यूपी के 15 जिलों में 105 हॉटस्पॉट को सरकार ने किया सील

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लखनऊ। अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी ने  लोक भवन स्थित मीडिया सेन्टर में मीडिया प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि प्रदेश के 15 जिलों के कोविड-19 प्रभावित हाॅट स्पाॅट को पूर्णतया आगामी 15 अप्रैल तक के लिए सील किया जायेगा। सील किये गये क्षेत्रों में घर-घर जाकर माॅनीटरिंग की जायेगी तथा सघन सेनेटाइजेशन कराया जायेगा। सील किये गये क्षेत्रों में लोगों को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो के दृष्टिगत डोर स्टेप डिलीवरी के माध्यम से खाद्यान्न, दूध आदि की व्यवस्था की जायेगी। उन्होंने बताया कि 15 जनपदों में हाॅट स्पाॅट चिन्हित कर कार्यवाही की जा रही है।

 

पुलिस महानिदेशकहितेश चन्द्र अवस्थी ने बताया कि कोरोना से संक्रमित 15 जनपदों के चिन्हित हाॅट स्पाॅट क्षेत्रों को इन्टेंसिव लाॅक डाउन में रखा जायेगा। पुलिस, स्वास्थ्य एवं सफाई कर्मियों के अतिरिक्त क्षेत्र के किसी भी व्यक्ति को न तो घर से बाहर निकलने दिया जायेगा और न ही किसी क्षेत्र का अन्य व्यक्ति अंदर आ सकेगा। हाॅट स्पाॅट क्षेत्र में बैंक और राशन की दुकानें बंद रहेंगी। हाॅट स्पाॅट क्षेत्र में फायर इंजन से सेनेटाइजेशन किया जायेगा।

 

इसके अतिरिक्त हाॅट स्पाॅट क्षेत्र में मकानों की सूची तैयार की जायेगी। आवश्यक सेवाओं में लगे हुए व्यक्तियों को छोड़कर शेष सभी व्यक्तियों के पास निरस्त करते हुए सघन पेट्रोलिंग तथा 112 की सेवा वाहनों की विशेष ड्यटूी लगाई जायेगी जो लाउडस्पीकर से घोषणा करके जनता को जागरूक करेंगे। आदेश का उल्लंघन करने वालों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जायेगी। आवश्यकता पड़ने पर हाॅट स्पाॅट क्षेत्रों में ड्रोन कैमरों से निगरानी रखी जायेगी।

 

उन्होंने बताया कि आवश्यकता पड़ने पर अस्पताल ले जाने के लिए एम्बुलेंस का प्रयोग किया जायेगा तथा किसी भी दशा में निजी वाहन-प्रयोग की अनुमति नहीं दी जायेगी। पुलिस महानिदेशक ने बताया कि कोरोना वायरस के दृष्टिगत प्रदेश में लाॅक डाउन अवधि में पुलिस विभाग द्वारा की गयी कार्यवाही में अब तक धारा 188 के तहत 11,550 लोगों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज की गई। अब तक कुल 29,213 लोग गिरफ्तार किये गये। प्रदेश में अब तक 12,67,594 वाहनांे की सघन चेकिंग में 20,135 वाहन सीज किये गये। चेकिंग अभियान के दौरान 5,31,00,679 रूपए का शमन शुल्क वसूल किया गया।

 

आवश्यक सेवाओं हेतु कुल 1,54,761 वाहनों के परमिट जारी किये गये हैं। उन्होंने बताया कि कालाबाजारी एवं जमाखोरी करने वाले 357 लोगों के खिलाफ 275 एफआईआर दर्ज करते हुए 113 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि अब तक दिल्ली के तबलीगी मरकज में सम्मिलित होने वाले 1,573 लोगों को चिन्हित करके 1,268 लोगों को क्वारेन्टाइन किया गया है। तब्लीगी जमात से जुड़े कुल विदेशियों की संख्या 323 है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार फेक न्यूज पर कड़ाई से नजर रख रही है। फेक न्यूज के तहत अब तक 66 मामलों को संज्ञान में लेते हुए कार्यवाही की गई है।

 

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि अब तक प्रदेश के 37 जिलों से 343 कोरोना पाॅजिटिव के मामले सामने आए हैं इनमें से 26 मरीज पूरी तरह से उपचारित हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि कुल पाॅजिटिव पाये गये मरीजों में 187 मरीज तब्लीगी जमात के हैं। प्रदेश में कोरोना मरीजों के लिए 10 हजार आइसोलेशन बेड की व्यवस्था की गई है। एसिम्प्टोमैटिक मरीजों को जिनमें स्पष्ट लक्षण नहीं मिले हैं, उनके उपचार के लिए 1ः1 अनुपात में एल-1 अटैच्ड फैसिलिटी की व्यवस्था की जा रही है।

 

