24 जमातियों को छिपाने के आरोप में जालिम मुखिया नेपाल में गिरफ्तार

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सीमा सुरक्षा बल (एसएसबी) से मिली गोपनीय सूचना के बाद सु्र्खियों में आए जालिम मुखिया को नेपाल में 24 तबलीगी जमातियों को छिपाने के मामले में नेपाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जिन जमातियों को जालिम मुखिया ने छिपाकर रखा था, उनमें से तीन लोगों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है।

3 अप्रैल को एसएसबी ने पश्चिमी चंपारण के डीएम को गोपनीय पत्र लिखकर अलर्ट किया था कि जालिम मुखिया 40-50 कोरोना संक्रमित लोगों को नेपाल के रास्ते चोरी-छिपे भारत में प्रवेश करा चुका है। इसके बाद डीएम कुंदन कुमार ने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर विशेष सतर्कता बरतने के लिए कहा था।

नेपाली मीडिया के अनुसार, एक अप्रैल को रक्सौल बॉर्डर पर भारतीय सुरक्षाकर्मियों ने जमातियों को रोकने का प्रयास किया था, लेकिन सभी जमाती जबरन नेपाल की सीमा में प्रवेश कर गए थे। नेपाल सीमा में प्रवेश के बाद जालिम मुखिया 10 बाइकों की व्यवस्था करके इन्हें ले गया था। ये सभी जमाती पाकिस्तान, इंडोनेशिया और भारत के हैं।

दिल्ली के तबलीगी जमात में शामिल होकर लौटे जालिम मुखिया ने भारतीय और विदेशी सहित 24 तबलीगी जमातियों को छपकैया वार्ड नंबर 2 की मस्जिद और यतीमखाना की मस्जिद में रखा था। सूचना मिलते ही नेपाली पुलिस ने इनकी जांच की, जिसमें 3 कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।

संक्रमितों को नारायणी अस्पताल वीरगंज के आइसोलेशन में रखा गया है। यातीमखाना संचालन कमेटी के अली असगर मदनी उर्फ कालानाग और जगरनाथपुर गांव सभा के प्रधान जालिम मुखिया ने सभी जमातियों के रहने और खाने का बंदोबस्त किया था।

जमातियों द्वारा अस्पताल में कर्मचारियों और पुलिस से दुर्व्यवहार भी करने की खबरें हैं।
नेपाली मीडिया के अनुसार इन जमातियों में अधिकांश भारतीय, कुछ लोग इंडोनेशिया और कुछ पाकिस्तानी हैं। नेपाल के आंतरिक मामलों के मंत्रालय के अनुसार नेपाली जिला रौतहट, सप्तरी व सिराहा सहित कुल 349 जमाती थे। नेपाल के सुरक्षाकर्मी इन लोगों को खोज रहे हैं।
कौन है जालिम मुखिया?

जालिम मुखिया नेपाल के परसा जिले के सेरवा थानाक्षेत्र स्थित जगरनाथ पुर गांव का रहनेवाला है। हथियार और नकली भारतीय नोटों की तस्करी में वह शामिल रहा है। इन मामलों में उसके खिलाफ चार्जशीट भी हो चुका है।

सूत्रों के मुताबिक तबलीगी जमात के कई लोग भारत में लॉकडाउन के बाद नेपाल चले गए थे। जालिम मुखिया इन जमातियों को भारत लौटने में अपने नेटवर्क के जरिए मदद कर रहा था।

Rpt=ए पी चौहान

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