उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव : 45 दिनों में करनी होगी पूरी चुनावी प्रक्रिया हाईकोर्ट के आदेशानुसार

उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने भले ही हाई कोर्ट से 60 दिन की मोहलत मांगी थी, लेकिन वर्ष 2000 में आयोग मात्र 37 दिनों में चुनाव की प्रक्रिया पूरी करने का रिकॉर्ड बना चुका है। जल्द चुनाव कराने को लेकर हाई कोर्ट के रुख को देखते हुए आयोग अब 42 से 45 दिनों में ही चुनाव कराने की तैयारी में जुट गया है। 30 अप्रैल, 2021 तक प्रक्रिया पूरी करने के लिए आयोग 18 मार्च को पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी कर सकता है। बशर्ते राज्य सरकार पदों के आरक्षण की अधिसूचना समय से जारी कर दे।

वैसे तो उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव पिछले वर्ष 25 दिसंबर से पहले ही हो जाने चाहिए थे, लेकिन कोरोना के कारण टले चुनाव अब ज्यादा टलते नहीं दिखाई दे रहे हैं। गुरुवार को हाई कोर्ट के संबंधित फैसले से साफ है कि अब चुनाव को लेकर किसी तरह की टालमटोल नहीं हो सकती है। अब आयोग को चूंकि 30 अप्रैल तक चुनाव की प्रक्रिया पूरी ही करनी है, इसलिए वह 60 दिन के बजाय 42 से 45 दिनों में चुनाव कराने का कार्यक्रम बनाने की दिशा में काम करने लगा है।

उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव पर हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान मौजूद रहे राज्य निर्वाचन आयोग के अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा ने कोर्ट के फैसले पर कहा कि आयोग, हाई कोर्ट द्वारा तय समय-सीमा में चुनाव कराने को पूरी तरह से तैयार है। चुनाव कराने के लिए हमारी मतदाता सूची प्रकाशित हो चुकी है। 52.50 करोड़ मतपत्र व 90 हजार मतपेटियां जिलों में भेजी जा चुकी हैं।

चूंकि इस बार पूरी चुनाव प्रक्रिया 45 दिनों के अंदर ही पूरी की जानी है, इसलिए आयोग चारों पदों के लिए एक साथ चार चरणों में चुनाव कराने की तैयारी में जुटा है। यानी प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, क्षेत्र पंचायत सदस्य व जिला पंचायत सदस्य के लिए एक साथ वोट डाले जाएंगे। सुरक्षा व्यवस्था व कर्मियों की संख्या को देखते हुए बस तय यह किया जाना है कि किसी भी चरण में एक ही जिले को चार चरणों में बांटकर एक हिस्से के सभी पदों का चुनाव कराया जाए या फिर हर एक चरण में 18 मंडलों के एक चौथाई जिलों के सभी पदों के चुनाव कराए जाएं।

यो बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने  सख्त रुख अपनाते हुए कोर्ट ने आयोग को 30 अप्रैल तक पंचायत चुनाव कराने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को 17 मार्च तक सीटों का आरक्षण पूरा करने का भी आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति एमएन भंडारी व न्यायमूर्ति आरआर अग्रवाल की खंडपीठ ने विनोद उपाध्याय की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है।

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