सेंचुरी पल्प एंड पेपर मिल लालकुआं के जल, वायु एवं ध्वनि प्रदूषण से जनता त्रस्त, आंदोलन की है तैयारी

लालकुआं। सेंचुरी पल्प एंड पेपर मिल लालकुआं के प्रदूषण से परेशान लालकुआं वासियों ने अब इसके विरूद्ध व्यापक स्तर पर आंदोलन छेड़ने का मन बना लिया है और जल्द ही इसको लेकर रणनीति तैयार कि जायेगी।

बताते चलें कि लालकुआं में स्थापित एशिया की सबसे बड़ी बिरला ग्रुप की सेंचुरी पल्प एंड पेपर मिल से स्थानीय लोगों में उम्मीद जगी थी कि इस मिल के लगने के बाद यहां रोज़गार और व्यापार की  समस्या काफी हद तक हल होगी, लेकिन इसके उलट यह मिल क्षेत्रवासियों के लिए प्रदूषण का पर्याय बनकर रह गई। अब तक इस पेपर मिल से लोगों को गंभीर बीमारियों के सिवाय कुछ भी हाथ लगा है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि सेन्चुरी पेपर मिल लालकुआं के द्वारा फैलाये जा रहे जल, वायु और ध्वनि प्रदूषण की वजह से यहां के लोगों की जिन्दगी नर्क बनकर रह गयी है। वहीं लोगों के स्वास्थ्य के लिए जबाबदेह प्रशासन तथा प्रदूषण की रोकथाम के लिए जिम्मेदार प्रर्यावरण विभाग के अधिकारियों से शिकायत करने का मतलब नक्कारखाने में तूती की आवाज़ बनकर रह जाना है।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि सेंचुरी पेपर मिल से चौबीस घंटे निकलने वाले धुंऐं और कोयले की राख और प्रदूषित जल ने ना जाने कितने लोगों को बीमारी के कगार पर खड़ा कर दिया है।

वहीं इस मिल से सर्वाधिक प्रभावित इलाकों में लालकुआं, बिन्दुखत्ता और शांतिपुरी सहित आसपास के लोग शासन-प्रशासन से गुहार लगा-लगाकर थक चुके हैं, लेकिन लोगों के स्वास्थ्य को लेकर प्रशासन एवं प्रदुषण विभाग कतई गंभीर नजर नहीं है।

इधर सेंचुरी पेपर मिल लालकुआं के प्रदूषण को लेकर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की चुप्पी को लेकर भी स्थानीय लोगों में खासा आक्रोश है।

वहीं सेंचुरी पेपर मिल प्रबंधन का कहना है कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए मिल सभी तयशुदा मानकों का पूरी तरह से पालन कर रही है।

ऐजाज हुसैन

ब्यूरो चीफ उत्तराखंड

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