कोरोना कहर से श्मशान में अन्तिम क्रिया हेतु प्रतिक्षा सूची, सिविल हास्पिटल में 70 नये डॉक्टर बुलाए गये

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R.J.न्यूज़ अहमदाबाद गुजरात। गुजरात में सरकार भले ही सब सलामती का दावा कर रही हो लेकिन कोरोना महामारी का प्रकोप किसी से छुपा नहीं है। विवादो के लिए मशहूर अहमदाबाद के सिविल हास्पिटल में मृत्य का ताडंव जारी है। शव वाहिनी के अभाव में डेड बॉडी को ले जाने के लिए संबंधियों को घंटों इंतजार करना पड़ता। श्मशान गृहों में भी दाह संस्कार करने के प्रतिक्षा करना पड़ता।

प्राप्त जानकारी के अनुसार अहमदाबाद की सिविल हास्पिटल में कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या रुकने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार को कोरोन से दस लोगों की मौत हुई थी। शव वाहिनी की संख्या कम होने के कारण कितने लोगों को सुबह से शाम तक इंतजार करना पड़ा। जिससे तंग आकर मृतक के रिश्तेदारों ने अस्पताल परिसर में हंगामा मचाया था।

शहर के रायपुर विस्तार के 65 वर्षीय वृद्ध व्यक्ति की मौत कोरोना के कारण सुबह आठ बजे हुई थी लेकिन शाम पांच बजे लाश को अंतिम संस्कार के लिए रवाना किया गया। इस आरोप पर अस्पताल प्रशासन का कहना है कि अस्पताल में शव वाहिनी एवं चालक की कमी नहीं है सामाजिक रीति रिवाज और आईसीएमआर के दिशा निर्देश के अनुसार अंतिम विधी करने से विलम्ब होता।

मरीजों के संबंधियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मरीजों के वास्तविक स्थिति की जानकारी नहीं उपलब्ध कराया जाता। कन्ट्रोल रुम में फोन करने पर एक ही जबाब मिलता की मरीज की स्थिति स्टेबल है। जनरल वार्ड या सादा आक्सीजन पर रखा गया है। कई मामले में किसी प्रकार की जानकारी अस्पताल द्वारा नहीं दी जाती। अभी हाल में ही गांधीनगर में एक ही शव वाहिनी में चार डेड बॉडी को लाया गया था जिसका विडियो भी वायरल हुआ था। ऐसी परिस्थिति होने के बावजूद सरकारी प्रशासन सब ठीक होने का दावा करता।

ज्ञातव्य है कि अहमदाबाद शहर में कोविड19का कहर एक बार फिर बेकाबू बना है। जिसके कारण अहमदाबाद सिविल हास्पिटल की भयावह बनी है। मरीजों की संख्या अधिक और मैडिकल स्टाफ की संख्या कम होने के कारण बड़ोदरा, जामनगर और भावनगर से 70 डॉक्टरों के डेप्युटेशन पर बुलाया गया है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्तमान समय में 1200 बेड वाले कोरोना अस्पताल में 20 हजार लीटर क्षमता वाला आक्सीजन का टेंक है और दूसरा एक और लगाया जाएगा ताकि आने वाली परिस्थितियों से निपटा जा सके।

सिविल हास्पिटल में गंभीर मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है जिससे मैडिकल आक्सीजन की मांग में वृद्धि हुई है। सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर आक्सीजन उत्पादकों को 50 प्रतिशत उत्पाद राज्य के कोविड अस्पतालों को देने का निर्देश दिया है।सिविल हास्पिटल में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या अधिक होने से दिन में दो बार आक्सीजन टेंक भरना पड़ता है।

ओमप्रकाश यादव

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