उत्तराखंड भाजपा विधायक गणेश जोशी महिलाओं को रुपये देते दिखाई दिए

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उधर, इस मामले में प्रदेश भाजपा का कहना है कि जोशी हिंदू रीति के अनुरूप छठ पर्व पर शगुन की परंपरा निभा रहे थे। बुधवार को महिलाओं को पैसे बांटने का वीडियो सोशल मीडिया पर जैसे ही वायरल हुआ, सियासी हलकों में हलचल पैदा हो गई।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अनुशासन समिति के अध्यक्ष प्रमोद कुमार के नेतृत्व में कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल राज्य निर्वाचन आयोग पहुंचा, जहां उन्होंने चुनाव आयुक्त से शिकायत की। प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त को एक सीडी भी सौंपी। 
उत्तराखंड में चुनाव से पहले सोशल मीडिया पर भाजपा विधायक गणेश जोशी का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वे महिलाओं को रुपये देते दिखाई दे रहे हैं। वीडियो वायरल होने के बाद हरकत में आई प्रदेश कांग्रेस ने राज्य चुनाव आयोग से शिकायत कर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए विधायक पर कार्रवाई की मांग की। कांग्रेस की शिकायत पर राज्य चुनाव आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट ने देहरादून के जिलाधिकारी को जांच के आदेश दे दिए हैं। 
कांग्रेस की शिकायत का संज्ञान लेते हुए राज्य चुनाव आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट ने देहरादून के जिलाधिकारी को प्रकरण की जांच के आदेश दिए। इस मामले में विधायक जोशी का पक्ष जानने के लिए फोन किया गया तो उन्होंने कार्यक्रम के मंच पर होने की जानकारी दी और कहा कि वे बाद में बात कर लेंगे।
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल की शिकायत का संज्ञान ले लिया है। देहरादून के जिलाधिकारी को जांच करने के लिए कहा गया है। 
– चंद्र शेखर भट्ट, राज्य चुनाव आयुक्त

कांग्रेस के आरोप पर आश्चर्य है। विधायक जोशी हिंदू रीति के अनुरूप छठ पर्व शगुन की परंपरा निभा रहे थे। कांग्रेस ने उसे चुनाव में पैसे बांटने से जोड़ दिया जो निंदनीय है। 
– डॉ. देवेंद्र भसीन, प्रदेश मीडिया प्रमुख, भाजपा

भाजपा विधायक गणेश जोशी ने निकाय चुनाव में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए धनबल का इस्तेमाल किया जो आचार संहिता का खुला उल्लंघन है। 
– गरिमा दसौनी, प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस

प्रदेश कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक पर भी चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए राज्य चुनाव आयुक्त से शिकायत की है। पार्टी नेताओं ने कहा कि कौशिक नजूल भूमि पर अतिक्रमण के संबंध में उच्च न्यायालय से स्टे आदेश मिलने की झूठी बयानबाजी कर रहे हैं।
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ऐसा कर वे मतदाताओं को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। जबकि राज्य सरकार की ओर से न्यायालय में इस प्रकार की कोई याचिका दायर ही नहीं की गई।

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