कोरोना ने रोकी पंचायत चुनाव की राह छह माह टलेगा पंचायत चुनाव

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लखनऊ, । उत्तर प्रदेश में कोविड-19 के मद्देनजर राज्य सरकार फिलहाल पंचायत चुनाव नहीं कराएगी। पंचायत चुनाव को छह माह तक टालने पर योगी सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। इस संबंध में सरकार जल्द ही फैसला कर राज्य निर्वाचन आयोग को अवगत कराएगी।
दरअसल, मौजूदा पंचायतों का पांच वर्ष का कार्यकाल 25 दिसंबर को पूरा हो रहा है। समय से चुनावी प्रक्रिया पूरी करने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग को सामान्यता छह माह चाहिए होते हैं। विशेष परिस्थितियों में आयोग न्यूनतम चार महीने में भी चुनाव करा सकता है। इस तरह से पंचायतों के समय से गठन के लिए अब तक चुनाव की तैयारियों शुरू हो जानी चाहिए थी लेकिन वैश्विक महामारी कोविड-19 के मद्देनजर सरकार ने अब तक आयोग को चुनाव कराने के संबंध में हरी झंडी नहीं दी है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सूचना सलाहकार मृत्युंजय कुमार का कहना है कि मौजूदा परिस्थितयों को देखते हुए सरकार फिलहाल पंचायत चुनाव स्थगित करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। इस संबंध में जल्द ही उच्च स्तरीय निर्णय ले लिया जाएगा। मृत्युंजय कुमार के मुताबिक परिस्थितियां सामान्य होने की दशा में छह माह बाद पंचायत के चुनाव कराए जाएंगे। ऐसे में अगले वर्ष मई-जून तक पंचायत चुनाव टल सकते हैं। गौरतलब है कि पंचायत चुनाव के संबंध में राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार पिछले दिनों मुख्यमंत्री से मिले थे।

मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद ही आयोग ने जिस तरह से पहली सितंबर से मतदाता सूची के वृहद पुनरीक्षण के जिलाधिकारियों (जिला निर्वाचन अधिकारी) को जारी आदेश को रद कर दिया था, उससे ही यह संकेत मिल गए थे कि पंचायत चुनाव टलना तय है। वैसे 25 दिसंबर से पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी करने के लिए आयोग ने पूर्व में सरकार को अपनी ओर से दीपावली के बाद 16 नवंबर से 20 दिसंबर के दरमियान चुनाव प्रस्तावित किया था।
उल्लेखनीय है कि क्षेत्र पंचायत का कार्यकाल अगले वर्ष 17 मार्च को और जिला पंचायत का कार्यकाल 13 जनवरी को समाप्त हो रहा है। कोर्ट में जा सकता है मामला : कोविड-19 के मद्देनजर सरकार भले ही पंचायत चुनाव को टाल रही है लेकिन समय से चुनाव कराने को लेकर मामला कोर्ट में जा सकता है। जानकारों का कहना है कि जब भारत निर्वाचन आयोग, कोविड के बावजूद बिहार विधानसभा के चुनाव कराने जा रहा है तब राज्य निर्वाचन आयोग क्यों नहीं पंचायत चुनाव करा सकता है। विपक्षी दल भी चुनाव टालने को लेकर सरकार को घेर सकती हैं।
अंशुल शर्मा राष्ट्रीय जजमेंट संवाददाता✍️

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