कोरोना के चलते बंद दिल्ली मेट्रो ने केन्द्र से मांगी आर्थिक मदद

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कोरोना संक्रमण के कारण पिछले 122 दिनों से परिचालन की समाप्ति के कारण मेट्रो का वित्तीय संकट बढ़ गया है। डीएमआरसी के पास अब ऋण चुकाने के लिए पैसे नहीं हैं। 18 वर्षों में पहली बार, मेट्रो ने ऋण चुकाने में सक्षम नहीं होने का हवाला देते हुए केंद्र सरकार से वित्तीय सहायता की मांग की है।
मेट्रो रेल योजना के लिए केंद्र ने जापानी कंपनी ज़िका (जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी) से 35,198 करोड़ रुपये का ऋण लिया है। डीएमआरसी परिचालनों से हुए मुनाफे से ऋण की किस्त चुका दी गई है। वर्ष 2002 से जब परिचालन शुरू हुआ था, तब से मेट्रो अपनी किश्तों का भुगतान कर रही है। इस बार 22 मार्च को बंद हुई मेट्रो के पास कर्ज चुकाने के लिए पैसे नहीं हैं।
सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली मेट्रो को 2020-21 में 1242 करोड़ रुपये से अधिक की कुल किस्त देनी है। इसमें अकेले 434.15 करोड़ ब्याज और 808.68 करोड़ मूलधन शामिल हैं। अब तक, पहली तिमाही बीत जाने के बाद, मेट्रो ने केवल 79.19 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। यह सिर्फ ब्याज का एक हिस्सा है। मेट्रो ने अब केंद्र से कहा है कि उनके पास ऋण चुकाने के लिए पैसे नहीं हैं।
मेट्रो का कुल नेटवर्क 389 किमी है, जिस पर कुल 285 मेट्रो स्टेशन पड़ते हैं। चार महीने से मेट्रो बंद होने के बाद, इसका रखरखाव जारी है। वहीं, करीब 10,000 लोग मेट्रो के साथ काम करते हैं। परिचालन बंद होने से मेट्रो को रोजाना लगभग 10 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। लॉकडाउन से पहले 28 लाख से अधिक लोग मेट्रो में प्रतिदिन यात्रा करते थे। मेट्रो कब खुलेगी, इस बारे में अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। दिल्ली सरकार चाहती है कि मेट्रो खुले, लेकिन जिस तरह से जून से कोरोना संक्रमण की दर बढ़ी है, उसके बाद केंद्र और दिल्ली सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है।
दिल्ली- धनंजय सिंह के साथ आकाश सूर्यवंशी की रिपोर्ट 

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