आगरा : जोंस मिल प्रकरण की जांच में रोज नए नए खुलासे

25 रुपये सालाना किराए पर लेकर 107 करोड़ की जमीन पर लिया कब्जा

एडीएम की जांच रिपोर्ट में 90 साल के लिए लीज़ पर दी थी ज़मीन

आगरा। जोंस मिल प्रकरण की जांच में रोज नए नए खुलासे हो रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार मात्र 25 रुपये सालाना किराए पर लेकर 107 करोड़ की जमीन पर कब्जा लिया। एडीएम की जांच रिपोर्ट में 90 साल के लिए लीज़ पर ज़मीन दी थी।जोंस मिल में 107.51 करोड़ रुपये की नजूल व अन्य सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे किए गए। ये 25 रुपये सालाना किराये पर दी गईं थीं। तत्कालीन कलक्टर द्वारा जॉर्ज एंथनी जॉन के हक में लीज की पांच सेल डीड की गईं। इनकी मियाद 1990 में खत्म हो चुकी है। यह खुलासा जांच रिपोर्ट में है। इन जमीनों पर हुए अवैध निर्माण प्रशासन सबसे पहले ध्वस्त करेगा। सात साल पहले बैनामा निरस्त हो चुका हैं।

जोंस मिल की जांच में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। एडीएम प्रशासन निधि श्रीवास्तव की जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि तत्कालीन कलक्टर ने 1900 से 1915 तक पांच जमीनों की सेल डीड जोंस एंड कंपनी के मालिक जॉर्ज एंथनी जोन के हक में 90 साल के लिए निष्पादित की थीं। शर्त ये थीं कि कलक्टर की अनुमति के बिना भूमि के स्वरूप में कोई परिर्वतन नहीं किया जाएगा। लीज की शर्तों में पहले 30 वर्षों के लिए 25 रुपये सालाना और बाद में 30 वर्षों के लिए 30 रुपये और शेष वर्षों के लिए 50 रुपये किराए का करार हुआ।

इस तरह करीब 4027 वर्ग मीटर नजूल भूमि गाटा 2088, 2072 और 2018 में जॉर्ज एंथनी जोन को आवास निर्माण के लिए दी गई थीं। इन जमीनों की वर्तमान कीमत सर्किल रेट के हिसाब से 47 करोड़ रुपये है। नहर की 7.28 एकड़ जमीन दी गई। नजूल भूमि के अलावा नहर विभाग की 7.28 एकड़ भूमि भी तत्कालीन कलक्टर द्वारा जॉर्ज एंथनी जोन को 1919 में दी गई थी। इसकी वर्तमान कीमत करीब 60.51 करोड़ रुपये है। इस तरह कलक्टर द्वारा जोंस मिल के लिए दी गई जमीनों की कीमत 107.51 करोड़ है। मौके पर इन जमीनों का स्वरूप परिवर्तित हो चुका है।जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने कहा पहले सरकारी जमीनों पर कब्जा लिया जाएगा। इसके लिए कानूनी प्रक्रिया चल रही है।

Comments are closed.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More