अलीगढ़: हत्या से पहले बच्ची को इतना पीटा कि टूटीं पसलियां और पैर, नाक में हो गया फ्रैक्चर
अलीगढ़। 30 मई को घर के बाहर से लापता हुई ट्विंकल का शव घर से ही 100 मीटर दूर स्थित कूड़े के ढेर से 2 जून को मिला था। गांव के प्रधान ने उसे कुत्तों के मुंह से जैसे-तैसे छुड़वाया था।
पिता ने जब पहली बार बेटी का शव देखा तो पहचान नहीं पाए थे। पहचान पाए तो सिर्फ उसके पीले कपड़े। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक उसकी हत्या अगवा किए जाने के दिन ही कर दी गई थी।
शव जब मिला तो उसमें कीड़े पड़ गए थे और हड्डियां नजर आ रहीं थी। मौत दम घुटने से हुई थी। गला घोटने से पहले उसे बुरी तरह से पीटा गया था।
इसलिए पसलियां टूट गई थी, बाएं पैर में फ्रेक्चर था, सिर में चोट थी। नाक की हड्डी भी टूट गई थी। बच्ची के साथ दुष्कर्म का भी शक़ जाहिर किया गया,
हालांकि पुलिस ने इससे मना किया है। दुष्कर्म की जांच के लिए रिपोर्ट फोरेंसिक लैब भेजी गई है। दिल्ली से करीब 90 किमी दूर एक मिली-जुली आबादी का कस्बा है टप्पल।
ट्विंकल को इंसाफ दिलाने के लिए कैंडल मार्च निकाले जा रहे हैं। कुछ लोग अनशन पर बैठे हैं। उनकी आंखों में गम और गुस्सा साथ दिखता है।
हादसे के बाद से लोग अपने बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलने दे रहे हैं। पीड़िता के हिंदू और अभियुक्तों के मुस्लिम होने की वजह से इलाके में सांप्रदायिक तनाव है।
इस कस्बे के लिए ये तनाव नया है। वहां हिंदू-मुस्लिम दशकों से साथ रहते हैं। उनके घर आसपास इस तरह हैं जैसे एक साथ बुने हुए हों। ट्विंकल के घरवालों ने साफ किया है कि ये मामला हिंदू-मुस्लिम का नहीं है।
टप्पल में जगह-जगह पुलिस का पहरा है। लोग बातें कर रहे हैं, ‘टप्पल उबल रहा है। अगर बेटी को इंसाफ़ नहीं मिला तो बवाल हो जाएगा।’ कुछ मुसलमानों के घर भी बंद हैं।
कुछ अब भी वहां हैं। देशभर का मीडिया टप्पल गांव पहुंच गया है। पिता बनवारीलाल शर्मा पत्रकारों को जवाब देते थक गए हैं।
वो कहते हैं मामला मीडिया में आया तब जाकर पुलिस ने संवेदनशीलता दिखाई। वरना रिपोर्ट लिखवाने के बाद भी पुलिस ने बेटी को ढूंढने की बजाए उन्हें घर लौटा दिया था।
बनवारीलाल केवल अपनी बेटी के लिए इंसाफ़ मांगते हैं। बेटी के हत्यारों को फांसी हो उन्हें इससे कम कुछ नहीं चाहिए।
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