किसानों पर अंग्रेजों ने भी इतने जुल्म नहीं किये थे जितने भाजपा सरकार कर रही है – अरविन्द केजरीवाल

आर जे न्यूज़-

मेरठ:- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तीन नए कृषि कानूनों को किसानों के लिए ‘मौत का फरमान’ करार दिया है। कहा कि इससे किसानों की जमीन छीन ली जाएगी और किसान अपने ही खेत में मजदूर बनकर रह जाएगा। मेरठ में आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि भीषण ठंड में किसान लगातार आंदोलन इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि उनकी खेती पूंजीपतियों के पास चली जाएगी। किसान अपने ही खेत में मजदूर बन जाएगा।

उन्होंने दावा किया कि पिछले 25 साल में साढ़े तीन लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा ने सरकार बनने के तीन साल के अंदर ही किसानों को धोखा दे दिया। आज पूरे देश में किसानों पर अत्याचार हो रहा है। पानी की बौछारें छोड़ी जा रही हैं, उनके रास्ते में कीलें बिछाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि वे किसान हैं, देश के दुश्मन नहीं हैं। अंग्रेजों ने भी इतने जुल्म किसानों पर नहीं किये थे । इन लोगों (बी.जे.पी.सरकार) ने तो अंग्रेजों को भी पीछे छोड़ दिया।

केजरीवाल ने आरोप लगाया कि किसानों पर झूठे मुकदमे किये जा रहे हैं। उन्होंने दावा किया, ‘‘ लालकिले का पूरा कांड इन लोगों ने खुद कराया। मेरे पास आने वाले तमाम लोगों ने कहा कि इन लोगों ने जानबूझकर किसानों को लालकिले का रास्ता दिया। जिन लोगों ने लालकिले पर झंडा फहराया, वह इनके अपने कार्यकर्ता थे।’’ केजरीवाल ने कहा कि किसान कुछ भी हो सकता है लेकिन देशद्रोही नहीं हो सकता है। आज भा.ज.पा. की सरकार किसानों पर देशद्रोह का मुकदमा कर रही है। किसानों को आतंकवादी बता रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि वर्ष 2014 के घोषणापत्र में भाजपा ने कहा था कि स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करेंगे। फसल का 50 प्रतिशत लाभ देंगे, एम.एस.पी. लागू करेंगे।

लेकिन सरकार बनने पर वर्ष 2017 में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा कि एमएसपी नहीं दे सकते। केजरीवाल ने कहा,‘‘देश में 70 साल में सभी पार्टी की सरकारें आईं। सभी ने किसानों के साथ छल किया है। किसानों ने केवल अपनी फसल की कीमत मांगी है लेकिन उसे भी नहीं दे रहे हैं। हर पार्टी के घोषणापत्र में किसानों की बात होती है, लेकिन उसे पूरा नहीं किया जाता है।उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार ने नौ स्टेडियम को जेल बनाने के लिए पत्र भेजा था, जिसकी फाइल उन्हें भेजी गई लेकिन उन्होंने उसे मंजूरी नहीं दी। उन्होंने कहा,‘‘अगर हम जेल बनाने देते तो ये किसानों को वहां कैद कर लेते और सारा आंदोलन खत्म हो जाता।’’

केजरीवाल ने कहा कि राकेश टिकैत किसानों के लिए बार्डर पर अपना शरीर तपा रहे हैं, लेकिन सरकार ने जो किया उस कारण उनकी आंखों में आंसू आ गए। सरकार धरना समाप्त कराना चाहती थी। इस कारण राकेश टिकैत के आंसू निकल आए। केजरीवाल ने यूपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यहां के चीनी मिलों पर किसानों का 18 हजार करोड़ रुपये बकाया है और राज्य की योगी सरकार किसानों को उनकी फसल का दाम नहीं दिला पा रही है। उन्होंने कहा,‘‘मैं पूछना चाहता हूं योगीजी, क्या मजबूरी है…..? क्यों आपकी पूरी सरकार चीनी मिल मालिकों के सामने घुटने टेक कर बैठी है?

अगर आप अपने गन्ना किसानों को मिल मालिकों से पैसा नहीं दिला सकते तो आपकी सरकार को लानत है।’’केजरीवाल ने कहा कि यूपी में सही नीयत वाली सरकार लानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि जिस दिन यूपी में सही नीयत वाली सरकार आएगी, उस दिन यूपी के किसान इधर अपने ट्रैक्टर से मिल पर गन्ना डालकर जाएंगे और उधर आपके घर पहुंचने से पहले पैसा खाते में आ जाएगा। बता दें कि कांग्रेस, रालोद के बाद “आम आदमी पार्टी” ने किसान महापंचायत की शुरुआत मेरठ से की है। अब जगह जगह किसान महापंचायतें पूरे उत्तर प्रदेश में होंगीं।

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