बसपाइयों ने माल्यार्पण कर मनाई वीरांगना झलकारी बाई की जयंती

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मऊरानीपुर झाँसी – झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई पर हर देशवासी को नाज है। लेकिन झाँसी की रानी को नाज था झलकारी बाई पर। वह रानी लक्ष्मीबाई की सखी थीं और अद्वितीय वीरांगना थीं।आज से लगभग डेढ़ सौ साल से भी अधिक पहले यह बात कल्पनातीत है कि किसी महिला का पति शहीद हो जाए और वह महिला शोक मनाने की बजाय देश के लिए प्राणों की आहुति देने को तैयार हो जाए। झलकारी बाई नें कुछ ऐसा ही किया था।

जनपद झाँसी के मऊरानीपुर में बहुजन समाज पार्टी की विधानसभा अध्यक्ष आशीष अहिरवार के नेतृत्व में बहुजन वीरांगना झलकारी बाई की जयंती पर माल्यार्पण कर उनकी जयंती मनाई। माल्यार्पण के बाद पूर्व जिलाध्यक्ष बसपा आर के टेलर ने बताया कि वीरांगना झलकारी बाई का विवाह रानी झाँसी की सेना के सेनापति पूरन सिंह के साथ हुआ था।

पति पूरन किले की रक्षा करते हुए शहीद हो गए, लेकिन झलकारी ने बजाय अपने पति की मृत्यु का शोक मनाने के, अंग्रेजों को धोखा देने की एक योजना बनाई थी। झलकारी बाई ने रानी लक्ष्मीबाई की तरह कपड़े पहने और झांसी की सेना की कमान अपने हाथ में लेकर अंग्रेजो से भिड़ने रणभूमि में कूद गयी।

वही हरिमोहन श्रीवास ने बताया कि आदमखोर तेंदुए का अकेले सामना करने वाली, गुंडों के गिरोह को धूल चटाने वाली, यहां तक कि अपनी जान दांव पर लगा कर झांसी की रानी की जगह ले अंग्रेजों से लोहा लेने वाली झलकारी बाई का नाम इतिहास में सुनहरे अक्षरों से लिखा हुआ है। विधानसभा अध्यक्ष ने आशीष अहिरवार ने वीरांगना झलकारी बाई की जयंती के अवसर पर आए हुए पार्टी कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया ।

इस मौके पर साबिर खान, आर के टेलर, हरिमोहन श्रीवास, किरन आर्य,राजेश आर्य, बृजबिहारी राज, शमीम खान, सत्तीदीन श्रीवास, विक्की श्रीवास, डॉ रमणीक नेता, इदरीश ठेकेदार, प्रताप बौद्ध, सन्तराम गुड़ा, हिर्देश बौद्ध,कालका प्रसाद , कौशलेंद्र जी,मनीष चौधरी,सत्यप्रकाश अम्बेडकर,कमलेश सोनकर, रानू रतमेले आदि पार्टी के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

प्रदीप की रिपोर्ट 

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