उत्तर प्रदेश : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में लगेगी भाई भतीजावाद चुनाव पर लगाम- मुख्यमंत्री योगी

राजनीति में अक्सर भाई भतीजावाद देखने को मिलता है। जिस पर लगातार सवाल भी उठते रहे हैं लेकिन अब उत्तर प्रदेश सरकार इस पर लगाम लगाने जा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लिया है जिसके बाद अब राजनीति में भाई भतीजावाद पर लगाम लग जाएगी. अमूमन यह देखने को मिलता है कि जब भी चुनाव होता है। तो पार्टी के विधायक, सांसद के घर परिवार से जुड़े हुए लोग अक्सर चुनाव में कूद पड़ते हैं।

जिससे पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं को निराशा ही मिलती है लेकिन अब उत्तर प्रदेश सरकार ने इस पर फैसला दिया है। दरअसल उत्तर प्रदेश के अंदर अप्रैल 2021 में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने हैं। जिन की तैयारियां अब शुरू हो गई है। और उसके बाद ही यह फैसला सामने आया है।बता दें कि मुख्यमंत्री आवास पर हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में अब यह फैसला लिया गया है

कि उत्तर प्रदेश के अंदर होने वाले आगामी पंचायत चुनाव में अब सांसद मंत्री और विधायक के परिवार का कोई भी सदस्य से चुनाव नहीं लड़ सकेगा चाहे रहे कैबिनेट मंत्री हो या राज्य मंत्री या फिर स्वतंत्र प्रभार मंत्री किसी के भी परिवार के सदस्य को और चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं होगा।

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री आवास पर चल रही मंत्रिपरिषद की इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बीजेपी के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह संगठन मंत्री सुनील बंसल प्रभारी राधामोहन सहित सरकार के कई और मंत्री मौजूद थे जिनकी मौजूदगी में यह अहम फैसला लिया गया है।

उम्मीदवारों की योग्यता भी की गई है निर्धारित:-
बता दें कि इस बैठक में उम्मीदवारों की योग्यता को लेकर भी काफी अहम फैसला लिया गया है जिसके अनुसार अब पंचायत चुनावों में भाग ले रहे उम्मीदवारों के लिए शैक्षिक योग्यता का होना जरूरी होगा।

अप्रैल 2021 में होने वाले पंचायत चुनाव में महिला और आरक्षित वर्ग के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता आठवीं पास रखी गई है वहीं जिला पंचायत का चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार का 12 वीं पास होना जरूरी होगा. पहले पंचायती चुनाव दिसंबर 2020 में प्रस्तावित थे लेकिन अब इनको आगे बढ़ा दिया गया है।

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