सीवर लाइन की गंदगी से महामारी फैलने की आशंका: पूर्व उपमहापौर वीर सिंह

राष्ट्रीय जजमेंट, नईदिल्ली 10 जनवरी2021 । मदनपुर खादर गांव की सीवर गंदगी से इस गांव में महामारी फैलने की आशंका दिनों बढ़ती जा रही है हमारे प्रतिनिधि को दिल्ली नगर निगम के पूर्व उपमहापौर वीर सिंह ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया है कि इतना ही नहीं सीवर लाइन मरम्मत ना होने से सीवर का पानी सड़कों पर बह कर गंदगी की भरमार कर देने से उस रास्ते से गुजरने वालों को शुद्ध सांस लेना मुश्किल है जिन सीवर की मरम्मत हो ही जाती है उन्हें ठीक से ढका ना होने के कारण सड़कें उबड़ खाबड़ बन चुकी है

जिससे उस रोड से गुजरने वाली सवारिया बहुत मुश्किल से गुजर पा रही है कभी-कभी सड़क ट्रैफिक से जाम हो जाने के कारण गांव से बाहर जाने के लिए नहर के पुल को पार करने में घंटों लग जाते हैं नहर पर जो पुल बना हुआ है वह लगभग 100 वर्ष से अधिक पुराना है और काफी जाजर हालत में है ।यह पुल इतना सकरा है कि दो तरफ से निकलने मैं काफी मुसीबत का सामना करना पड़ता है पुल की हालत ऐसी बन चुकी है कि यह कभी भी टूटने के कगार पर है उससे गुजरने वाले यात्रियो को घंटो ट्रैफिक में फसे रहना पड़ता है

ट्रैफिक के कारण इस नहर के पुल पर अप्रिय घटना घटती रहती है सिंह जी ने बताया किसान आंदोलन के संदर्भ में यह आंदोलन किसान आंदोलन नहीं है जो वास्तविक किसान है वह सरकार के पास बिल से खुश है जो आंदोलन कर रहे हैं वह राजनीतिक प्रेरित किसान है इन्होंने दिल्ली सरकार की घोर भर्त्सना की है।दिल्ली के तीनों नगर निगम के 13000 करोड़ रुपए बकाया राशि शीघ्र देने की मांग की है उन्होंने कहा कि नगर निगम की बकाया राशि न मिलने से नगर निगम में कार्यरत कर्मचारियों की हालत नाजुक बन चुकी है

और दिल्ली में साफ सफाई व्यवस्था चरमरा ने की कगार पर है बकाया राशि ना देना केजरीवाल की आगामी नगर निगम चुनाव जीतने के लिए यह षड्यंत्र स्वरूप देखा जा रहा है इतना ही नहीं सिंह ने बताया कि केजरीवाल सरकार जनता के साथ चुनाव काल में जो वादा किया था वह वादा पूरा न कर जनता के साथ एक धोखा है आने वाले नगर निगम चुनाव इनके लिए घातक सिद्ध होगा।

आगे इन्होंने एक बात के संदर्भ में बताया है कि सरिता विहार में २०० बेड का अस्पताल प्रस्तावित है जब भी विधानसभा चुनाव होते है तो इसका उद्धघाटन भी किया जाता है लेकिन आज तक वह बन् कर तैयार नहीं हुआ अगर यह अस्पताल बन के तैयार हो गया होता तो लोगो को कोरोना के कठिन काल में यहाँ वहाँ जाने की जरुरत नहीं पड़ती एवं मदनपुर खादर डिस्पेंसरी को पोली क्लिनिक बनने का प्रस्ताव 2014 में निगम द्वारा पास कर दिया गया था जो की दिल्ली सरकार के पास फंड के लिए गया हुआ था लेकिन दिल्ली सरकार के निकम्मेपन की वजह से वह फंड नहीं दिया गया जिसकी वजह से ओखला क्षेत्र की महिलाये एवं बच्चो को यहाँ वहाँ जाके कठनाईयो का सामना न करना पड़ता

रिपोर्ट -रमेश चंद्र द्विवेदी ,व्यूरो हैड दिल्ली

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