भाजपा का दोहरा चरित्र पूरे देश में बीफ का विरोध करते हैं, और गोवा के मुख्यमंत्री कमी को लेकर चिंतित हैं

जहां सरकार एक और गौ मां’स पर प्रतिबंध लगाने के लिए नए नए कानून लाने पर विचार कर रही है। वहीं इसकी कमी भी लोगों में हलचल पैदा कर देती है एक तरफ सरकार चाहती है कि गौ मां’स पर प्रतिबंध लगाया जाए लेकिन लोगों के लिए इसके बिना रहना भी मुश्किल दिखाई देता है ऐसी ही समस्या हाल ही में देखने को मिल रही है जहाँ बीफ की कमी के चलते लोगों में हलचल मच गई।

हाल ही में वर्ल्ड बीफ एक्सपोर्टर के आंकड़े आए थे जिसमें भारत तीसरे नंबर पर है ऐसे में सरकार द्वारा गौ मां’स प्रतिबंध पर की गई बातचीत सिर्फ हवाई ही दिखाई देती है. यही नहीं अकेला गोवा ही हर दिन कई टन बीफ का इस्तेमाल होता है। आपको बता दें कि साल 2015 में महाराष्ट्र सरकार द्वारा गौ मां’स पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।ऐसे में गोवा के अंदर बीफ की आपूर्ति बंद हो गई जिसकी वजह से वह समस्या उत्पन्न हो गई क्योंकि गोवा पर्यटकों की पहली पसंद है ऐसे में वहां आने वाले पर्यटक सबसे ज्यादा बीफ खाना पसंद करते हैं. उनके अनुसार गोवा में प्रतिदिन 25 टन बीफ खाया जाता है और पर्यटन के सीजन में इसकी मांग और बढ़ जाती है।

गोवा के अंदर रहने वाले अल्पसंख्यक समुदाय हलाल मांस खाना पसंद करते हैं जिनकी आबादी तकरीबन 30 फ़ीसदी से अधिक है ऐसे में गोवा में बीफ की मांग अत्यधिक रहती है महाराष्ट्र सरकार द्वारा बीफ पर प्रतिबंध लगाने के बाद कर्नाटक द्वारा गोवा में बीफ की पूर्ति की गई थी. गोवा में पहुंचने वाला अधिकांश बीफ बेलगावी जिले से ही प्राप्त होता है।

बता दें कि अब नया साल (न्यू ईयर) और क्रिसमस का त्यौहार आने वाला है जिसकी वजह से गोवा में पर्यटकों की संख्या बढ़ती जा रही है जिसकी वजह से गोवा के बीफ व्यापारियों ने सीएम को पत्र लिखा है।

गोवा के कुरेशी मीट ट्रेडर्स एसोसिएशन ने सीएम को पत्र में लिखा कहा की गोवा के बहु सांस्कृतिक समाज का मुख्य आहार है और आने वाले पर्यटक भी बीफ खाना पसंद करते हैं और अगर कर्नाटक में यह कानून लागू होता है तो इसका असर गोवा पर भी पड़ेगा।

इसी सिलसिले को लेकर गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने बुधवार को मीट व्यापारियों को आश्वासन दिया कि वह सुनिश्चित करेंगे कि गोवा में गौ मां’स की आपूर्ति बहाल हो। सावंत ने कहा, इस मुद्दे पर चर्चा के लिए सचिव और पशुपालन के निदेशक के साथ बैठक बुलाई गई है।

सीएम प्रमोद सावंत के इस बयान से साफ़ हो गया है कि गोवा के लोगों की थाली में अब बीफ़ की कोई कमी नहीं होगी। आपको बता दें कि गोवा में लोग बीफ़ शौक़ से खाते हैं। यहां लगभग 20-25 टन बीफ की रोज़ाना खपत है। जब से राज्य में सरकार ने मीट कॉम्प्लेक्स बंद कर दिए हैं, यहां के मीट व्यापारी कर्नाटक पर ही निर्भर हैं।

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