रानी झांसी रोड पर न्यू अनाज मंडी में हुए हादसे में 43 लोगों ने अपनी जान गंवा दी।
वहीं कई घायल हो गए। कई लापरवाहियों के चलते यह दिल्ली का दूसरा सबसे बड़ा अग्निकांड बन गया
जिसमें आग के धुएं से दम घुटने के कारण ज्यादा लोगों की मौतें हुईं।
हालांकि अगर कुछ चीजें ठीक होतीं तो इतना बड़ा हादसा टाला जा सकता था।
जानिए क्या हैं वो कदम जिन्हें सही समय पर उठाया गया होता तो ज्यादा लोगों की जानें बच सकती थीं..
रानी झांसी रोड पर न्यू अनाज मंडी में हुए हादसे में यदि रास्ता संकरा न होता तो ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बचाई जा सकती थी।
संकरा रास्ता होने के कारण घटनास्थल पर महज एक ही छोटी दमकल की गाड़ी पहुंच पाई।
यही वजह थी कि दमकल कर्मियों को आग पर काबू पाने और कूलिंग के काम में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
दमकल कर्मियों ने बचाव के दौरान सूझबूझ का परिचय देते हुए पहले उन लोगों को बाहर निकला जो लोग घायल थे।
दमकल विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आग लगने की सूचना मिलते ही दमकल की चार गाड़ियों को मौके पर भेजा गया था।
वहां पहुंचकर देखा तो बिल्डिंग में अंदर जाने का रास्ता नहीं मिल पा रहा था।
आग ऊपरी मंजिल पर चली थी। ग्राउंड फ्लोर के अलावा चौथी मंजिल तक आग पर काबू पाने के लिए या तो बड़ी दमकल की गाड़ी या सीढ़ी वाली गाड़ी की जरूरत थी।
ऐेसे में कड़ी मशक्कत के बाद दूसरी इमारतों पर पहुंचकर आग वाली बिल्डिंग में पानी डाला गया।
बिल्डिंग में पानी डालने की भी बहुत ज्यादा जगह नहीं थी।
10-15 मिनट पहले सटीक सूचना मिलती तो बचती ज्यादा लोगों की जान
अग्निशमन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उनके पास अगर 10-15 मिनट पहले सूचना आती और वो भी सटीक तो शायद और लोगों की जान बचाई जा सकती थी।
अधिकारियों का कहना है कि आग लगने की जो सूचना उन्हें मिली थी
उसमें सिर्फ इतना बताया गया था कि अनाज मंडी की एक बिल्डिंग में आग लगी है।
अगर सूचना में यह भी बताया गया होता कि इस बिल्डिंग में कितने लोग फंसे हो सकते हैं तो
और तत्परता से दमकल की गाड़ियां राहत बचाव कार्य करतीं।
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