यूपी में दलित एवं जाट बिरादरी के वोट पर बीजेपी की नजर

आर जे न्यूज़-

विधानसभा चुनावों से पहले टीम योगी अंतिम मंत्रिमंडल के विस्तार की ओर बढ़ रही है। पीएमओ से वरिष्ठ आइएएस अधिकारी एके शर्मा को एमएलसी बनाने के बाद उन्हें बड़ा ओहदा मिलना तय माना जा रहा है, वहीं पश्चिम यूपी की धरती पर किसान आंदोलन का पारा गरमाने से यहां से भी नए मंत्री बनाए जा सकते हैं। मेरठ के कई चेहरों पर उम्मीदें नजर आ रही हैं। हालांकि पश्चिम यूपी से मंत्री बनाए गए कई नामों पर गाज गिरने की भी चर्चा है।

विस चुनावों में करीब एक साल का वक्त बचा है। टीम योगी में एक बार फिर बड़े फेरबदल की तैयारी है। गत दिनों पार्टी मंत्रिमंडल विस्तार के मूड में नहीं थी, लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय के आइएएस अधिकारी एके शर्मा को यूपी से एमएलसी बनाने के बाद हलचल तेज हो गई है।

शर्मा को एमएसएमई सेक्टर का मास्टर माना जाता है, ऐसे में उन्हें यह पोर्टफोलियो मिल सकता है। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा वेस्ट यूपी का लेकर है। यहां से कैबिनेट मंत्री के रूप में चौ. भूपेंद्र चौधरी और सुरेश राणा हैं, जबकि अतुल गर्ग, कपिल देव अग्रवाल, अनिल शर्मा, विजय कश्यप और अशोक कटारिया राज्य मंत्री या स्वतंत्र प्रभार के हैं।

पार्टी मे उठ रही चर्चाओं के मुताबिक प्रदेश सरकार इनमें से कई मंत्रियों के प्रदर्शन से खुश नहीं हैं, ऐसे में उन्हें हटाकर नए नामों को मंत्री बनाया जा सकता है। हाल में एमएलसी बनाए गए अश्विनी त्यागी को भी मंत्री बनाने की बात उठ रही है। इस बहाने पार्टी एक त्यागी को टीम योगी में भेजकर बड़ा संदेश दे सकती है, लेकिन पार्टी उन्हें प्रदेश महामंत्री होने के नाते संगठन में रखने पर जोर देगी। साथ ही जातीय समीकरण देखें तो भूमिहार जाति से आने वाले पूर्व आइएएस अधिकारी एके शर्मा को बढ़त मिलती नजर आ रही है।

मेरठ के हस्तिनापुर विधायक दिनेश खटीक को अनूसूचित होने के साथ ही संघ के करीबी होने का फायदा मिल सकता है। दिनेश अपनी विस में लोगों के हक के लिए लड़ने वाले विधायक माने जाते हैं। जाट नेता के रूप में छपरौली विधायक सहेंद्र सिंह का नाम भी रेस में चल रहा है। इस बहाने भाजपा किसान आंदोलन में बड़ी संख्या में शामिल होने वाले जाटों को साधेगी।

यह विस चौ. चरण सिंह एवं उनके परिवार का गढ़ रहा है, जहां से निकलने वाला संदेश पूरे वेस्ट यूपी के किसानों के बीच पहुंचेगा। किसान आंदोलन में बड़े चेहरे बनकर उभरे राकेश टिकैत और रालोद की ओर से इसे हवा दे रहे जयंत चौधरी भी जाट हैं, ऐसे में भाजपा एक तीर से तीन निशाने साधेगी। राजनीतिक पंडितों की मानें तो एक गुर्जर चेहरे पर भी पार्टी में मंथन चल रहा है।

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