बिहार: तेजस्वी यादव ने नितीश सरकार पर साधा निशाना, कोरोना जांच घोटाले पर की टिप्पणी

आर जे न्यूज़-

बिहार सरकार पर वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की जांच के नाम पर  फर्जीवाड़े के आरोप लग रहे हैं। बिहार में विपक्षी दल के नेता और लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने कोरोना जांच में घोटाला को लेकर शुक्रवार को नीतीश सरकार पर हमला बोला है। तेजस्वी यादव ने कहा कि मीडिया ने कोरोना जांच को लेकर की जा रही कथित फर्जी इंट्रियों को उजागर किया है।

आंकड़ों में हेरफेर करके फर्जीवाड़ा चल रहा था। इसी तरह से कई सालों में सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाया गया। उन्होंने इस घोटाले के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जवाबदेह ठहाराया है। राजद के नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट में कहा, मैंने पहले ही बिहार में कोरोना घोटाले की भविष्यवाणी की थी। जब हमने घोटाले का डेटा सार्वजनिक किया था तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार  ने हमेशा की तरह नकार दिया।

इन्होंने अधिकारी बदल एंटीजन का वो “अमृत” मंथन किया कि 7 दिनों में प्रतिदिन टेस्ट का आंकड़ा 10 हजार  से एक लाख और 25 दिनों में 2 लाख पार करा दिया। जानकारी के मुताबिक, बिहार में कोरोना जांच के नाम पर जो कथित घोटाला हुआ है, उसके अभी तक दो तीन बिंदु बिल्कुल साफ हैं। एक तो यह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डेटा की जो इंट्री हुई है, उसमें न तो मोबाइल नंबर और न ही पता मैच कर रहा है और बहुत सारे मोबाइल नंबर फर्जी साबित हुए हैं।

कई लोगों से बात करने पर पता चला है कि उनकी जांच तो कभी हुई नहीं। सरकार इसके पीछे तीन कारण गिना रही है। हालांकि, विपक्ष का कहना है कि जांच के नाम पर ‘एंटीजन घोटाला’ हुआ है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने ढाई महीने पहले विधानसभा में यह अंदेशा जताया था। नीतीश सरकार का कहना है कि बहुत सारे लोगों ने जैसे-  एक ही परिवार के कई लोगों की जांच हुई,  तो उन्होंने एक ही फोन नंबर दे दिया।

कई लोगों ने अपने नाम और पते गलत दिए क्योंकि महामारी को लेकर लोगों में कुछ भ्रांतियां हैं। कोरोना की जांच के लिए दो तरह के टेस्ट- एंटीजन और आरटी पीसीआर- किए जाते हैं। बिहार में 2 करोड़ से ज्यादा टेस्ट हुए हैं, जिसमें से करीब 80 प्रतिशत टेस्ट एंटीजन हैं। इसके बारे में केंद्र की ओर से बिहार सरकार को भी बार-बार सुझाव दिए जा रहे थे कि आरटी पीसीआर टेस्ट किया जाए।

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