देवबंद में सीएए का विरोध : भजन-कीर्तन समर्थन में तो दूसरी ओर मुस्लिम महिलाओं का धरना

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नागरिकता कानून के विरोध में उत्तर प्रदेश का देवबंद इन दिनों दिल्ली का शाहीन बाग बना हुआ है।
लेकिन यहां नागरिकता कानून को लेकर शहर की दो तस्वीरें नजर आ रही हैं।
एक तरफ सीएए के विरोध में मुस्लिम महिलाएं अठारह दिन से धरने पर डटी हुई हैं।
वहीं दूसरी और सीएए के समर्थन में बड़ी संख्या में एकत्र होकर भजन कीर्तन कर रही है। आगे तस्वीरों में देखें आखिर क्या है पूरा माजरा :-
देवबंद में मुत्ताहिदा ख्वातीन कमेटी के बैनर तले चल रहा महिलाओं का धरना प्रदर्शन 18वें दिन भी जारी रहा।
धरने पर डटीं महिलाओं का कहना है कि सरकार को जगाने
और संविधान की रक्षा के लिए उनका यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार यह काला कानून वापस नहीं ले लेती।

ईदगाह मैदान में चल रहे अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन में गुलअफशा और आयशा ने कहा कि आज देश के जो हालात बने हैं उसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है।

यदि सरकार गलत निर्णय नहीं लेती तो महिलाएं भी घर के बाहर नहीं निकलतीं।
उन्होंने कहा कि सरकार को अपने गलत फैसलों पर दोबारा विचार करना चाहिए।
रुकैय्या मदनी ने कहा देश के संविधान ने यहां रहने वाले हर धर्म और वर्ग के लोगों को शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखने का अधिकार दिया है,
लेकिन शासन प्रशासन संविधान द्वारा दिए गए उस अधिकार को छीनने का प्रयास कर रहे हैं।
अफीफा अफसर ने कहा कि हम सरकार के खिलाफ नहीं है,
लेकिन हमारा विरोध धर्म के आधार पर लाए गए सीएए के विरुद्ध हैं।
इसलिए सरकार को चाहिए कि वह अपनी हठधर्मी छोड़कर देशहित में फैसले लेने का काम करे।
सुमैय्या आदि महिलाओं ने देशभक्ति गीत पेश किए।
दूसरी ओर नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में सांस्कृतिक एवं सामाजिक महिला संगठन प्रेरणा के तत्वावधान में भजन कीर्तन का आयोजन किया जा रहा है।
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यह भजन कीर्तन पांचवें दिन भी जारी रहा।
महिलाओं का कहना था कि जो लोग सीएए का विरोध कर रहे हैं,
वह इस कानून की सच्चाई से वाकिफ नहीं हैं, कानून नागरिकता देने वाला है।
इस भजन कीर्तन में शामिल महिलाओं का कहना है कि जो कानून संसद में पारित हो चुका है
तथा उस पर राष्ट्रपति की मुहर लग चुकी है।
उसका विरोध किसी भी दशा में उचित नहीं हैं।
भजन कीर्तन कर रही महिलाओं ने कहा कि-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह स्पष्ट कर चुके हैं कि एनआरसी लागू नहीं की जा रही है,
साथ ही सीएए से किसी भी भारतीय को कोई नुकसान नहीं है
तो लोगों को सड़क अवरुद्ध कर धरना प्रदर्शन नहीं करना चाहिए।
संतोष कांबोज और मंजू गुप्ता ने कहा कि विपक्षी दल लोगों को गुमराह कर देश का माहौल खराब करना चाहते हैं।

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