आर्थिक : हिमाचल में भी ठप्प होने लगा पर्यटन कारोबार

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 देश में गिरती अर्थव्यवस्था का असर उद्योगों के बाद पर्यटन कारोबार पर भी पड़ने लगा है।
मंदी और बरसात के कारण देश-दुनिया में विख्यात हिमाचल के पर्यटन स्थलों कुल्लू-मनाली,
शिमला और धर्मशाला के होटलों में सन्नाटा छा गया है।
मनाली के होटलों में आक्यूपेंसी 20 फीसदी से भी कम, शिमला में 25 और धर्मशाला में 30 फीसदी पहुंच गई है।
निजी होटलों का तो और भी बुरा हाल है।
यहां मात्र 10 फीसदी कमरे ही बुक हैं।
टैक्सी ऑपरेटर भी आजकल बेकार बैठे हैं।
हिमाचल के पर्यटन स्थलों पर आजकल कम ही सैलानी नजर आ रहे हैं।
बर्फ से ढके रहने वाले रोहतांग दर्रे में भी सन्नाटा छाया हुआ है।
राजधानी शिमला में वीकेंड को छोड़ अन्य दिनों में कम ही पर्यटक पहुंच रहे हैं।
होटलियर इसे मंदी से जोड़कर भी देख रहे हैं।
होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन शिमला के अध्यक्ष संजय सूद का कहना है
कि अगस्त में शहर के होटलों में आक्यूपेंसी औसतन 25 से 30 फीसदी रही।
जो सामान्य तौर पर इस माह में आधी रह गई है। मनाली होटलियर एसोसिएशन के अध्यक्ष अनूप राम ठाकुर का कहना है
कि पिछले दो माह में पर्यटन कारोबार कम रहा।
उन्होंने माना कि अर्थव्यवस्था में आ रही कमी के कारण सैलानी घूमने नहीं आ रहा है।
सितंबर में मनाली सैलानियों से गुलजार होती थी,
मगर फिलहाल माल रोड समेत घाटी के पर्यटन स्थलों में सन्नाटा छाया है।
हिम आंचल टैक्सी यूनियन मनाली के प्रधान गुप्त राम का कहना है
कि इन दिनों टैक्सी का कामकाज ठप पड़ा है।
वॉल्वो यूनियन मनाली के अध्यक्ष वरुण मल्होत्रा का कहना है
कि 80 के बजाय अब 25 वॉल्वो बसें ही चल रही हैं।

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