक्षा विभाग के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट डेविड डब्ल्यू एस्टबर्न ने कहा, ”अमेरिकी ने किसी भी तरह से भारत की जासूसी नहीं की। बल्कि हम भारत के साथ आपसी सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं। इसी का नतीजा है कि आज कारोबार और मजबूत अर्थव्यवस्था के नतीजे सामने आ रहे हैं।”
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एयरफोर्स स्पेस कमांड के लेफ्टिनेंट जनरल डेविड डी थॉम्पसन के मुताबिक- अमेरिका को पता था कि भारत ए-सैट टेस्ट करने वाला है। उन्होंने अमेरिकी सीनेट आर्म्ड सर्विस सब कमेटी के सदस्य से कहा था कि हमें इसकी जानकारी मिली थी, भारत की ओर से सूचना मिलने पर विमान रोके गए।
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भारत के ए-सैट टेस्ट के दो दिन बाद (29 मार्च) को अमेरिकी कार्यवाहक रक्षा मंत्री पैट्रिक शैनहन ने कहा था कि हम भारत के परीक्षण का अध्ययन कर रहे हैं। शैनहन ने दुनिया के ऐसे किसी भी देश को चेतावनी दी थी जो भारत जैसे एंटी-सैटेलाइट परीक्षण के लिए विचार कर रहा है। हम अंतरिक्ष में मलबा छोड़कर नहीं आ सकते।