इसके लिए कोविड अस्पताल के पास ही लाॅज, गेस्ट हाउस आदि स्थान को लिया जायेगा। इससे हमारे पास मरीजों के उपचार हेतु बेड की संख्या लगभग 20 हजार हो जायेगी। उन्होंने कहा कि अलग-अलग जनपदों के कोविड मरीजों की पूलिंग करके मण्डल स्तर पर किसी एक ही चिकित्सालय पर उनका उपचार कराया जाय जिससे मरीजों के उपचार में लगे चिकित्सकों एवं अन्य संसाधनों का समुचित सदुपयोग सुनिश्चित किया जा सके। इस सम्बंध में मण्डलायुक्तों को निर्देश जारी कर दिये गयेे हैं।

 

श्री प्रसाद ने बताया कि अब तक की रिपोर्ट के आधार पर प्रदेश में 0-20 आयु वर्ग के 16 प्रतिशत, 21-40 आयु वर्ग के 44 प्रतिशत, 41-60 आयुवर्ग के 27 प्रतिशत और 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के 13 प्रतिशत कोरोना पाॅजिटिव मरीज मिले हैं। उन्होंने बताया कि जिन जनपदों में एक भी केस उजागर नहीं हुआ है वहां भी निरन्तर सेनेटाइजेशन की कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है। सभी कोविड अस्पतालों एवं मेडिकल काॅलेजों में दवाओं, रक्षा रसायन एवं सुरक्षा उपकरणों की आपूर्ति सुनिश्चित कर दी गई है, कहीं भी संसाधनों की कोई कमी नहीं है। 

 

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना श्री अवनीश कुमार अवस्थी ने यह भी बताया कि कोविड-19 को लेकर टेस्टिंग सुविधा को बढ़ाते हुए शीघ्रातिशीघ्र चिकित्सा एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। टेस्टिंग सुविधा के लिए कुल 10 मेडिकल काॅलेज एवं संस्थानों को उच्चीकृत किया जायेगा। इसी क्रम में 14 नये मेडिकल काॅलेजों में भी टेस्टिंग सुविधा शुरू की जायेगी। उन्होंने बताया कि 06 मण्डल मुख्यालय ऐसे हैं, जहां राजकीय मेडिकल काॅलेज नहीं हैं।

 

ऐसे मण्डल मुख्यालयों-मुरादाबाद, बरेली, गोण्डा, मिर्जापुर, वाराणसी एवं अलीगढ़ के जिला चिकित्सालयों में टेस्टिंग लैब स्थापित की जायेगी। नये टेस्टिंग लैब की स्थापना पर संभावित व्यय का वहन कोविड केयर फण्ड से किया जायेगा। श्री अवस्थी ने बताया कि खाद्यान्न वितरण योजना के तहत निःशुल्क श्रेणी के अन्तर्गत 1,25,50,876 राशन कार्डों के सापेक्ष (अन्त्योदय की संख्या सहित) के सापेक्ष 82,87,182 कार्डों पर खाद्यान्न वितरित किया गया है। इसके अतिरिक्त प्रदेश में प्रचलित कुल 3,54,20,502 राशन कार्डों के सापेक्ष 2,57,26,344 कार्डों पर खाद्यान्न का वितरण किया गया।

 

उन्होंने बताया कि प्रदेश में डोर-स्टेप-डिलीवरी व्यवस्था के अन्तर्गत 21,141 स्टोर क्रियाशील हैं, जिनके माध्यम से 48,589 डिलीवरी मैन आवश्यक सामग्री निरंतर पहुंचा रहे हैं। प्रदेशवासियों को फल एवं सब्जी उपलब्ध कराये जाने के लिए कुल 41,617 वाहनों की व्यवस्था की गयी है। इसी क्रम में कुल 46.75 लाख लीटर दूध उपार्जन के सापेक्ष 32.16 लाख लीटर दूध का वितरण 18,568 डिलीवरी वैन के माध्यम से किया गया है। श्री अवस्थी ने बताया कि उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की श्रमिक भरण-पोषण योजना के तहत निर्माण कार्यों से जुड़े 11.54 लाख श्रमिकों के खाते में एक-एक हजार रूपए की धनराशि आरटीजीएस के माध्यम से भेजी गई है।

 

इसके अतिरिक्त नगरीय क्षेत्र के 2.58 लाख श्रमिकों को भी एक-एक हजार रूपए की धनराशि का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि जिन श्रमिकों का अब तक पंजीयन नहीं हुए है वे श्रम विभाग में अपना पंजीयन करा सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश की 27,048 फैक्ट्री से सम्पर्क किया गया, जिनमें 24,024 द्वारा अपने श्रमिकों को वेतन का वितरण कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक 4,242 औद्योगिक इकाईयां चालू हो गई हैं। उन्होंने बताया कि राजस्व विभाग की सब कमेटी द्वारा आश्रय स्थल की संख्या 4,250 हो गयी है जिनमें अब तक रहने वालों की संख्या 1,25,800 है। 727 सरकारी तथा 1989 स्वैच्छिक कम्यूनिटी किचन के माध्यम से स्वदेश में 11,49,926 लोगों को भोजन वितरित किया गया।

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