पूर्व विधायक(कांग्रेस) का निधन, पार्टी में शोक लहर

देवास। देवास जिले की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव व बागली के पूर्व विधायक श्याम होलानी का अल्प बीमारी उपरांत निधन हो गया है।होलानी के निधन के समाचार से देवास विधायक गायत्रिराजे पँवार, बागली विधायक पहाड़ सिंह कन्नौजे, खातेगांव विधायक आशीष शर्मा, हाटपिपल्या विधायक मनोज चौधरी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष अशोक कप्तान समेत कांग्रेस-भाजपा नेताओ ने दुःख जताया। वही उनके निधन के समाचार से जिले सहित उनके गृहनगर कांटाफोड़ में शोक की लहर छा गई।

होलानी काँग्रेस की राजनीति में एक मजबूत स्तम्भ थे। होलानी ने राजनीति की लंबी पारी खेली। वे लगातार पूर्व सीएम स्व कैलाश जोशी के सामने चुनाव लड़े, परन्तु केवल एक बार ही सन 1998 में महज 401 वोटो से जीत पाए।बागली विधानसभा में स्व. जोशी को पराजित करने वाले वे इकलौते नेता बने।हालांकि उसके बाद सन 2003 में स्व.जोशी के पुत्र दीपक जोशी ने अपने पहले चुनाव में ही होलानी को पराजित किया था। होलानी पूर्व सीएम और वर्तमान राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के खास समर्थक माने जाते थे। वे कांग्रेस शासन में भंडार गृह निगम के चेयरमैन भी रहे है।

हर वर्ग से था स्नेह का संबंध, यह मेरी व्यक्तिगत क्षति-सज्जन सिंह वर्मा

पूर्व केबिनेट मंत्री और कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि श्याम भाई के असमय निधन से कांग्रेस पार्टी के साथ मेरी व्यक्तिगत छति हुई है।हमने साथ मे खूब काम किए।काँग्रेस के समर्पित नेता थे,उनकी जगह भर पाना मुश्किल है।वे कई सालों तक जिला कांग्रेस के अध्यक्ष रहे है।म्रदु व्यवहार रखते थे,उनका हर वर्ग से स्नेह का सम्बंध था।अब जिले की राजनीति में रिक्तता आएगी।कांग्रेस पार्टी की और से सादर श्रद्धांजलि

व्यवहार में कभी नहीं दिखा परिवर्तन, जिले का बड़ा नुकसान- दीपक जोशी

पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने कहा कि बागली की राजनीति हमेशा स्वच्छता की रही है।उसे बढ़ाने में उनका अमूल्य योगदान रहा है।होलानी जी ने ग्रामीण क्षेत्र की राजनीति से पूरे जिले में अपना प्रभुत्व जमाया था।मेरा उनसे चुनाव में मुकाबला हुआ लेकिन उसके बाद उन्होंने कभी ऐसा महसूस नही किया कि वे हारे हुए है या जीते हुए।क्योंकि वे कई बार हारे भी और एक बार जीते भी थे।पर उनके व्यवहार में कभी कोई परिवर्तन नही दिखा।क्षेत्र की समस्या के लिए हमेशा बात करते थे।उनका निधन जिले की राजनीति में एक बड़ा नुकसान है।

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