गैस सब्सिडी मैं कटौती की तैयारी, जिसको जरूरत है उसी को देगी सब्सिडी सरकार

अब जिसको जरूरत होगी, सरकार उसे ही सब्सिडी देगी। कभी राजनीतिक तौर पर बेहद संवेदनशील रहने वाली पेट्रोलियम सब्सिडी में एकमुश्त 27,920 करोड़ रुपये की कमी की गई है। इसमें एक संदेश यह भी है कि घरेलू रसोई गैस यानी एलपीजी पर अब ज्यादातर लोगों को सब्सिडी नहीं मिलेगी।

वित्त मंत्री ने 2021-22 के दौरान पेट्रोलियम सब्सिडी की राशि को चालू वित्त वर्ष के बजटीय अनुमान 40,915 करोड़ रुपये की तुलना में घटाकर 12,995 करोड़ रुपये किया है। सब्सिडी सिर्फ दूरदराज के इलाकों में रहने वालों या ग्रामीण क्षेत्र की गरीब जनता को मिलेगी।

बड़ी राशि एक करोड़ नए उज्ज्वला कनेक्शन पर खर्च होगी। इसका दूसरा मतलब यह भी है कि आने वाले दिनों में अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड महंगा होता है तो आम जनता को महंगे पेट्रोल व डीजल के साथ महंगी रसोई गैस भी खरीदनी पड़ेगी।पिछले कुछ महीनों के दौरान एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में कई बार इजाफा हो चुका है।

इसी तरह से वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अब केरोसिन सब्सिडी नहीं दी जाएगी। सरकार का तर्क है कि पहले खाना बनाने के लिए केरोसिन सब्सिडी दी जाती थी, लेकिन अब हर गरीब को एलपीजी कनेक्शन दिया जा रहा है, इसलिए इसकी जरूरत नहीं है।

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