लॉकडाउन में फंसे लखनऊ के रोडवेज कर्मचारी ने बरेली में फंदा लगाकर की आत्महत्या

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बरेली/लखनऊ। कोरोना महामारी की वजह से लाकडाउन में फंसे एक रोडवेज कर्मचारी ने सुभाषनगर पुलिया के पास फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इससे पहले उसने मोबाइल के कांटेक्टर नंबर और फोटो डिलीट कर दिये। पुलिस ने आधार कार्ड के जरिये उसके घर के पते पर संबंधित थाने से सूचना भिजवाई। शव को पोस्टमार्टम के लिये सील कर दिया गया है। परिवार वाले देर रात बरेली पहुंच गये।

मंगलवार देर रात सुभाषनगर में क्लासिक गेस्ट हाउस में रुके लखनऊ  के जानकीपुरम सेक्टर ए के रहने वाले अनुराग दीप गुप्ता (28) ने फांसी लगाकर आत्म हत्या कर ली। गेस्ट हाऊस मैनेजर नदीम ने बताया कि अनुराग 18 मार्च को लखनऊ  से आये थे। वह रोडवेज बसों की चेकिंग करते थे। इस बीच लॉक डाउन घोषित करने के बाद से वह बरेली में ही फंस गया।

उन्होंने बताया कि अनुराग ने कई बार लखनऊ  जाने का प्रयास किया। जिसके बाद भी वह घर नहीं पहुंच पाया। कुछ दिनों से घर न जा पाने के कारण अनुराग गुमसुम सा रह रहा था। मंगलवार रात को वह खाना खाकर कमरे में सो गया। बुधवार सुबह काफी देर तक बाहर न आने पर नदीम ने उसके कमरे का दरवाजा खटखटाया।

काफी देर तक कोई आवाज न आने पर उन्होंने खिड़की से झांका तो अनुराग पंखे के सहारे चादर के फंदे से लटका था। उन्होंने सुभाषनगर पुलिस को इसकी दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा खोलकर अनुराग के शव को कब्जे में ले लिया और सील कर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया। चौकी इंचार्ज सुभाषनगर गजेंद्र सिंह ने बताया कि होटल के मैनेजर का कहना था कि लाक डाउन की वजह से वह तनाव में था। लखनऊ उसके घर पर सूचना भिजवा दी थी। परिवार वाले देर रात आ गये हैं। शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।

मोबाइल के नंबर फोटो डिलीट करने के बाद लगाई फांसी

मृतक अनुराग के कमरे से मिले उसके मोबाइल में सुभाषनगर पुलिस को कोई डाटा नहीं मिला है। इसके अलावा अनुराग ने आत्महत्या से पहले सारे नंबर और फोटो भी डिलीट कर दिये। जिससे उसके परिवार वालों को सूचना देने के लिये पुलिस ने लखनऊ  के जानकीपुरम थाने में मामले की सूचना दी। जिसके बाद लखनऊ  पुलिस ने सुभाषनगर पुलिस को मृतक की मां से बात कराई है। तत्काल बरेली के लिये निकल गये।

एक टाइम का खाना खाकर कर रहा था गुजारा

अनुराग एक टाइम का ही खाना खाकर गुजारा कर रहा था। मैनेजर नदीम ने बताया कि वह अनुराग को दोनों समय का खाना खाने के लिये बुलाते थे। लेकिन वह सिर्फ एक वक्त का ही खाना खाता था। पैसों की कमी को लेकर भी वह काफी परेशान था। लॉकडाउन के बाद से होटल मैनेजर ही उसको खाना खिला रहे थे।

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