खुद के नकली हस्ताक्षर का पास देखकर हैरान रह गए एडीएम सिटी अधिकारी भी चौके

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लॉकडाउन के दौरान एडीएम के फर्जी हस्ताक्षर से वाहनों के मूवमेंट पास बनाए जाने का मामला सामने आया है। व्हाट्सएप पर खुद के फर्जी हस्ताक्षर वाला पास देखकर एडीएम सिटी भी हैरत में पड़ गए। उन्होंने फर्जी पास बनाने वाले गैंग के सक्रिय होने का अंदेशा जताते हुए कविनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
मुकदमे में रिजवान नाम के युवक को नामजद कराया गया है। पुलिस का कहना है कि गिरोह से जुड़े लोगों की खोजबीन की जा रही है। एडीएम सिटी गाज़ियाबाद  शैलेन्द्र सिंह का कहना है कि कुछ दिन पहले उन्हें सोशल मीडिया के जरिए कोविड-19 के तहत जारी होने वाला एक मूवमेंट पास मिला।
जिसमें उनके फर्जी हस्ताक्षर थे। यह आपातकालीन पास रिजवान पुत्र मोहम्मद रजा निवासी पहाड़गंज, दिल्ली के नाम से था। पास में स्थानीय पता ट्रोनिका सिटी सेक्टर-7 लोनी का दर्शाया गया था। रिजवान ने गेहूं की फसल पकने का हवाला देते हुए 24 अप्रैल से 26 अप्रैल तक अपनी कार से सीतामणी बिहार जाने की अनुमति मांगी थी।
एडीएम का कहना है कि इस तरह का कोई पास उनके दफ्तर से जारी नहीं किया गया। अंदेशा जताया है कि रिजवान ने असामाजिक तत्वों का सहारा लेकर बिहार जाने के लिए फर्जी पास बनवाया है।
फर्जी पास बनाकर मोटी रकम कमाने का अंदेशा 
फर्जी पास बनाने के लिए किसी गैंग के सक्रिय होने का शक भी एडीएम ने जताया है। साथ ही यह भी अंदेशा है कि गिरोह ने फर्जी पास बनाकर मोटी रकम कमाई। एडीएम सिटी का कहना है कि फर्जीवाड़ा कर आरोपियों ने प्रशासन की छवि धूमिल करने की कोशिश की।
सबूतों के आधार पर एडीएम ने कविनगर थाने में आरोपी रिजवान के खिलाफ केस दर्ज कराते हुए कार्रवाई करने को कहा है। एसएचओ कविनगर मोहम्मद असलम का कहना है कि गिरोह से जुड़े लोगों की खोजबीन की जा रही है। उन्हें जल्द गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगा।
 दीपक वर्मा R J

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