इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में किसानों की प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस शरद ए बोबड़े ने कहा है कि ट्रैक्टर परेड को दिल्ली में आने देना है या नहीं, ये सुरक्षा व्यवस्था से जुड़ा मामला है और इसका फ़ैसला दिल्ली पुलिस को करना है.इस रैली को लेकर दिल्ली पुलिस और किसान नेताओं के बीच तीन बार बातचीत हो चुकी है. दिल्ली पुलिस चाहती है कि किसानों की परेड दिल्ली के बाहर ही हो, जबकि किसान संगठन दिल्ली में परेड निकालने पर अड़े हैं
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ बैठक में शामिल रहे किसान नेता राजिंदर सिंह दीपसिंहवाला कहते हैं, “हमने दिल्ली पुलिस को स्पष्ट कर दिया है कि ट्रैक्टर परेड दिल्ली में दाखिल होगी, कोई बैरिकेड किसानों के ट्रैक्टरों को रोक नहीं पाएगा.”दीपसिंहवाला बताते हैं, “पुलिस ने हमसे बाहरी पेरिफेरल हाइवे पर परेड निकालने के लिए कहा है, लेकिन हमने स्पष्ट कर दिया है कि परेड दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर ही होगी. हमारा गणतंत्र दिवस की परेड को डिस्टर्ब करने का भी कोई इरादा नहीं है.”वो कहते हैं, “हमें उम्मीद है कि दिल्ली पुलिस अपने आप ही बैरिकेड हटा देगी. हम ये ज़ोर देकर कह रहे हैं कि किसानों ने दिल्ली में परेड निकालने का इरादा कर लिया है और कोई भी किसानों को रोक नहीं पाएगा.”
वहीं दिल्ली पुलिस के ज्वाइंट सीपी (नॉर्दन रेंज) एसएन यादव ने बीबीसी से कहा, “पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए हैं और किसान नेताओं से परेड को लेकर बातचीत जारी है.”क्या दिल्ली पुलिस ट्रैक्टर परेड के लिए बैरिकेड हटा देगी और किसानों को दिल्ली में दाखिल होने देगी, इस सवाल पर यादव कहते हैं, “अभी इस बारे में अंतिम फ़ैसला नहीं किया गया है. किसानों से इस पर फ़िलहाल चर्चा चल रही है. हमारा पहला मक़सद राजधानी में सुरक्षा और शांति बनाए रखना है.”
इधर किसानों और सरकार के बीच 10वें दौर की बातचीत बुधवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में हुई, जिसमें सरकार ने 18 महीनों के लिए कृषि क़ानून टालने का प्रस्ताव रखा है. 11वें दौर की बातचीत 22 जनवरी को होगी.बैठक में सरकार के प्रस्ताव पर अभी किसान नेताओं की बातचीत होनी बाक़ी है. लेकिन इस बीच किसान अपनी ट्रैक्टर रैली को लेकर तैयारियाँ करते दिख रहे हैं
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