त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन सूची में 30% से 40% दो जगह मतदाताओं का नाम गांव और शहरोमें मतदाता सूची में घोर अनियमितता

भागलपुर(देवरिया) पूरे प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बिगुल बज चुका है जिला पंचायत क्षेत्र पंचायत और ग्राम पंचायत के प्रत्याशी मतदाताओं को रिझाने में अपनी ताकत आजमाना शुरू कर दिए हैं,दूसरी तरफ मतदाता सूची प्रत्येक गांव का संशोधन कार्य जारी है, मतदाता सूची में वर्षों से दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, मध्य प्रदेश, तथा अन्य पर प्रदेशों में अपना आशियाना बना कर रहने वाले लोग केवल चुनाव में ही अपने मूल निवास को आते और मतदान करते हैं उन लोगों का आज भी मतदाता सूची में नाम शामिल है, जबकि मुख्य चुनाव आयुक्त के निर्देशानुसार एक व्यक्ति का नाम पूरे देश में एक जगह एक ही मतदाता सूची में शामिल होने की व्यवस्था है, और रहना चाहिए,जबकि जिस व्यक्ति का नाम शहरों में है वहां की सरकार की सभी सुविधाओं का उपभोग करते हैं,और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ग्राम पंचायत प्रत्याशियों के रिझाने और बुलाने पर मतदान करने के लिए शहर से गांव के तरफ मुभ करते हैं|

चुनाव में मतदान करने के उपरांत पुनः पर प्रदेश को पलायन कर जाते हैं, उन मतदाताओं के ग्रामीण मतदाता सूची में नाम शामिल होने से पंचायत चुनाव की गुणवत्ता तार-तार हो जाती है, कम पैसे वाले लोग चुनाव से वंचित हो जाते हैं,क्योंकि पर प्रदेश में रहने वाले लोगों को अपने संसाधनों से गांव में मत डालने के लिए बुलाने का खर्चा वाहन करने में अक्षम होते हैं, ऐसे में एक व्यक्ति का नाम इसी देश, प्रदेश के दो निर्वाचक नियमावली में रहना, दो जगह मत देना, चुनाव के गुणवत्ता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर देता है,ऐसे में निर्वाचक नियमावली का संपूर्ण देश,प्रदेश में लगायत संपूर्ण जनपद के संपूर्ण विकास खंडों में पंचायत की निर्वाचक नियमावली मतदाता सूची निर्वाचन विभाग द्वारा व्यवस्था बनाकर छननी लगाकर छानने के बाद ही पंचायत चुनाव की गुणवत्ता कायम हो सकती है, मिली जानकारी के अनुसार एक व्यक्ति ने नाम न छापे जाने की शर्त पर बताया कि मेरे परिवार के 20 लोग लखनऊ रहते हैं, और वहां के मतदाता सूची में नाम शामिल है इसके बाद भी गांव के प्रधान प्रत्याशी आधार कार्ड मंगा कर गांव के मतदाता सूची में नाम शामिल करवाने में लगे है, जिस व्यक्ति का नाम छूटा है,जब की लखनऊ में मत पड़ता है तो मतदान वहां करते हैं,जब गांव में मत पड़ता है तो ग्राम प्रधान प्रत्याशी अपने खर्च से बुलाता है|

हमारे परिवार के सभी सदस्य मत डालने के लिए गांव आते हैं,मत डालने के बाद पुनः लखनऊ चले जाते हैं, ऐसे में एक व्यक्ति ने बताया कि मेरे परिवार के 15 सदस्य मुंबई रहते हैं, वहां पर मतदाता सूची में नाम शामिल है, वहाँभी मतदान करते हैं, महाराष्ट्र सरकार की सारी सुविधाओं का उपयोग करते हैं, फिर भी प्रधानी के चुनाव में मत डालने के लिए गांव के प्रत्याशियों के बुलाने पर सभी लोग आते हैं, और वोट डालकर मुंबई चले जाते हैं, मेरे ग्राम पंचायत की मतदाता सूची में नाम शामिल है, मेरे परिवार के लोग केवल चुनाव और शादी समारोह मे ही गांव आते हैं, जिससे सगे संबंधियों से संबंधों को जोड़ने चुनाव और शादी समारोह सहायक होता है,ऐसे में जनपद देवरिया के सभी विकास खंडों सहित उत्तर प्रदेश के सभी ग्राम पंचायतों के त्रिरीयस्तरीय पंचायत मतदाता सूची में ऐसी अनियमितता शामिल है, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को निष्पक्ष और निर्वाचन नियमावली की गुणवत्ता को बरकरार रखने के लिए एक देश एक मतदाता की प्रणाली लागू होने के बावजूद भी ऐसी अनियमितता मतदाता सूची में बरकरार है मतदाता सूची को आधार से जोड़ कर धरातल पर भौतिक सत्यापन कर, एक देश एक मतदाता नियमावली लागू कर पंचायत चुनाव की गुणवत्ता कायम करने की आवश्यकता ही, असली लोकतंत्र को परिभाषित करेगा।

शिवप्रताप कुशवाहा संवाददाता

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More