समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार कोरोना संकट और कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर नियंत्रण पाने में पूरी तरह विफल हो चुकी है। अफसर बेतुके आदेश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री असहाय महसूस कर रहे हैं। प्रदेश की बदहाली के मद्देनजर उन्हें तत्काल इस्तीफा देना चाहिए।
अखिलेश ने जारी बयान में कहा कि सरकार में निर्णय के स्तर पर गैरजिम्मेदारी और आपाधापी चल रही है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक कहते हैं कि मोबाइल से संक्रमण फैलता है। अगर ऐसा है तो आइसोलेशन वार्ड के साथ पूरे देश में मोबाइल पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। ऐसे ही पीलीभीत में डीएम ने ईद पर मस्जिदों में नमाज की छूट दे दी और फिर आदेश वापस ले लिया। यह कैसी दुविधा की स्थिति है।
उन्होंने कहा कि क्वारंटीन सेंटरों में बदइंतजामी से मरीजों का मरना जारी है। मेरठ में एक मेहनतकश मर गया। सपा उसके परिवार को एक लाख रुपये की सहायता देगी। अखिलेश ने कहा कि सरकार को मृत श्रमिकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की मदद देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था की स्थिति काफी बिगड़ गई है। कोई जिला ऐसा नहीं है, जहां कानून-व्यवस्था को चुनौती देने वाली घटनाएं न हो रही हों। प्रदेश को चलाना भाजपा सरकार के वश में नहीं रह गया है।
इतनी निष्ठुर व श्रमिक विरोधी सरकार नहीं देखी
रामगोविंद ने रविवार को जारी बयान में कहा कि घर वापस आ रहे श्रमिकों के साथ केंद्र व प्रदेश सरकार शुरू से ही दुश्मन जैसा व्यवहार कर रही है। अचानक व अनियोजित लॉकडाउन से रोजी-रोटी समाप्त होने की पीड़ा को छोड़िए, दोनों सरकारें इन्हें सकुशल घर भी नहीं पहुंचने दे रही हैं। पुलिस उन्हें जगह-जगह बेरहमी से पीट रही है। इस सरकार को एक क्षण के लिए सरकार में बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है।