आगरा में बच्ची की मौत पर प्रियंका गांधी ने लिखा- भुखमरी से मर जाना सरकार के माथे पर कलंक
आगरा | नैनाना जाट के नगला विधिचंद में शनिवार को पांच वर्षीय बच्ची की हुई मौत पर अब सियासत गरमाने लगी है। इस मामले को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए अपनी फेसबुक पर एक पोस्ट की है। इस पोस्ट में प्रियंका गांधी वाड्रा ने लिखा है कि ‘आगरा जिले की बच्ची का इस तरह भुखमरी से मर जाना सरकार के माथे पर कलंक है।
बच्ची का पूरा परिवार दुखी है।’ प्रियंका ने पूछा है कि उत्तर प्रदेश सरकार ये बताए कि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिये क्या कदम उठाए जा रहें हैं। इस पोस्ट के साथ उन्होंने मृतक बच्ची की बड़ी बहन का वीडियो भी शेयर किया है जिसमें वह कह रही है कि भूख के कारण पहले उसके भाई की मौत हुई और अब उसकी पांच वर्षीय बहन ने दम तोड़ दिया।
घर में खाने के लिए कुछ नहीं है। पिता बीमार है और माँ भी 6 महीने से बेरोजगार है। घर में खाना न होने के कारण इधर उधर से मांग कर खाते है और भोजन न मिलने पर भूखे सो जाते है। लॉकडाउन के कारण माँ बेरोजगार हो गयी और घर में जो था वो भी खत्म हो गया।
मामला सदर थाना क्षेत्र के नैनाना जाट ग्राम पंचायत के नगला विधि चंद का है। जहां पप्पू सिंह अपने पैतृक मकान में पत्नी शीला देवी और बच्चों के साथ रहते हैं। लॉकडाउन से पहले पप्पू जूता कारीगर था लेकिन तबीयत खराब होने पर वह घर पर ही रहने लगा।
इससे उसके परिवार की जिम्मेदारी उसकी पत्नी शीला पर आ गई, जो मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पाल रही थी, लेकिन इसी बीच लॉकडाउन लगने से शीला का काम भी बंद हो गया और वह भी बेरोजगार हो गई। कुछ दिनों तक पड़ोसियों ने शीला की मदद की, लेकिन अनलॉक लगने से स्थिति और खराब होने लगी। इसी बीच शीला की 5 साल की बेटी सोनिया बीमार पड़ गई।
उसके इलाज के लिए शीला मजदूरी का काम खोजने लगी और संयोश वश बीते गुरूवार को शीला को मजदूरी मिली और दूसरे दिन उसे बच्ची का इलाज करवाने डॉक्टर के पास जाना था लेकिन इसके पहले ही सोनिया (बच्ची) की मौत हो गई।
बच्ची की मौत पर उसकी मां शीला देवी ने कहा कि उसकी जान भूख से गई है। भूख के कारण वो कमजोर हो गई और बुखार आ गया।
सोमवार को कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने पीड़ित परिवार के मुलाकात की और मदद का भरोसा दिया। उधर, इस मामले में बाल आयोग ने प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है। महफूज सुरक्षित बचपन संस्था समन्वय नरेश पारस ने राष्ट्रीय व राज्य बाल संरक्षण आयोग से जांच की मांग की है।
हालांकि उसके घर राशन सामग्री लेकर पहुंचे तहसीलदार प्रेमपाल सिंह ने बताया कि बच्ची की मौत भूख से नहीं, बीमारी के कारण हुई है।