1जनवरी से फास्ट ट्रैक अनिवार्य का दिखाअसर, 80 करोड़ का हुआ टोल कलेक्शन

भारत में FASTag अनिवार्य करने को लेकर पहले ही गाइडलाइन जारी कर दी गई हैं, जिसका लोग पालन कर फास्टैग का प्रयोग भी कर रहे हैं। पहली बार 24 दिसंबर को FASTag के जरिए 80 करोड़ का टोल कलेक्शन हुआ है। जिसमें एक दिन में करीब 50 लाख ट्रांजेक्शन शामिल हैं। इस बात की पुष्टि National Highways Authority of India  ने बीते दिन अपने एक ट्वीट के जरिए की है। NHAI के मुताबिक अब तक 2.20 करोड़ फास्ट टैग गाड़ियों पर लगाए जा चुके हैं।

1 जनवरी से सरकार ने नये और पुराने सभी वाहनों पर फास्टटैग लगाना अनिवार्य कर दिया है। नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अनुसार जिन वाहनों पर FASTag नहीं होगा उनसे दोगुना टोल काटा जायेगा। जिसका मतलब है यदि आप नेशनल हाइवे से एक ही बार गुजर रहे हैं तो भी आने-जाने यानी दोनों तरफ का पैसा आपसे चार्ज किया जायेगा। ऐसे में ये आवश्यक हो जाता है कि दोगुना पैसा देने से बेहतर है आप अपनी गाड़ी पर FASTag लगवा लें।

एक स्टिकर है जिसे कार की विंडस्क्रीन पर लगाई जाती है। जब भी आप किसी हाइवे से गुजरते हैं तो वहां टोल प्लाजा पर लगे स्कैनर गाड़ी पर लगे स्टीकर से डिवाइस रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन  टेकनीक के जरिए स्कैन कर लेते हैं और उस हाइवे के निर्धारित टोल के हिसाब से पैसे आपके बैंक से कट जाते हैं। ये काफी सुविधाजनक है, क्योंकि इसकी वजह से टोल प्लाज़ा पर जाम नहीं लगता आपके ईंधन की बचत होती है और गाड़ी को टोल पर रोकने की जरूरत नहीं पड़ती है।

को आप किसी भी राष्ट्रीय राजमार्ग के टोल प्लाजा या फिर पेटीएम, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई, एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा से खरीद सकते हैं। सरकार ने कुल 22 बैकों में भी FastTag की इश्यू कराने की सुविधा मुहैया करवाई है। इतना ही नहीं आप इसे RTO,कॉमन सर्विस सेंटर्स, और यहां तक की पेट्रोल पंप से ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं।

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