ब्रिटेन में इंडियन वॉर मेमोरियल में तोड़फोड़, सिख सैनिक की मूर्ति तोड़ी

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ये हमला प्रथम विश्व युद्ध की शताब्दी के मौके पर किया गया।  मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस घटना पर अपनी गहन चिंता और अफसोस जताया है।
कैप्टन अमरिंदर​ सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा,” प्रथम विश्व युद्ध में दक्षिण एशियाई सैनिकों के योगदान के प्रतीक के तौर पर स्थापित की गई 15वीं सिख बटालियन के एक सिपाही की 10 फीट ऊंची मूर्ति को क्षतिग्रस्त करने की घटना वाकई अपमानजनक है।”
यूके के नव उद्घाटित इंडियन वॉर मेमोरियल में तोड़फोड़ की घटना पर भारत में कड़ी प्रतिक्रिया हुई है। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने नस्लीय हमले की इस घटना के दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है।
ये घटना बीते कुछ महीनों में यूके और अन्य पश्चिमी देशों में सिखों के खिलाफ हुए नस्लीय हमलों के परिदृश्य में हुई है। इस प्रतिमा का उद्घाटन पिछले रविवार (4 नवंबर) को किया गया था। इस मूर्ति को प्रथम विश्व युद्ध में अपने प्राण देने वाले सिख सैनिकों के सम्मान के लिए आयोजित एक सम्मान समारोह से कुछ घंटे पहले ही क्षतिग्रस्त कर दिया गया।
बता दें कि प्रथम विश्व युद्ध में भारत के 74,000 से ज्यादा सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी। इसके अलावा दुनिया के विभिन्न देशों में सैनिकों के बलिदान की स्मृति में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। प्रथम विश्व युद्ध साल 1914 से 1918 के बीच चला था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये चौंकाने वाला और घृणित कार्य है। ये नस्लवादी तत्वों के द्वारा युद्ध में सिख सैनिकों के योगदान को कम दिखाने की कोशिश है।
वे समाज में नफरत का माहौल पैदा करना चाहते हैं और समुदाय के प्रति हीनता की भावना को मजबूत करना चाहते हैं। इस घटना से सिख समुदाय में रोष को समझा जा सकता है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने यूके के अधिकारियों से अपील की है कि वे इस घटना के दोषियों की पहचान करें और उन्हें सजा दें।
बता दें कि स्मेथविक के गुरु नानक गुरुद्वारा ने कांसे की इस मूर्ति के निर्माण के लिए करीब 20,000 पाउंड का दान दिया था। जबकि स्थानीय सैंडविल काउंसिल ने सार्वजनिक स्थल के निर्माण, बैठने की व्यवस्था और मूर्ति के आसपास प्रकाश की व्यवस्था की थी। इस मूर्ति के उद्घाटन समारोह में सैकड़ों लोग जमा हुए थे।
कार्यक्रम में आने वालों में लेबर पार्टी की एमपी प्रीत कौर गिल भी शामिल हुईं थीं। प्रीत कौर यूके की पहली महिला सिख सांसद हैंं। कैप्टन अ​मरिंदर सिंह ने कहा कि ये आर्थिक नुकसान से कहीं ज्यादा है।
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ये सिख समुदाय की भावनाओं को आहत करने वाला और दर्द देने वाला है, जिन्होंने अपने घर से बहुत दूर पराई जमीन पर हुए युद्ध में अपनी हजारों जानें गंवाई हैं।

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