सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को लगाई फटकार, पत्रकार प्रशांत कनौजिया को तुरंत रिहा करने के दिए आदेश

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नई दिल्ली। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने और
एक वीडियो क्लिप साझा करने वाले पत्रकार की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराज़गी जताई है।
यूपी सरकार को फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि
आप किसी भी नागरिक के अधिकारों का हनन नहीं कर सकते।
नागरिक के अधिकारों को बचाए रखना ज़रूरी है।
जस्टिस बनर्जी ने कहा कि हम उनके काम की तारीफ नहीं कर रहे हैं,
ना ही उन पर लगे आरोपों का खंडन कर रहे हैं, लेकिन ऐसा करनेवाले को जेल में रखना ठीक नहीं है।
जस्टिस बनर्जी ने कहा कि हम उस देश में रह रहे हैं जहां पर संविधान लागू है।
सख्त टिप्पणी के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने तुरंत प्रशांत कनौजिया को रिहा करने के आदेश दिए।
कोर्ट ने कनौजिया की पत्नी को हाईकोर्ट जाने के लिए भी कहा।
सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर में आईपीसी की धारा 505 के इस्तेमाल पर भी सवाल किए।
यूपी सरकार से पूछा गया कि किन धाराओं के तहत ये गिरफ्तारी की गई है?
उच्चतम न्यायालय ने यूपी सरकार को भी कहा कि मामले की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट में होनी चाहिए।
उधर सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि
आरोपी पत्रकार ने केवल आपत्तिजनक पोस्ट ही नहीं किया बल्कि
इससे पहले वो जाति संबंधी कमेंट भी कर चुके हैं।
बता दें कि पिछले हफ्ते के शनिवार को यूपी पुलिस ने दिल्ली पहुंचकर आरोपी पत्रकार को गिरफ्त में लिया था।
जिस क्लिप और टिप्पणी के आधार पर गिरफ्तारी हुई उसी के आधार पर
नोएडा के एक न्यूज़ चैनल हेड को भी गिरफ्तार किया गया था क्योंकि
उसने इस संबंध में अपने चैनल पर डिबेट करा दी थी।

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