नई दिल्ली केंद्र सरकार में कैबिनेट विस्तार की सुगबुगाहट

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नई दिल्ली।बिहार में नई सरकार बनने के बाद अब केंद्र सरकार में विस्तार की सुगबुगाहट सुनाई दे रही है। नई सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डेढ़ साल में कोई बदलाव नहीं किया है, जबकि इन डेढ़ सालों में बहुत कुछ बदल गया है। कई पार्टियां एनडीए से अलग हो गईं, जिसकी वजह से उनके मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ा और कई मंत्रियों कि निधन भी हो गया। इन सारे मंत्रियों के कामकाज का अतिरिक्त प्रभार दूसरे मंत्रियों के पास है। और वैसे भी प्रधानमंत्री ने पहली मंत्रिमंडल बनाते समय कम ही मंत्री रखे। केंद्र सरकार में 81 मंत्री हो सकते हैं पर प्रधानमंत्री ने 57 ही मंत्री बनाए थे। उनमें से भी अब कई पद खाली हैं।
इस बीच पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी अपनी टीम की घोषणा कर दी है और सबसे प्रभार भी बंट गए हैं। सो, अब चर्चा है कि जल्दी ही केंद्र सरकार का विस्तार हो सकता है। अगले महीने यानी दिसंबर के मध्य में मलमास शुरू हो जाएगा, जिसके बाद एक महीने तक हिंदू मान्यता में कोई शुभ काम नहीं किया जाता है। तभी उससे पहले ही मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा हो रही है। बताया जा रहा है कि बिहार के उप मुख्यमंत्री रहे सुशील कुमार मोदी को केंद्र सरकार में जगह मिल सकती है। सुशील मोदी के नाम की पहले भी चर्चा होती रही है। बहरहाल, खबर है कि रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई खाद्य आपूर्ति मंत्रालय का जिम्मा उनको मिल सकता है, जिसका अतिरिक्त प्रभार अभी सुरेश प्रभु के पास है। वैसे उनको कृषि मंत्रालय मिलने की भी चर्चा रही है। पासवान के निधन से खाली हुई राज्यसभा सीट से उनको उच्च सदन में भेजा जा सकता है।
कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश में अपनी हैसियत प्रमाणित कर दी है। अब उनको इनाम मिलने की बारी है। वे राज्यसभा सांसद बन गए हैं। जल्दी ही उनको केंद्र सरकार में जगह मिल सकती है। अगले साल पश्चिम बंगाल और असम में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इन दोनों राज्यों से एक एक नेता को केंद्र में मंत्री बनाए जाने की चर्चा है। बाग्ला फिल्मों की मशहूर अभिनेत्री लॉकेट चटर्जी के नाम की चर्चा है कि उनको मंत्री बनाया जा सकता है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से भी एक और सांसद को केंद्र में मंत्री बनाया जा सकता है।
अभी यह तय नहीं है कि सिर्फ भाजपा के मंत्रियों की ही शपथ होगी या सहयोगी पार्टियों को भी शामिल किया जाएगा। सहयोगी पार्टियों में अब वैसे भाजपा के पास ज्यादा पार्टियां बची नहीं हैं। बताया जा रहा है कि बिहार की सहयोगी जनता दल यू को सरकार में लिया जा सकता है। लोकसभा में उसके 17 सांसद हैं। भाजपा की ओर से पहले उसे एक मंत्री पद दिया जा रहा था, जिससे नीतीश कुमार ने इनकार कर दिया था। लेकिन अब वे शायद इनकार नहीं कर पाएं। वे कम से कम तीन मंत्री पद चाहते हैं। अगर भाजपा तैयार नहीं होती तो वे अपने सांसदों को केंद्र सरकार में नहीं शामिल कराएंगे।

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