एटा: दरवेश यादव के अंतिम संस्कार में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी पहुंचे

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एटा। उप्र बार कांउसिल की पहली महिलाअध्यक्ष दरवेश यादव का अंतिम संस्कार
गुरुवार को उनके पैतृक निवास एटा के चांदपुर गांव में किया गया।

दरवेश यादव के

इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पहुंचकर अपनी संवेदना प्रकट की।
वहीं,प्रदेश के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक के साथ ही कई न्यायिक अधिकारी, अधिवक्ता तथा
सपा पदाधिकारी भी मौजूद रहे हैं। दरवेश के परिजनों ने मामले की जांच सीबीआई से कराए जानेकी मांग की है।
अंतिम संस्कार में पहुंचे प्रदेश कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि प्रदेश में अपराधी भयभीत हैं।
लगातार हो रही घटनाओं के सवाल पर कहा जल्द ही सभी अपराधी पकड़े जाएंगे।
कचहरी परिसर की सुरक्षा और पुख्ता की जाएगी। कचहरी में वकीलों के बस्तों से आसपास भी पुलिस पिकेट लगाई जाएगी।
पाठक ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सभी जिले के कप्तानों को कानून व्यवस्था सुदृढ़ रखने के निर्देश दिए हैं, ऐसा न करने वालों की छुट्टी होगी।
दरवेश का पार्थिव शरीर बुधवार कोही एटा आ गया था। नवनिर्वाचित अध्यक्ष की बुधवार को
दीवानी कैंपस में ही साथी वकील मनीष शर्मा ने गोली मारकर हत्या कर दी थी।
इसके बाद मनीष ने खुद को भी गोली मार ली थी, उसकी हालत गंभीर है।
मामले में पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर सीएम योगी आदित्‍यनाथ पर तंज कसा था।
उन्‍होंने लिखा, ‘सीएम बैठक पर बैठक कर रहे हैं और अपराधी अपराध पर अपराध।
आगरा में बार काउंसिल अध्‍यक्ष की हत्‍या कानून-व्‍यवस्‍था पर सुलगता सवाल है। दुखद!’
दरवेश के भतीजे पार्थ ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की।
उन्होंने कहा- हम निष्पक्ष जांच की मांग करते हैं, जो भी दोषी हो उसको सजा मिले।
पार्थ ने हत्यारोपी मनीष पर बार काउंसिल में अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए आए फंड के गबन का भी आरोप लगाया।
घटना के विरोध में उप्र के 22 जिलों में आज वकील हड़ताल पर हैं।
उनकी मांग है कि वकीलों की सुरक्षा के लिए प्रदेश सरकार सख्त कदम उठाए।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट बेंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति के चेयरमैन और
मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मांगेराम ने समिति से जुड़े मेरठ सहित
22 जिलों के वकीलों से गुरुवार को न्यायिक कार्य न करने की अपील की है।
दरवेश की हत्या पर गहरा दुख जताते हुए उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने अन्य सदस्यों की सुरक्षा की मांग की है।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने इस हत्याकांड की कड़ी निंदा की है।
बीसीआई ने यूपी सरकार से मृतक अध्यक्ष के परिवार के लिए सुरक्षा के साथ ही
न्यूनतम 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता मुहैया कराने की मांग की है।

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