अमेठी थानाक्षेत्र का अढ़नपुर गांव रविवार को गोलियों की तड़तड़ाहट से थर्रा उठा

दिनदहाड़े तीन हमलावरों ने घर में घुसकर 45 साल के युवक पर एक के बाद एक अंधाधुध फायरिंग कर दी। वहीं, घर में मौजूद परिवार की महिला तक को नहीं बक्‍शा। इसके बाद घर के सामने खड़ी कार के शीशे तोड़कर असलहा लहराते फरार हो गए। आननफानन पुलिस ने कार्रवाई कर तीनों हमलावरों को दबोच लिया। पुलिस के मुताबिक, युवक के सिर, जाघ व पैर में गोली लगने से उसकी मौत हो गई, जबकि परिवार के ही एक महिला समेत चार लोग घायल हुए हैं। तू-तकरार के बाद असलहे से दागी गोलियां दरअसल,

मामला अढ़नपुर गांव का है। यहां के निवासी सुरेंद्र पांडेय (45) दोपहर घर के सामने अपनी कार की धुलाई कर रहे थे। इसी बीच तेज रफ्तार बाइक से तीन युवक गुजरे। सुरेंद्र ने उन्हें गली में बाइक धीरे चलाने की सलाह दी। यह बात उन्‍हें नागवार गुजरी और असलहा लेकर आ धमके। बीच-बचाव की कोशिश के बावजूद असलहे से लैस हमलावर गोलियां बरसाते हुए घर में घुस गए और जमकर उत्पात मचाया। घर के सामने खड़ी कार के शीशे तोड़ दिए। घर की खिड़की-दरवाजे के शीशे व बाइक भी क्षतिग्रस्त कर दिया।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, आधा दर्जन हमलावर सुरेंद्र पांडेय के घर पर असलहे लहराते हुए काफी समय तक तांडव करते रहे। गोली लगने से सुरेंद्र पांडेय, उनकी पत्नी इंद्रावती, भाई सत्येंद्र पांडेय, पुत्र आराध्य पांडेय, अभिषेक पांडेय घायल हो गए। ग्रामीणों की मदद से सभी घायलों को सीएचसी पहुंचाया गया। जहां चिकित्सकों ने सुरेंद्र को मृत घोषित कर दिया। वहीं, सत्येंद्र व आराध्य पांडेय, अभिषेक व इंद्रावती का इलाज चल रहा है। ग्रामीणों की मानें तो मृतक सुरेंद्र पांडेय जामों थानाक्षेत्र के पांडेयपुर मजरे भवानीगढ़ के मूल निवासी हैं।

इनकी पाही (उपघर) अढ़नपुर गांव में है। पुलिस अधीक्षक दिनेश सिंह ने बताया कि मृतक के सिर, जाघ व पैर में गोली लगने से मौत हो गई है। वहीं, परिवार के अन्य सदस्यों को हल्की चोटें आई हैं। तीन आरोपित पुलिस की पकड़ में है। मामले की जांच की जा रही है। छह माह पूर्व दोनों के बीच भूमि पर कब्जे को लेकर हुआ था विवाद अढ़नपुर गांव में भले ही एक परिवार का रविवार को सबकुछ बर्बाद हो गया हो। लेकिन,

इस घटना के तार तो लॉकडाउन के बीच अढ़नपुर बाजार में भूमि कब्जे को लेकर हुए विवाद से ही पनप रहा था। ग्रामीणों की मानें तो अढ़नपुर बाजार में सुरेंद्र पांडेय की दुकान हैं। इसी के बगल जबरिया कब्जे को लेकर गांव के ही रघुनंदन सिंह से बीते छह माह पूर्व अनबन हुई थी। पुलिस ने मामले को दबा दिया था। रंजिश धीरे-धीरे सुलग रही थी। रविवार को मामूली बात

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