गुजरात में दो चरणों में स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं 21 फ़रवरी और 28 फ़रवरी को दो चरणों में स्थानीय निकाय चुनाव होंगे. एक ओर जहाँ कांग्रेस पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है, वहीं बीजेपी भी चुनावों को लेकर कमर कस चुकी है.
गुजरात बीजेपी प्रमुख सीआर पाटिल ने हाल ही में उम्मीदवारों के लिए आवश्यक मानदंडों की घोषणा की है. उन्होंने अपनी घोषणा में कहा कि 60 साल से अधिक आयु के लोगों, नेताओं के रिश्तेदारों और जो लोग पहले से ही कॉर्पोरेशन में तीन कार्यकाल पूरा कर चुके हैं, उन्हें इस बार टिकट नहीं दिया जाएगा.सीआर पाटिल की इस घोषणा के बाद से ही प्रदेश में भाजपा कार्यकर्ताओं-नेताओं के बीच हलचल का माहौल है.
पीएम मोदी के बड़े भाई प्रह्लाद मोदी ने भी इस संबंध में टिप्पणी की है.बीबीसी से बात करते हुए प्रह्लाद मोदी ने कहा कि उनकी बेटी सोनल मोदी अहमदाबाद के बोदकदेव से चुनाव लड़ना चाहती थीं. लेकिन अब जब इस तरह के मानदंड तय किए गए हैं,
तो यह तय हो जाता है कि वो चुनाव नहीं लड़ पाएंगी, क्योंकि वो तो सीधे तौर पर पीएम मोदी के परिवार से आती हैं. हमने कभी भी ऐसा कुछ होने की उम्मीद नहीं की. हम पीएम मोदी की तस्वीर का इस्तेमाल करके अपनी ज़िंदगी नहीं चलाते हैं. हमारे परिवार के सभी सदस्य कठिन परिश्रम करते हैं, कमाते हैं और उसी से अपना ख़र्च चलाते हैं. मैं राशन की एक दुकान चलाता हूँ.
बीजेपी में हमारे परिवार की ओर से कोई भाई-भतीजावाद नहीं है. नरेंद्र मोदी ने साल 1970 में घर छोड़ दिया था और पूरे भारत को ही अपना घर बना लिया. इस तरह भारत का हर नागरिक उनका रिश्तेदार है. वह ख़ुद भी ऐसा कहते रहे हैं.
वह हमारे परिवार में पैदा ज़रूर हुए हैं, लेकिन वो भारत के बेटे हैं. ऐसे में तो कोई भी चुनाव लड़ने के लिए योग्य नहीं रह जाएगा. सभी उनके भाई-बहन होंगे. नरेंद्र भाई ने खुद भी यह बात कही है कि वे किसी एक से नहीं जुड़े हैं. भारत के सभी लोग उनके भाई-बहन हैं, तो ऐसे में यह नियम हम पर कैसे लागू होता है?
सवाल- तो क्या फिर नरेंद्र भाई आपके परिवार के सदस्य नहीं हैं?
जवाब- भारत सरकार ने परिवार की एक परिभाषा तय की है. जिन-जिन लोगों के नाम घर के राशन कार्ड पर हैं, वे सभी परिवार के सदस्य हैं. हमारे परिवार के राशन कार्ड में नरेंद्र दामोदरदास मोदी का नाम नहीं. तो क्या वह मेरा परिवार हैं?
मैं यह सवाल आपसे और दूसरे लोगों से पूछ रह हूँ. जिस राशन कार्ड में नरेंद्र भाई का नाम है, वो अहमदाबाद के रानी का है. तो ऐसे में रानी के लोग उनका परिवार हुए.
सवाल- राशन कार्ड में नाम नहीं होना- इसके आपके लिए क्या मायने हैं?
जवाब- मुझे लगता है कि परिवार के लोगों का राशन कार्ड पर नाम हो, ये नियम सरकार ने बनाया है और इसका पालन होना चाहिए. पार्टी को भी इसका पालन करना चाहिए
तेजस वैद्य- संवाददाता, बीबीसी द्वारा
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