रामपुर में बनाए गए तमाम गेटों के नाम बदलने जा रही है योगी सरकार
समाजवादी पार्टी सरकार में नगर विकास मंत्री रहे आजम खान की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं आजम खान ने अपने आप को जोहर यूनिवर्सिटी का आजीवन चांसलर बनवा लिया तथा उसके गेटों के नाम तमाम मुस्लिम नेताओं और नवाबों के नाम पर रखवा दिए जिनको अब उत्तर प्रदेश योगी सरकार बदलने का मन बना चुकी है रामपुर में नवाबी दौर में जगह-जगह गेट बनाए गए थे।
सपा शासन काल में आजम खां ने नगर विकास मंत्री रहते इनके स्थान पर नए गेट बनवाए। नवाबों के बनाए गेटों को छोटे और जर्जर बताते हुए तोड़ दिया गया। गांधी समाधि के पास नवाब गेट था। इसे तोड़कर और बड़ा गेट बनाया गया। इसका नाम नवाब गेट से बदलकर बाब ए हयात रख दिया गया। गांधी समाधि के पास ही बाइपास पर नया गेट बनाया गया। इस गेट का नाम बाब ए निजात रखा गया। इसी तरह तोपखाना रोड पर बने गेट को तोड़कर नया गेट बनाया गया। इसका नाम बाब ए इल्म रखा गया।
अब इन तीनों गेटों का नाम बदला जा रहा है। जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह का कहना है कि गेटों के नाम बदले जा रहे हैं। बाब-ए निजात का नाम कर्नल यूनुस अली खान के नाम पर रखा जाएगा। इनका देश के लिए बड़ा योगदान रहा है। देश के पहले राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद के एडीसी भी रहे। इनके पिता अब्दुल समद खां रामपुर रियासत में मुख्यमंत्री थे। देश के बंटवारे के दौरान इनके भाई साहबजादा याकूब खान पाकिस्तान चले गए,
जो पाकिस्तान के विदेश मंत्री भी रहे। बाब ए हयात का नाम अब मेजर राफे के नाम पर रखा जाएगा। मेजर राफे ने पाकिस्तान से जंग के दौरान बहादुरी से मुकाबला किया और शहीद हो गए। इन्हे भारत सरकार ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया। जिलाधिकारी का कहना है कि ये दोनों ही रामपुर की महान हस्ती हैं, लेकिन इन्हे उतना सम्मान नहीं दिया गया। अब इनके नाम पर पर गेटों का नाम रखा जाएगा। नाम लिखने के लिए गेट पर बल्ली भी लगा दी गई हैं। इसी तरह बाब ए इल्म का नाम मौलाना अर्शी के नाम पर रखा जा रहा है।
मौलाना का साहित्य में बड़ा योगदान रहा है। रामपुर रजा लाइब्रेरी के डायरेक्टर रहते भी लाइब्रेरी के किताबी खजाने को बढ़ाने के लिए काम किया। गांधी मूर्ति पहले स्थान पर लग रही। गांधी समाधि पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने 21 साल पहले गांधी मूर्ति लगवाई थी। सपा शासन काल में जब गांधी समाधि का सौंदर्यीकरण हुआ तो इसे हटाकर दूसरे स्थान पर लगा दिया गया। अब फिर से पहले स्थान पर लगाया जा रहा है। इसे पहले स्थान पर लगवाने के लिए भाजपाइयों ने जिलाधिकारी से कई बार मांग की। जिलाधिकारी ने बताया कि रामपुर के कुल 13 लोग शहीद हुए हैं, इन सभी की याद में गांधी समाधि पर शहीद स्मारक भी बनाया जा रहा है।