यूपी : दुष्कर्म पीड़िता ने की ख़ुदकुशी, माता-पिता को प्रशाशन से न्याय की उम्मीद , गाँव मे भारी पुलिसबल तैनात

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चित्रकूट जिले में सदर कोतवाली क्षेत्र में सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता किशोरी के खुदकुशी करने के बाद किसी भी अनहोनी की आशंका के चलते गांव को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। गांव में तीन थानों की पुलिस समेत सरैंया चौकी का फोर्स तैनात किया गया है।
बेटी के आत्महत्या करने से बेहाल माता-पिता का कहना है कि दोनों युवकों की गिरफ्तारी संग उनको इंसाफ चाहिए। पिता का आरोप है कि घटना के बाद से बेटी गुमसुम रहती थी और घर से बाहर निकलना भी बंद कर दिया था। उधर, घटना के बाद गांव पहुंचे चित्रकूटधाम मंडल के आईजी के सत्यनारायण, जिलाधिकारी शेषमणि पांडेय और एएसपी पीसी पांडेय ने परिजनों से मुलाकात कर न्याय दिलाने का भरोसा दिया।
पिता ने बताया कि बेटी ने इसी साल कक्षा आठ की परीक्षा पास कर नौवीं में दाखिला लिया था। बेटी की खुदकुशी ने अंदर तक झकझोर कर रख दिया है। बताया कि दो भाई और पांच बहनों में वह सबसे छोटी थी। उधर, घटना के बाद गांव में सदर कोतवाली, मानिकपुर थाना, रैपुरा थाना और सरैंया पुलिस चौकी का फोर्स तैनात किया गया है।
सदर कोतवाली प्रभारी जयशंकर सिंह फोर्स संग किशोरी के घर के पास मौजूद थे। जिस तरह से गांव में पुलिस बल अलर्ट हुआ और पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार को पुलिस वाहन में शव लेकर भारी फोर्स गांव पहुंचा उसने हाथरस कांड की याद ताजा करा दी। किशोरी की चार बहनों की शादी हो चुकी है।
किशोरी के परिजनों के मुताबिक, बुधवार को अन्य परिजनों के पहुंचने के बाद शव का गांव में ही अंतिम संस्कार किया जाएगा। पुलिस ने शव को घर के बाहर रखवा दिया है। कोतवाल ने बताया कि वीडियो रिकॉर्डिंग भी कराई जा रही, ताकि किसी तरह का पक्षपात का आरोप न लग सके।
सुसाइड नोट लिखने की भी चर्चा होती रही
दुष्कर्म पीड़िता किशोरी के खुदकुशी करने के मामले में सुबह से गांव में यह चर्चा होती रही कि उसने सुसाइड नोट भी लिखा है, जो पुलिस अधिकारियों के पास है। इस संबंध में एएसपी पीसी पांडेय ने बताया कि ऐसा कोई पत्र नहीं मिला है और न ही परिजनों ने इसकी चर्चा की है।
राजनीति भी शुरू, 50 लाख मुआवजे की मांग
घटना की जानकारी होने पर पीड़ित परिवार से मिलकर सपा जिलाध्यक्ष अनुज यादव, पूर्व विधायक वीर सिंह पटेल ने ढांढस बंधाया और कोतवाल जयशंकर सिंह से पूरी जानकारी ली। सपाइयों ने परिजनों से कहा कि वह न्याय दिलाने के लिए हर संभव मदद करेंगे। यदि शीघ्र आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई तो पार्टी आंदोलन को विवश होगी। सपाइयों ने प्रदेश सरकार से पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा दिलाने की मांग की है।
पहले रिपोर्ट न लिखाना भी सवाल खड़े कर रहा
घटना के बाद जब किशोरी को परिजन घर लाए तो मां ने उसे डांटा था। घटनास्थल पर पुलिस के पहुंचने व जानकारी के बाद भी चार दिन तक रिपोर्ट दर्ज न कराना कई सवाल खड़े कर रहा है। ग्रामीणों ने चौकी पुलिस पर मामले को तूल न देने और समझौता करने को दबाव बनाने का आरोप लगाया, जबकि सीओ सिटी रजनीश यादव का कहना कि परिजनों ने ही एक सप्ताह बाद आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की बात कही थी।

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