बिजली का करंट लगने से दो माह के भीतर तीन हाथियों की मौत, आखिर मासूमों की मौत का कौन है जिम्मेदार
आर जे न्यूज़-
नैनीताल। उत्तराखंड में वनों से लगी मानव बस्तियां हाथी की कब्रगाह बनती जा रही हैं। लैंसडाउन वन प्रभाग के लाल ढ़ांग रेंज के अन्तर्गत चिलरखाल से दो सौ मीटर आगे खेत से लगी बाढ़ के पास लगभग 10 वर्षीय मादा हाथी मृत पाई गई है। जिसकी मौत का कारण बिजली का करंट लगना बताया जा रहा है।
बताते चलें कि इससे पूर्व में नैनीताल जिले के रामनगर क्षेत्र के गौजानी गांव में 31 जनवरी को भी एक हाथी की खेत में मौत तथा 21 दिसंबर को नैनीताल जिले के हल्दूचौड़ के बच्ची धर्मा गांव में एक अन्य हाथी की बिजली का करंट लगने से मौत हो गई थी।
वहीं हाथी की मौत की सूचना से वन विभाग में हड़कंप मच गया है। वन विभाग के अधिकारियों द्वारा मौके पर पहुंचकर जांच कर रहे हैं। प्रथमदृष्टया हथिनी की मौत करंट लगने से हुई बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि मृतक हथिनी का दो चिकित्सकों के पैनल से पोस्टमार्टम कराया जाएगा। उसके बाद ही मौत के सही कारण का पता लग सकेगा।
बरहाल उत्तराखंड में एक के बाद एक तीन हाथियों की करंट लगने से हुई मौतों ने वन महकमे के द्वारा वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए किए जाने वाले तमाम दावों की पूरी तरह से पोल खोल कर रख दी है।
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