फर्जी डिपो बनाकर बसें चला रहे गिरोह का पर्दाफाश, तीन गिरफ्तार

आर जे न्यूज़-

लखनऊ। रोडवेज बसों की तरह रंग रोगन कर व फर्जी डिपो बनाकर बसें दौड़ा रहे तीन जालसाजों को बुधवार को राजधानी में दबोच लिया गया। ये दोपहर कैसरबाग स्थित अड्डे पर सवारी भरने पहुंचे थे। रोडवेज कर्मियों की सूचना पर सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (प्रबंधन) मौके पर पहुंचे तो देखा कि बस (यूपी 32 ईएन 8616) में हरदोई जाने वाली सात सवारियां बैठी हैं।

इसी के पास इनोवा कार में बैठे एक युवक के इशारे पर चालक व परिचालक सवारियों को बस में ले जा रहे थे। युवक समेत तीन लोगों को स्थानीय पुलिस चौकी ले जाया गया। वहां पूछताछ में इन्होंने खुद को ठिंगरी भारत सड़क परिवहन का अपर प्रबंध निदेशक व अन्य पदाधिकारी बताया। परिवहन निगम के उच्च अफसरों ने इनके खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है।

सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (प्रबंधन) रमेश सिंह विष्ट ने बताया कि पुलिस जिन तीन लोगों को हिरासत लिया है उनमें तौकीर शेख व सादिक निवासी आजमगढ़ और अनिल कुमार सिंह निवासी माल रोड हरदोई हैं। इनमें तौकीर शेख ने खुद को ठिंगरी भारत सड़क परिवहन निगम का अपर प्रबंध निदेशक बता रहा था। जबकि अनिल कुमार सिंह चालक एवं सादिक परिचालक था। वजीरगंज कोतवाल घनश्याम मणि त्रिपाठी ने बताया कि बस का परमिट नहीं था, जिसको सीज कर लिया गया है।

उधर, लखनऊ परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक पीके बोस ने बताया कि तौकीर शेख प्राइवेट बस को परिवहन निगम की बसों के रंग में रंग करके अड्डे पर लाया था। तौकीर सवारी ढोने का परमिट केंद्र सरकार के द्वारा दिए जाने का झांसा दिया जा रहा था। जबकि पुलिस की जांच में पकड़ी बस का परमिट न होने पर उसे जब्त किया गया है। सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया कि तौकीर शेख ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उसका शाहजहांपुर में बस डिपो है। इस डिपो में 10 बसें और लखनऊ के हुसैनाबाद में चार बसें खड़ी होने की जानकारी दी। तौकीर ने यह भी जानकारी दी कि उसके पिता की दुबई में बसें चल रही हैं। इन बसों को सवारी ढोने के लिए उनको परमिट दिया गया है।

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