चीफ जस्टिस ने केंद्र सरकार के कामकाज पर जताई हैरानी

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चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जस्टिस रंजन गोगोई ने भी केंद्र सरकार के त्वरित कामकाज पर हैरानी जताई है। बता दें कि इससे पहले पूर्व सीजीआई रिटायर्ड जस्टिस दीपक मिश्रा के कार्यकाल में सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति पर
केंद्र सरकार और सुप्रीम कोर्ट के बीच तनातनी देखने को मिली थी जब केंद्र सरकार ने जस्टिस के एम जोसेफ की नियुक्ति संबंधी कॉलेजियम की सिफारिश न सिर्फ लौटा दी थी बल्कि लंबे समय तक उससे संबंधित फाइल दबाए बैठी थी।
दोबारा कॉलेजियम की सिफारिश जाने के बाद केंद्र सरकार ने आखिरकार जस्टिस जोसेफ को प्रमोशन दिया था। इस देरी की वजह से सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस जोसेफ की वरीयता घट गई और जस्टिस इंदु मल्होत्रा उनसे सीनियर हो गईं।
सुप्रीम कोर्ट में आज (शुक्रवार, 02 नवंबर, 2018) चार नए जजों ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। शपथ लेने वालों में जस्टिस हेमंत गुप्ता, जस्टिस आर सुभाष रेड्‌डी, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस अजय रस्तोगी शामिल हैं।
दो दिन पहले ही कॉलेजियम ने इनके नामों की सिफारिश केंद्र सरकार को बेजी थी लेकिन 48 घंटे के अंदर न सिर्फ उसे हरी झंडी मिल गई बल्कि चारों जजों ने शपथ भी ले ली। 
चार नए जजों के शपथ लेने से सुप्रीम कोर्ट में जजों की कुल संख्या बढ़कर अब 28 हो गई है। सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों के कॉलेजियम ने 30 अक्टूबर को चार नए जजों की नियुक्ति को मंजूरी दी थी।
इसके अगले दिन कॉलेजियम ने अपनी सिफारिश 31 अक्तूबर को केंद्र सरकार को भेजी थी। इसके बाद गुरुवार (01 नवंबर) को राष्ट्रपति ने कॉलेजियम की सिफारिश को मंजूरी दी थी।
शुक्रवार को सभी नवनियुक्त जजों को शपथ दिलाई गई। इन जजों में जस्टिस हेमंत गुप्ता मध्य प्रदेश, जस्टिस आर सुभाष रेड्‌डी गुजरात,
जस्टिस एमआर शाह पटना और जस्टिस अजय रस्तोगी त्रिपुरा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थे।
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