छेड़छाड़ के मामले में पंचायत पंचों ने सुनाया तुगलकी फरमान

पीड़ित को ही सुनाई खरी-खोटी, गांव छोड़ने को कहां, पंचों के आगे पुलिस नतमस्तक

आगरा। थाना शमशाबाद क्षेत्र में छेड़छाड़ के मामले पर पंचायत बैठ गई। पंचों द्वारा पंचायत में तुगलकी फरमान सुना दिया गया। आरोपी के सामने पीड़ितों को खरी खोटी सुनाई। पंच खुद न्यायाधीश बन गए। उन्होंने आरोपी को बरी करते हुए उल्टा पीड़िता को ही तुगलकी फरमान सुनाते हुए गांव छोड़ने को कह दिया। पंचों द्वारा सुनाए गए तुगलकी फरमान जारी होते ही पीड़िता ने अपनी बच्ची सहित गांव छोड़ दिया।

मामले की पुलिस को भी सूचना दी गई लेकिन पंचों के आगे पुलिस नतमस्तक हो गई। आखिरकार महिला शक्ति और मिशन शक्ति के तहत सरकार द्वारा लगातार महिला उत्पीड़न को रोकने के लिए अनेकों आदेश जारी किए हैं फिर भी पंचों द्वारा पंचायत का तुगलकी फरमान सुना दिया गया और पुलिस ने पीड़िता की नहीं सुनी। पीड़िता 31 दिसंबर से गांव छोड़कर रिश्तेदारी में दिन काट रही है।

न्याय की गुहार लगाते हुए पुलिस कप्तान बबलू कुमार को पीड़िता द्वारा लिखित शिकायत की है और पीड़िता अपने गांव जाना चाहती है। लेकिन पीड़िता को डर है कि पंचों द्वारा सुनाई गई। तुगलकी फरमान कि अगर पीड़िता निंदा करती है, तो उसकी जान भी जा सकती है। अब देखना यह होगा कि आखिरकार आरोपी के साथ-साथ उन पंचों पर क्या कार्रवाई होगी.? जिन्होंने के द्वारा आरोपी को बचाते हुए पीड़िता को ही गांव से निकालने का तुगलकी फरमान सुना दिया।

2 वर्ष पहले आगरा के थाना बहन क्षेत्र में भी दुष्कर्म के मामले पर पंचायत बैठी थी। पंचों द्वारा आरोपी को बरी करते हुए पिता को ही सजा सुनाई। जब मामला महिला आयोग तक पहुंचा तो महिला आयोग द्वारा आरोपी के साथ-साथ उन पांचों पर भी मुकदमा दर्ज हुआ जिन्होंने पंचायत सुनाई थी। दोषियों पर भी उचित धाराओं में मुकदमा दर्ज होना चाहिए। जिनके द्वारा ऐसे गंभीर मामले पर पंचायत कर आरोपी को बचा लिया जाता हैं।

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