एटा शस्त्र लिपिक राजकुमार पर क्यों इतना मेहरबान है जिला प्रशासन

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शस्त्र बनाने के नाम पर एटा शस्त्र लिपिक द्वारा भ्रष्टाचार का खुला खेल खेला जा रहा है | प्रति लायसेंस की फ़ाइल कराने के नाम पर ढेड़ से दो लाख की माँग की जा रही हैं | यह आरोप किसी एक ने  नहीं बल्कि महिला बीजेपी नेता एवं जिला पंचायत सदस्य सहित दो अन्य लोगों ने लगा कर इसका  खुलासा किया हैं | इस सम्बन्ध में मारहरा विकास खंड इलाके के गाँव ख्वाजीपुर भोजपुर निवासी महिला बीजेपी नेता एवं जिला पंचायत सदस्य सरला देवी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री व अलीगढ़ कमिश्नर के साथ साथ जनपद के जिलाधिकारी से लिखित शिकायत करते  हुये शस्त्र लिपिक राजकुमार पर लम्बे समय से कार्यरत रहने एवं शस्त्र लायसेंस बनाने के नाम पर ढेढ़ से दो लाख रूपये बसूलने का आरोप लगाया हैं |

आरोप यह भी लगाया हैं कि विरोध करने पर शस्त्र लिपिक खुद को डीएम का रिश्तेदार बताकर रौब झाड़ता हैं और इसी की आड़ में उसने अथाह सम्पति व धन अर्जित कर लिया हैं | शिकायतकर्ता महिला नेता ने शस्त्र लिपिक की चल अचल सम्पति की जाँच करने की माँग की हैं | हालांकि शिकायतों के सिलसिले में भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के जिलाध्यक्ष शिवरतन सिहं दिवाकर और इसी संगठन के महामंत्री धर्मेन्द्र कुमार दिवाकर ने भी यहे आरोप लगा कर शासन से शिकायत की हैं |

इसी तरह जैथरा विकास खंड की ग्राम पंचायत खिरिया बनार के निवासी मान सिंह पुत्र सहदेव ने आरोप लगाया था कि मेरे पिता के नाम सिंगल बैरल के शस्त्र लाइसेंस को विरासत कराने में उपरोक्त शस्त्र लिपिक ने ₹30000 लिए थे तथा नगला मोहन निवासी राहुल यादव ने शस्त्र सीमा विस्तार के लिए पैसे दिए परंतु उसका आज तक न तो सीमा विस्तार किया गया और नहीं उसका पैसा वापस दिया गया राजकुमार पर पैसे लेने का आरोप और भी कई लोगों ने लगाया था

परंतु प्रशासन ने आज तक कोई कार्यवाही नहीं की 27 अक्टूबर 2020 के लखनऊ से प्रकाशित हिंदी दैनिक राष्ट्रीय जजमेंट के अंक में, अक्टूबर माह की मासिक पत्रिका के अंक में उपरोक्त भ्रष्टाचारी बाबू की खबर छपी तो इसने अपने वकील द्वारा उपरोक्त अखबार को नोटिस भेजा जिसमें अपने आपको कर्मचारी यूनियन का नेता बता कर अखबार को धमकाना चाहा हमारे एटा प्रतिनिधि को भी फोन पर धमकाने की कोशिश की गई, यूनियन का नेता होने से क्या इनको भ्रष्टाचार करने का प्रमाण पत्र मिल गया जो यह कुछ भी करेंगे उच्चाधिकारी शायद इनके भ्रष्टाचार की शिकायतों पर पर्दा डालने में लगे हैं इसीलिए इतनी शिकायत के बाद भी राजकुमार बाबू अपने पद पर अभी भी जमे हुए हैं

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