केन्द्र से मिली राशि वितरित कर मुख्यमंत्री झूठी वाह-वाही कर रहे हैं- पूर्व मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ

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भोपाल -पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि जो राशि देने के लिए केन्द्र सरकार बाध्य है उसे बांटकर झूठा प्रचार कर मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह चौहान प्रदेश की जनता को गुमराह कर रहे हैं। कमल नाथ ने कहा कि किसानों से समर्थन मूल्य पर दस हजार करोड़ रुपए की राशि देना राहत नहीं है बल्कि किसानों द्वारा अपनी मेहनत से जो फसल उपजाई है
जिसकी खरीदी गई है उसका मूल्य सरकार ने चुकाया है ,उन्हें कोई खैरात नहीं दी है। यह तो हर राज्य सरकार का फर्ज है। इसमें किस बात की तारिफ है ? यह राशि केन्द्र सरकार के द्वारा दी जाती है और देश के सभी राज्यों को यह मिलती है।
कमल नाथ ने कहा की ’’मैं आज भी इस बात पर कायम हूँ कि जब कांग्रेस सत्ता में आयी थी तब प्रदेश की वित्तीय स्थिति बेहद खराब थी, जिसकी पुष्टि स्वयं भाजपा सरकार मे वित्त मंत्री रहे जयंत मलैया ने भी की थी।’’
पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा की झूठ बोलकर जनता को गुमराह करना भाजपा का असली चरित्र है। उन्होंने कहा कि 16 हजार करोड में से 10 हजार करोड़ समर्थन मूल्य पर किसानों से उनकी उपज खरीदी गई है ,इसके अलावा 3 हजार करोड़ से अधिक की राशि केन्द्रीय योजनाओं के मद की है
जिसमें प्रधानमंत्री आवास योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, मध्यान्ह भोजन योजना, प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना आदि शामिल है।
कमल नाथ ने कहा की यह राशि केन्द्र सरकार द्वारा सभी राज्यों को दी जाती है जो एक संवैधानिक व्यवस्था है।पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई संबल योजना में भाजपा कार्यकर्ताओं के नाम जोड़कर उन्हें फायदा पहुंचाया जा रहा था। गरीबों के नाम पर अपात्र लोगों को लाभ मिल रहा था। इस योजना का नाम बदलकर नया सवेरा करके कांग्रेस सरकार ने इसकी सूची का सत्यापन किया और उसमें सुधारकर अपात्र लोगों को हटाने का काम किया।
योजना में कांग्रेस सरकार ने 813 करोड़ की राशि पात्र गरीबों को दी गयी थी जिसमें अंत्येष्टि, दुर्घटना मृत्यु, अपंगता आदि शामिल है, जबकि भाजपा सरकार नें मात्र 340 करोड़ ही अपने पूर्व कार्यकाल में वितरित की थी।
कमल नाथ ने कहा बड़े दुख की बात है कि भाजपा ने फिर से उन सभी अपात्रों को जोड दिया जो भाजपा के लोग हैं। इससे सरकार के खजाने पर करोड़ों का बोझ पड़ेगा।
कमल नाथ ने कहा की जहां तक खाली खजाने की बात है,मैं आज भी इस बात पर कायम हूँ। उन्होने कहा कि अपने हितों को साधने के लिये किस तरह प्रदेश का बेड़ा गर्क किया गया। डेढ़ साल के कार्यकाल में हमारा लगभग समय प्रदेश की खराब वित्तीय स्थिति कों संवारने में लगा। लगभग 2 हजार करोड़ की ऐसी योजनायें थी जिनका कोई बजट प्रावधान नहीं था, सिर्फ चुनाव जीतने के लिये शिवराज सरकार ने झूठी घोषणायें कर दी थी। कमल नाथ ने कहा करोड़ों रूपये की उधारी भी कांग्रेस सरकार ने चुकायी।
अगर खाली खजाना नहीं था तो शिवराज जी बताए उन्होंने आचार संहिता के दौरान खुले बाजार से कर्ज क्यों लिया था ?
पूर्व मुख्यमंत्री नें कहा कि शिवराज ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्हें अपने प्रदेश की स्थिति का कोई ज्ञान नहीं है और वे सिर्फ झूठे प्रचार के जरिए अपनी तारिफ के कसीदे पड़ते रहते है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा सरकार में फर्क यह है कि हमारी सरकार काम करने वाली सरकार थी और भाजपा की सिर्फ बातें करने वाली सरकार है। प्रदेश की जनता भी इस सच्चाई को जानती है। वर्ष 2018 के चुनाव में भी उसने सच्चाई का साथ दिया था, इस बार भी उपचुनाव में वह सच्चाई के साथ खड़ी होगी।
हरि शंकर पाराशर राष्ट्रीय जजमेंट संवाददाता की रिपोर्ट ✍️

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